![Nep 2020: नई शिक्षा नीति का मकसद समावेश और उत्कृष्टता: राष्ट्रपति 4 Digital education portal default feature image](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/12/digital-education-portal-default-feature-image.png?fit=1200%2C630&ssl=1)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि नई शिक्षा नीति का मकसद समावेशी और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्य को हासिल करके 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना है।
राष्ट्रपति ने ‘उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन’ विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह नीति सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक समतामूलक और जीवंत रूप से शिक्षित समाज विकसित करने की सोच का निर्धारण करती है।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति न सिर्फ हमारे युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी। कोविंद ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों पर भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने की अधिक जिम्मेदारी है। अन्य संस्थान इन संस्थानों द्वारा स्थापित गुणवत्ता मानकों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि नई नीति के मूल सिद्धांतों में तार्किक निर्णय लेने तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मकता एवं महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को समाहित करना शामिल है।
यह नीति महत्वपूर्ण दृष्टिकोण और जिज्ञासा की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयास भी करती है। नीति के प्रभावी कार्यान्वयन से भारत की शिक्षा के महान केंद्रों तक्षशिला और नालंदा के समय के गौरव को हासिल किया जा सकता है। कोविंद ने भगवत गीता और कृष्ण-अर्जुन संवाद का जिक्र करते हुए शिक्षकों और छात्रों के बीच मुक्त संचार की अवधारणा पर जोर दिया। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
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