नई दिल्ली। भारत सरकार की शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP) सोमवार को जारी कर दिया। इसके मुताबिक दो-तीन हफ्ते तक बच्चों का कोई असेसमेंट नहीं होगा। स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ और इमोशनल सेफ्टी पर भी ध्यान देना होगा। कैम्पस में इमरजेंसी केयर टीम बनानी होगी। पैरेंट्स की सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह छूट दी है कि वे अपने हालातों को देखते और पैरेंट्स की सहमति से स्कूल खोल सकते हैं। किसी बच्चे को जबरदस्ती नहीं बुलाया जाएगा। बच्चे को सुरक्षा उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी स्कूल की होगी।
स्कूलों की क्या-क्या जिम्मेदारियां होंगी?
पूरे कैंपस में सफाई और डिसइन्फेक्शनिंग की व्यवस्था करनी होगी। फर्नीचर, इक्विपमेंट, स्टेशनरी, स्टोर, पानी की टंकियों, किचन, कैंटीन, वॉशरूम, लैब और लाइब्रेरी की साफ-सफाई और डिसइन्फेक्शनिंग का ध्यान रखना होगा। इनडोर स्पेस में ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि एयर फ्लो बना रहे।
इमरजेंसी केयर सपोर्ट/रेस्पॉन्स टीम, जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इन्सपेक्शन जैसे कामों के लिए जिम्मेदारियां तय कर टास्क टीम बनानी होंगी।
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