IIT-JEE की परीक्षा देश के टॉप एंट्रेंस परीक्षाओं में से एक हैं। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। देश के टॉप IIT काॅलेजों में पढ़ने का सपना देखने वाले इन उम्मीदवारों में कुछ के ही सपने पूरे होते हैं। ज्यादातर उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगती है। लेकिन यदि आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि हर साल विफल होने वाले उम्मीदवारों से एक ही तरह की गलतियां बार – बार होती हैं। आज इस ब्लॉग में हम आपको ऐसे ही 10 सामान्य गलतियों के बारे में बताएंगे जो छात्र अक्सर दोहराते हैं। साथ ही इन गलतियों को सुधारने के उपाय भी बताएंगे।
IIT-JEE जैसी परीक्षा में विफल होने वाले ज्यादातर छात्र तैयारी की शुरुआत में ही गलतियां करने लगते हैं। शुरुआत में ही परीक्षा के पूरे सिलेबस को जाने बगैर तैयारी शुरू कर देते हैं। बता दें कि इस परीक्षा में गणित, फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन से प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन इन विषयों में कई ऐसे टॉपिक्स होते हैं जिन्हें 12वीं के कोर्स से अलग किया गया है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप सिलेबस को बेहतर तरीके से देख लें। अनावश्यक चीजों को पढ़कर उसमें वक़्त बर्बाद करने से बचें।
2. रूटीन फॉलो नहीं करना
आवेदन के पश्चात पढ़ाई का जोश रखने वाले कई छात्र एक उचित प्लानिंग के तहत डेली रूटीन बनाते हैं। लेकिन यह रूटीन सिर्फ नाम मात्र का होता है। छात्र एक परफेक्ट रूटीन को फॉलो ना कर के मन के मुताबिक़ पढ़ाई करते हैं। जिसके परिणा स्वरूप परीक्षा से पहले पूरा सिलेबस कवर नहीं हो पाता है। यह परीक्षा बहुत कठिन होती है इसमें कॉम्पटीशन भी बहुत ज्यादा होता है तो आपको इसके लिए नियम के साथ चलना बहुत जरूरी है। यदि आप ट्रैक से भटके तो परिणाम नाकारात्मक होने लगते हैं।
3. कई तरह के किताबों को पढ़ना
पूरी तैयारी के वक़्त छात्र कई तरह के स्टडी मटेरियल का उपयोग करने लगते हैं। छात्रों को लगता है कि ज्यादा तरह की किताब पढ़ेंगे तो ज्यादा चीजें पढ़ लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, आपको अपने सिलेबस के अनुसार ही स्टडी मटेरियल का चयन करना चाहिए। जितनी ज्यादा किताब पढ़ेंगे आपको उतना ज्यादा कन्फ्यूज़न होगा। आप 12वीं की किताबों को ज्यादा पढ़ें।
4. न्यूमेरिकल पर ज्यादा समय देते हैं
IIT-JEE की परिक्षा न्यूमेरिकल और थ्योरी दोनों पर आधारित होता है। 2018 के बाद नियमों के बदलाव में न्यूमेरिकल को बढ़ावा दिया गया है। लेकिन यदि आप सिर्फ न्यूमेरिकल पर ही निर्भर हो जाएंगे तो काम नहीं चलेगा। आपको थ्योरी को भी बराबर समय देकर तैयार करना होगा। ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों में थ्योरी का अहम रोल होता है।
5. बेसिक पर जोर नहीं देते हैं
IIT-JEE की परीक्षा देश के टॉप एंट्रेंस एग्जाम में से एक है। इस परीक्षा के लेवल को देखते हुए उम्मीदवार बड़े कोचिंग संस्थानों के कहे अनुसार कठिन विषयों को पढ़ने लगते हैं। इस चक्कर में वो बेसिक पर ध्यान देना भूल जाते हैं। अंतिम परीक्षा में कई सवाल बेसिक लेवल के भी पूछ लिए जाते हैं जिससे छात्रों को परेशान होती है। इसलिए यदि आप परफेक्ट तैयारी कर रहे हैं तो आपको बेसिक पर जोर देना होगा।
6. खुद की क्षमता का आकलन नहीं करना
आपके लिए जरूरी है कि आप किसी भी परीक्षा की तैयारी के वक़्त खुद की क्षमता का आकलन करते रहें। अक्सर हमें लगता है कि हमने बहुत अच्छी तैयारी की है परन्तु अंतिम परीक्षा में स्पीड की कमी के कारण विफल हो जाते हैं। इसलिए आपको तैयारी के दौरान मॉक टेस्ट देते रहना चाहिए। इससे आप अपनी स्पीड को बेहतर कर सकेंगे।
7. कम प्रैक्टिस करना
ज्यादातर छात्रों के साथ यह होता है कि पूरे सिलेबस को जानने के बाद वो सारे टॉपिक को कवर करने में लग जाते हैं। यह अच्छी बात है कि आपको पूरा सिलेबस कवर करना चाहिए। लेकिन इसमें आप प्रैक्टिस करना ना छोड़ें। आपने जितनी भी पढ़ाई की है उसकी प्रैक्टिस जरूर करते रहें। यदि आप इसके लिए विगत कुछ वर्षों के पेपर की मदद लेते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
8. तुक्का मारने से बचें
बता दें कि IIT-JEE की परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न आते हैं, कई छात्र जल्दीबाजी के चक्कर में तुक्का मारने लगते हैं। कुछ सवालों के जवाब कन्फर्म ना होने पर तुक्का ना मारें बल्कि उसको छोड़कर आगे बढ़ जाएं। क्योंकि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की जाती है। इसलिए यदि आप जवाब के लिए 100% कन्फर्म ना हों तो जवाब ना दें।
9. एक साथ कई टॉपिक पढ़ना
स्टडी प्लानिंग के बिना पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ यह दिक्कत हमेशा रहती है कि वो एक साथ कई टॉपिक्स को पढ़ते हैं। जैसे जब वो गणित के किसी एक टॉपिक पर अटकते हैं तो उसको छोड़कर फिजिक्स के किसी टॉपिक को पढ़ने लगते हैं। ऐसा करने से आपके दोनों टॉपिक ठीक से तैयार नहीं हो पाएंगे। आपके लिए जरूरी है कि एक समय में एक ही टॉपिक को पढ़ें। जब तक उसको अच्छे से समझ ना लें तबतक उससे जूझते रहें।
10. परीक्षा के दौरान घबराना
यह सामान्य व्यवहार होता है कि परीक्षा से ठीक पहले छात्र घबराने लगते हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है आत्मविश्वास का होना। आपने अगर तैयारी के वक़्त पूरे लगन से पढ़ाई की है तो आपको बिलकुल निश्चिंत होना चाहिए। परीक्षा के दौरान दबाव में आकार आप कई तरह की असामान्य गलतियां कर बैठते हैं। छात्रों को कभी अपनी पढ़ाई बोरिंग नहीं लगनी चाहिए।
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