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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 6 क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत की। यह क्रैश कोर्स देश के 26 राज्यों में शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए करीब 111 ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से जारी जंग में वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश के करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, जिससे ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे।
इन 6 कोर्सेस का मिलेगा प्रशिक्षण
- बेसिक केयर सपोर्ट
- एडवांस्ड केयर सपोर्ट
- होम केयर सपोर्ट
- इमरजेंसी केयर सपोर्ट
- सैंपल कलेक्शन सपोर्ट
- मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट
होम केयर सपोर्ट- इसके तहत उम्मीदवारों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, नेबुलाइजर, ईसीजी और पल्स ऑक्सीमीटर जैसे बेसिक डिवाइस को चलाने में सहायता, पीपीई की टोनिंग और डफिंग, एंट्री करना और रिकॉर्ड मेंटेन करना सिखाया जाएगा।
इमरजेंसी केयर सपोर्ट- इस कोर्स के तहत कैंडिडेट्स को आपातकालीन स्थिति के लिए सभी कन्जूमेबस्ल, डिवाइस और अन्य इंवेन्ट्री के साथ एंबुलेंस तैयार करना,पेशेंट को पोजिशनिंग, एंबुलेशन और प्रोनिंग के लिए सहायता करना आदि सिखाया जाएगा।
सैंपल कलेक्शन सपोर्ट- इसके तहत सैंपल कलेक्शन की पूर्व प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को व्यवस्थित करना, स्बाब और सैंपल कलेक्शन, रैपिड एंटीजन टेस्ट करना, विजिट एटिकेट्स का पालन करते हुए साइट विजिट की तैयारी करना आदि सिखाया जाएगा।
मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट- इसके जरिए अभ्यर्थियों को वेंटिलेटर बीआईपीएचपी, सीपीएपी, ऑक्सीजन डिवाइस (कंसेंट्रेटर और सिलेंडर) डिजिटल थर्मामीटर (आईआर), फ्लोमीटर, ह्यूमिडिफायर, पल्स ऑक्सीमीटर, मल्टीपारा मॉनिटर, नेबुलाइजर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, ईसीजी मशीन जैसे उपकरणों का संचालन करना सिखाया जाएगा।
रोजगार का मिलेगा अवसर
यह कोर्स पूरा होने के बाद उम्मीदवार डीएससी/ एसएसडीएम की व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पताल में काम करने का मौका मिलेगा।
इन कोर्सेज के प्रशिक्षण के दौरान उम्मीदवारों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे-
- सरकार द्वारा प्रमाणित ट्रेनिंग
- निःशुल्क प्रशिक्षण
- काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड भोजन और रहने की सुविधा
- प्रमाणित उम्मीदवार को दो लाख का दुर्घटना बीमा
क्या है प्रोग्राम का उद्देश्य
इस प्रोग्राम का उद्देश्य देशभर में एक लाख से ज्यादा कोरोना वॉरियर्स को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है। इसके तहत कोरोना योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे 6 टास्क से जुड़े रोल के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।
276 करोड़ रुपए आया खर्च
इस प्रोग्राम के लिए 276 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत आने वाला प्रोग्राम है, जिसे खासतौर पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार करेगा।
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