School reopen:-पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में आज सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्कूल खुले
पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में आज से कई जगह 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है। आपको बता दें कि कोविड-19 संक्रमण के कारण स्कूल 13 मार्च से बंद पड़े स्कूल खुलते ही स्टूडेंट्स के चेहों पर मुस्कान वापस आ गई। स्कूल खुलने के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का खास ध्यान रखा गया। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टूडेंट्स को प्रवेश से लेकर कक्षाओं में बैठने दिया गया। इसके साथ ही उनकी थर्मलस्क्रीनिंग भी की गई।
यूपी के नोएडा में सेक्टर 12 में सरकारी स्कूल में उपस्थित 9वीं और 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठे हुए हैं। 10वीं के छात्र अमन ने बताया कि हमें निर्देश दिए गए हैं कि हम अपनी पैन कॉपी शेयर नहीं करें और अपने हाथों को सैनिटाइज करेंगे।
इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से क्रमबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। हालांकि इस बारे में राज्यों को स्कूल खोलने और न खोलने को लेकर फैसला करने का अधिकार दिया गया था।
दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीगढ़ और महाराष्ट्र ने अभी स्कूल न खोलने का फैसला लिया है। वहीं पंजाब में भी स्टूडेंट्स को उनकी समस्याओं को पूछने के लिए स्कूल खोले गए हैं। यहां देखें लुधियाना के एक स्कूल की तस्वीर।
इस स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि 8 से 11 बजे तक हमने 9वीं और 10वीं और 12 से 3 बजे तक हमने 11वीं और 12वींं क्लास के स्टूडेंट्स को बुलाया था। स्कूल में सभी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है।
इसी तरह गाजियाबाद में भी आज से कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है।इसी तरह लखनऊ में भी आज से स्कूल खोले गए। सिटी Montessori स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा कि बिना स्टूडेंट्स के स्कूल एक चारदिवारी थी, हमें स्टूडेंट्स को वापस देखकर खुशी हो रही है। स्कूल में सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
स्कूल फिर से खोलने से जुड़ी मुख्य गाइडलाइंस- -स्कूल खुलने के दो-तीन सप्ताह तक एसेसमेंट टेस्ट नही लेना होगा। -स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है। -स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी। –
स्कूल परिसर में किचन, कैंटीन, वाशरूम, लैब, लाइब्रेरी, आदि समेत सभी स्थानों पर साफ-सफाई और कीटाणुरहित करते रहने की व्यवस्था करनी होगी। -इमर्जेंसी केयर सपोर्ट/रिस्पांस टीम, सभी के लिए जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाईजीन इस्पेक्शन टीम, आदि जैसी टीमों का गठन जिम्मदारी सहित सभी स्कूलों द्वारा किया जा सकता है। -केंद्र सरकार और सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूल स्वयं भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बना सकते हैं।
इसमें सामाजिक दूरी और सुरक्षा के नियम शामिल होने चाहिए। इन्हें स्कूल को नोटिस बोर्ड पर लगाने के साथ-साथ पैरेंट्स को स्कूल के कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से भेजा जाना चाहिए। -कक्षाओं में बैठने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, कार्यक्रम और आयोजनों से बचना चाहिए, स्कूल आने और जाने के टाइम-टेबल बनाना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।
-सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ फेस कवर या मास्क लगाकर ही स्कूल आएंगे और पूरे समय के दौरान इसे पहने रहेंगे, विशेषतौर पर कक्षाओं के दौरान या सामूहिक कार्यों या मेस में खाने या लैब में परीक्षण करने के दौरान। -स्कूल में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक दूरी और अन्य जरूरी नियमों को बताने वाले बोर्ड या सूचना पट्ट लगाने होंगे। -राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की सरकारें वहां के अभिभावकों से उनके बच्चों के स्कूल जाने को लेकर सहमति मांग सकती हैं। जो छात्र घर से पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं उन्हें इनमे के लिए अनुमति होगी।
-सभी छात्रों, पैरेंट्स, टीचर्स और अन्य को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोविड- 19 से लड़ने में उनकी भूमिका के बारे जागरूक करना होगा।
-सभी कक्षाओं के लिए क्लास और एग्जाम के लिए शैक्षणिक कैलेंडर बनाना होगा। स्कूल में डॉक्टर या नर्स या अटेंडेंट फुल टाइम मौजूद होना चाहिए।
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