केंद्र सरकार ने मंगलवार को 21 सितंबर से स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों की कक्षाएं चालू करने की छूट दे दी है, लेकिन इसके लिए बहुत कड़े दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं, जिनका पालन किए बिना स्कूल खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इनमें सबसे अहम अभिभावकों की लिखित सहमति लेने की रहेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से स्कूल खोलने के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक, जहां स्कूलों को हर कक्षा के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करना होगा, वहीं शिक्षकों, छात्रों और स्कूल के अन्य स्टाफ के बीच कम से कम 6 फुट की दूरी बनाए रखने की भी व्यवस्था करनी होगी।
इसके लिए जमीन पर जगह 6-6 फुट दूरी पर मार्किंग की जाएगी। स्कूल परिसर में छात्रों के आपस में कॉपी-किताब या पेंसिल-पेन, वॉटर बोतल आदि चीजें शेयर करने की भी अनुमति नहीं मिलेगी। शिक्षकों, छात्रों और अन्य स्टाफ को लगातार हाथ धोने, फेस मास्क पहनना होगा। स्कूल प्रबंधन को इधर-उधर थूके जाने की भी निगरानी करानी होगी। स्कूलों में प्रार्थना सभा आयोजित नहीं की जाएगी।
Play
Unmute
Loaded: 0.17%
Fullscreen
स्कूलों को रखना होगा ये ध्यान
एसओपी में स्कूलों को सलाह दी गई है कि बंद कमरे के बजाय कक्षाओं की व्यवस्था खुले में की जा सकती है। स्कूल नहीं आने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षा जारी रखी जाएंगी। स्कूल के अंदर मौजूद कैंटीन को बंद रखा जाएगा। रोजाना स्कूल खुलने से पहले पूरा परिसर, सभी कक्षाएं, प्रैक्टिकल लैब और बाथरूम सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सेनिटाइज कराए जाएंगे।
खासतौर पर क्वारंटीन सेंटर बनाए गए स्कूलों को पहले ही कई बार सेनिटाइज कराना होगा। प्रैक्टिकल लैब के अंदर छात्राें के बीच दूरी बनाए रखने के लिए कम संख्या में बैच बनाए जाएंगे। साथ ही लैब के अंदर हर छात्र के लिए 4 वर्गमीटर का गोला खींचा जाएगा।
साथ ही महज 50 फीसदी शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ ही एक बार में बुलाने की अनुमति होगी। जहां बायोमीट्रिक से हाजिरी का सिस्टम है, वहां स्टूडेंट्स के लिए कोई अन्य व्यवस्था करनी होगी। जहां भी संभव हो आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराकर निगरानी की व्यवस्था की जाए। यदि स्कूल आने जाने के लिए वाहन की व्यवस्था करा रहा है तो उसे भी हर रोज पहले सेनिटाइज कराना होगा।
करानी होगी रेगुलर जांच की व्यवस्था
स्कूल प्रबंधन को अपने यहां थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करनी होगी। स्कूल में प्रवेश से पहले पूरे स्टाफ और बच्चों की थर्मल स्कैनिंग और ऑक्सीजन लेवल मांपने की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।
साथ ही उनके हाथ भी सेनिटाइज कराने होंगे। शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को फेस मास्क व हैंड सेनिटाइजर स्कूल उपलब्ध कराएगा। डस्टबिन कहीं पर भी खुला नहीं रहना चाहिए। सफाईकर्मी रखने से पहले उसे सेनिटाइजेशन का तरीका सिखाया जाना चाहिए।
इनके स्कूल आने पर रोक
किसी भी क्वारंटीन जोन से आने वाले छात्र, शिक्षक या कर्मचारी नहीं बुलाए जाएंगे।
बीमार, बुजुर्ग या गर्भवती महिला को भी स्कूलों से दूर ही रखना होगा।
थर्मल स्कैनिंग में किसी के पॉजिटिव होने का शक होने पर उसे आइसोलेट करना होगा।
आइसोलेट करने के बाद स्वास्थ्य विभाग और अभिभावकों को जानकारी दे दी जाएगी।
पूरे परिसर के हर हिस्से को विसंक्रमित कराया जाए, नजदीकी अस्पताल से संपर्क किया जाए।
छात्रों और शिक्षकों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए लगातार काउंसलिंग की जाए।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.