कोरोना काल में अभिभावक मार्गदर्शन क्लास के लिए भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। राजधानी पटना के स्कूलों के 80 से 85 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को भेजने से इनकार कर दिया है। अभिभावक फिलहाल ऑनलाइन क्लास से ही बच्चे की पढ़ाई चाहते हैं।
दरअसल, मार्गदर्शन के लिए 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की छूट दी गई है। स्कूलों ने इसकी तैयारी की है। राजधानी के स्कूलों ने अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की राय मांगी थी। इसमें 85 फीसदी अभिभावक से साफ मना कर दिया है। सेंट जेवियर्स हाई स्कूल की बात करें तो 9वीं और 10वीं के कुल 297 बच्चों के अभिभावकों से फीडबैक लिया गया। इसमें दो सौ बच्चों के अभिभावकों ने भेजने से मना कर दिया।बाल्डविन एकेडमी में नौवीं से 12वीं में 800 बच्चों में मात्र 61 अभिभावक बच्चे को स्कूल भेजने को तैयार हैं। डान बास्को एकेडमी के अभिभावकों के बीच सर्वे हुआ तो 600 में 500 से भेजने से इनकार कर दिया।
डाउट क्लास के लिए शेड्यूल जारी
जिन विद्यार्थियों ने स्कूल आने की हामी दी है। उनके लिए स्कूलों ने डाउट क्लास का शेड्यूल जारी किया है। इस शेड्यूल में हर दिन अलग-अलग बच्चों को बुलाया जायेगा। इंटरनेशनल स्कूल की बात करें तो एक दिन में दस से ग्यारह विद्यार्थी ही आयेंगे। वाल्डविन एकेडमी में पहले दिन पांच बच्चों को बुलाया जायेगा। डाउन क्लास के लिए हर स्कूल में 50 फीसदी शिक्षकों को भी बुलाया जायेगा।
सारे मिशनरी स्कूल रहेंगे बंद
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राजधानी पटना के सभी मिशनरी स्कूलों ने सोमवार को स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश और गाइडलाइन के बाद ही स्कूल खुलेगा। वहीं सेंट जेवियर्स हाई स्कूल के प्राचार्य फादर किस्ट्रू ने बताया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर रहे हैं। अब जब राज्य सरकार का निर्णय होगा, उसी के अनुसार स्कूल खुलेगा। माउंट कार्मेल हाई स्कूल की प्राचार्य सिस्टर सेरेना ने बताया कि अभी स्कूल नहीं खुलेगा।
अभिभावकों का यह है तर्क
- अभी कोरोना के केस खत्म नहीं हुए
- फिलहाल ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई हो रही
- बच्चे को अकेले नहीं छोड़ सकते हैं
- स्कूल महीनों से बंद है, धूल आदि में बच्चे को जुकाम या सर्दी हो सकती है
स्कूलों में ये है तैयारी : - स्कूल परिसर को कई बार सेनेटाइज किया गया है
- स्कूल में प्रवेश के हर गेट को खोला जायेगा
- क्लास के अंदर छह फीट की दूरी पर बेंच लगायी जाएगी
- एक समय में एक सेक्शन के दस बच्चे को ही बुलाया जायेगा
- एक कक्षा में पांच से छह बच्चे ही बैठेंगे
- मास्क लगा कर नहीं आने वाले बच्चों को मास्क देकर ही स्कूल में प्रवेश मिलेगा
- आक्सीजन लेवल जांचने के लिए आक्सीमीटर रहेगा
विद्यार्थी के लिए गाइडलाइन : - स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें
- अपने पेन, पेंसिल, कॉपी, किताबें आदि किसी से साझा नहीं करें
- प्रैक्टिकल क्लासेस अभी नहीं होगी
- स्कूल में इधर उधर नहीं घूमें
- मास्क लगाकर स्कूल परिसर में रहें
- सेनेटाइजर साथ में रखें
इन लोगों को नहीं मिलेगा प्रवेश - बुर्जुग शिक्षक या बुर्जुग स्टॉफ को नहीं बुलाया जायेगा
- क्वारंटाइन जोन वाले इलाके के छात्र और शिक्षक नहीं आएंगे स्कूल
- सर्दी जुकाम वाले छात्रों को आने की मंजूरी नहीं
- एलर्जी का लक्ष्ण वाले शिक्षक स्कूल नहीं आएंगे
- जिन शिक्षक या छात्र के परिवार या आसपरोड़ में किसी को कोरोना हुआ है तो वो नहीं आयेंगे
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