AICTE का बड़ा फैसला: हिंदी समेत आठ रीजनल लैंग्वेज में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, ग्रामीण और आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए किया फैसला
![Aicte का बड़ा फैसला: हिंदी समेत आठ रीजनल लैंग्वेज में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, ग्रामीण और आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए किया फैसला 4 Clipboard 2021 05 27t170429788 1622115298](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/05/27/clipboard-2021-05-27t170429788_1622115298.jpg?fit=%2C&ssl=1)
[ad_1]
![Aicte का बड़ा फैसला: हिंदी समेत आठ रीजनल लैंग्वेज में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, ग्रामीण और आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए किया फैसला 5 Clipboard 2021 05 27t170429788 1622115298](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/thumb/600x450/web2images/521/2021/05/27/clipboard-2021-05-27t170429788_1622115298.jpg?resize=720%2C540&ssl=1)
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने एकेडमिक ईयर 2020-21 से कॉलेजों से समेत हिंदी आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग डिग्री कराने का फैसला किया है। AICTE के इस फैसले के बाद अब स्टूडेंट्स को मराठी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम में डिग्री करने का मौका मिलेगा।
ग्रामीण और आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए सराहनीय पहल
AICTE ने यह पहल खास तौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के स्टूडेंट्स के लिए शुरू की है। दरअसल अभी तक कई मेधावी छात्र इंग्लिश के डर से इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेस में एडमिशन लेने से कतराते थे। जर्मनी, फ्रांस, रूस, जापान और चीन जैसे कई देश अपनी आधिकारिक भाषाओं में पूरी एजुकेशन प्रदान करते हैं।
इस बारे में AICTE के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे कहते हैं कि, “इस पहल का उद्देश्य स्टूडेंट्स को उनकी मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे बुनियादी बातों को बेहतर तरीके से समझ सकें।”
11 और भाषाओं में कोर्स पेश करने की प्लानिंग
एक मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक AICTE के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि “हमें पूरे देश से करीब 500 आवेदन मिले हैं। हमने भविष्य में 11 और भाषाओं में यूजी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पेश करने की योजना बनाई है।
[ad_2]
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.