टीसीएस और इन्फोसिस को 20 हजार फ्रेशर्स की जरूरत: खुद ट्रेनिंग दे रहीं ये कंपनियां, प्रदेश सरकार के साथ 12 विवि से एमओयू साइन किया Digital Education Portal
![टीसीएस और इन्फोसिस को 20 हजार फ्रेशर्स की जरूरत: खुद ट्रेनिंग दे रहीं ये कंपनियां, प्रदेश सरकार के साथ 12 विवि से एमओयू साइन किया digital education portal 4 Digital education portal default feature image](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/12/digital-education-portal-default-feature-image.png?fit=1200%2C630&ssl=1)
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![टीसीएस और इन्फोसिस को 20 हजार फ्रेशर्स की जरूरत: खुद ट्रेनिंग दे रहीं ये कंपनियां, प्रदेश सरकार के साथ 12 विवि से एमओयू साइन किया digital education portal 5 Orig 20 1641680241](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/01/09/orig_20_1641680241.jpg?resize=720%2C540&ssl=1)
आईटी कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस को लगभग 20 हजार फ्रेशर्स की जरूरत है, लेकिन ये फ्रेशर्स कंपनियों की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं। ऐसे में कंपनियां खुद ट्रेनिंग देकर इन फ्रेशर्स को तैयार कर रही हैं। प्रदेश के छात्रों का ज्यादा से ज्यादा प्लेसमेंट हो, इसके लिए दोनों कंपनियों ने प्रदेश सरकार के साथ 12 यूनिवर्सिटी से एमओयू साइन किया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के अनुसार दोनों कंपनियां 20 हजार स्टूडेंट को ऑनलाइन कनेक्ट कर स्किल डेवलप पर काम कर रही हैं।
स्टूडेंट स्कूल से ही कम्प्यूटर में मास्टर होकर निकलें, इसके लिए छठी क्लास से ही कम्प्यूटर की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। वहीं कम्प्यूटर शिक्षा में स्टूडेंट बेहतर हों, इसके लिए छठी से आठवीं तक के बच्चों को टीसीएस ट्रेनिंग देगी, जबकि नौवीं से कॉलेज तक के स्टूडेंट को इन्फोसिस के एक्सपर्ट ट्रेनिंग देंगे।
- कोरोना के बाद से कंपनियों को सिर्फ वही स्टूडेंट चाहिए जो कंपनी जॉइन करने के एक घंटे बाद ही अपना आउटपुट देने लगे। अभी जो स्टूडेंट हैं, वह उनके मापदंड पर खरे नहीं उतर रहे। इसलिए वह खुद बच्चों को तैयार कर प्लेसमेंट देंगी। – ओमप्रकाश सकलेचा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री
एक माह में 1200 को ट्रेनिंग
एक माह में दोनों कंपनियां 1200 स्टूडेंट को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे चुकी हंै। वहीं टीचर को भी दो हफ्ते की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके स्टूडेंट्स में से एक हजार स्टूडेंट को नए साल में कंपनियां प्लेसमेंट देंगी।
सीधी बात • ओमप्रकाश सकलेचा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री
यही कोशिश कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा बच्चों का प्लेसमेंट हो
Q. दोनों ही कंपनियों ने दो माह में कितने स्टूडेंट को प्लेसमेंट दिया है।
A. डेढ़ माह में कंपनियों ने 1200 स्टूडेंट का प्लेसमेंट किया है। नए साल में और एक हजार स्टूडेंट को प्लेसमेंट मिल जाएगा।
Q. कंपनियां ट्रेनिंग क्यों दे रही हैं?
A. कोरोना के बाद से कंपनियों को सिर्फ वही स्टूडेंट चाहिए जो कंपनी जॉइन करने के एक घंटे बाद ही अपना आउटपुट देने लगे। अभी कंपनियों को जो स्टूडेंट चाहिए, वह उनके मापदंड पर खरे नहीं उतर रहे। इसलिए वह खुद बच्चों को तैयार कर प्लेसमेंट देंगी।
Q. टीचर को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं क्या?
A. टीसीएस और इन्फोसिस के एक्सपर्ट राज्य शासन की पहल पर बच्चों के साथ ही टीचर को भी ट्रेनिंग देंगी। स्किल और बदलती तकनीक के इस दौर में तकनीकी रूप से कौशल स्टूडेंट से ही प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
Q. टीचर को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए सरकार क्या कर रही?
A. टीचर की ट्रेनिंग बेहतर हो, इसके लिए आईआईटी टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कर रहा है। दोनों कंपनियों के ट्रेनिंग के रिजल्ट तीन माह में दिखने लगेंगे।
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