विश्वविद्यालयों और विभिन्न कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र अब सितंबर की बजाय नवंबर में शुरू होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया है। विश्वविद्यालयों के लिए बनाए गए नए शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, यह देरी अगले शैक्षणिक सत्र में भी लागू रहेगी।
यूजीसी ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इस बारे में सूचित किया है। संशोधित कैलेंडर में यूजीसी ने कहा, “प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी की जाए और कक्षाएं 1 नवंबर से शुरू हो जानी चाहिए।
शैक्षणिक समय के नुकसान की भरपाई के लिए सभी कॉलेजों से अगले दो सत्रों तक सर्दी या गर्मी का अवकाश नहीं लेंगे और सप्ताह में छह दिन पढ़ाई कराएंगे।”
यूजीसी ने कहा, “ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन अवकाश न लेने से इस शैक्षणिक कार्य दिवसों के हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है। इस वर्ष छात्रों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए देश के सभी विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-2022 में पांच की बजाय छह दिन के सप्ताह की व्यवस्था लागू कर सकते हैं।”
यूजीसी के मुताबिक, 30 नवंबर से पहले दाखिला वापस लेने वाले छात्रों की पूरी फीस वापस की जाएगी। यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, लॉकडाउन और अन्य संबंधित कारणों से उत्पन्न हुई आर्थिक समस्याओं के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। दाखिला वापस लेने पर सभी मदों की पूरी फीस रिफंड की जाएगी।
इससे पहले, यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार सितंबर में शुरू किया जाएगा।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.