माता-पिता की उपेक्षा करने पर लग सकता है ₹10000 प्रतिमाह जुर्माना माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के अंतर्गत है प्रावधान
मध्य प्रदेश शासन के अधीन कार्यरत शासकीय विभाग अर्ध शासकीय उपक्रम बोर्ड निकायों के अधिकारी कर्मचारी जो अपने माता पिता की उपेक्षा करते हैं ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के वेतन से 10% या अधिकतम ₹10000 प्रति माह काटकर भरण-पोषण भत्ता आवेदक के माता-पिता के बैंक खातों में जमा कराए जाने का प्रावधान है।
माता-पिता की उपेक्षा करने पर लग सकता है ₹10000 प्रतिमाह जुर्माना
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 एवं नियम 2009 विभागीय वेबसाइट www.socialjustice.mp.gov.in पर उपलब्ध हैं अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
विदित है कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 दिनांक 23 अगस्त 2008 से प्रभावशाली अधिनियम में प्रावधान अनुसार प्रत्येक वर्ष 8 वर्ष से अधिक आयु का भरण पोषण करने में असमर्थ हैं वह अपने पुत्र से भरण पोषण प्राप्त होने की स्थिति में उनसे मांग कर सकता है वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा एवं एक अपराध है जिसके लिए 3 माह की सजा अथवा दोनों हो सकते हैं।
वरिष्ठ जने माता-पिता उपेक्षा होने पर कहां करें आवेदन
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक जो कि 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं अगर उन का भरण पोषण उनके पुत्र पुत्री के द्वारा नहीं किया जाता है तो इसके संबंध में वह अपने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व में भरण पोषण अधिकरण बैठे थे वहां पर जाकर आवेदन कर सकते हैं उनके आवेदन का निराकरण 90 दिनों के अंदर किया जाकर भरण-पोषण सहायता प्राप्त कर सकते हैं भरण पोषण अधिकरण के आदेश के विरुद्ध अपील की सुनवाई हेतु समस्त जिलों के जिला अपील अधिकरण गठित है वरिष्ठ चिकित्सक और जीवन संपत्ति की सुरक्षा प्रावधानित हैं
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