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India China clash भारत की इस मांग से चीन हुआ बेचैन करीब 14 घंटे चली बैठक के बाद चीन ने मांगा और वक्त

भारत की इस मांग से चीन हुआ बेचैन करीब 14 घंटे चली बैठक के बाद चीन ने मांगा और वक्त

सरहद (LAC) पर जारी तनाव के बीच सोमवार को भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच कल बैठक हुई। लद्दाख के मोल्डो में हुई ये बैठक करीब 14 घंटे तक चली। कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच हुई इस बैठक में विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी मौजूद था। पहली बार भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव इस बैठक में मौजूद रहे।

सूत्रों की मानें तो बातचीत में दोनों ओर से जवानों की संख्या घटाने में भी बातचीत हुई। फिलहाल ऐसा बताया जा रहा है कि ये दोनों देश एक बार फिर से बैठक करने के पक्ष में हैं। भारत ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से चीनी सैनिकों को जल्द हटाए जाने पर जोर दिया है।

ये बातचीत 5 सूत्रीय द्विपक्षीय समझौते के तहत हुई। हाल ही में एससीओ की बैठक में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। जिसमें एलएसी पर तनाव खत्म करने को लेकर 5 सूत्रीय समझौता हुआ था।

बैठक सोमवार की सुबह तकरीबन 10 बजे शुरू हुई और देर रात 12 बजे तक चली। जानकारी के मुताबिक चीन के साथ बातचीत करने वाले ऑफिसर शीर्ष अधिकारियों को बातचीत का पूरा ब्योरा भेजेंगे। इस बैठक में भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चीन को अपनी सेना विवादित जगहों से हटानी चाहिए। हालांकि बातचीत के दौरान भारत की की बातें चीन को समझने में परेशानी हो रही थी। इस परेशानी का कारण थी भाषा। चीनियों की अंग्रेजी भी बहुत कमजोर होती है इसलिए उनसे इस भाषा से भी बात नहीं हो पाती। इस दौरान ट्रांसलेटर मौजूद रहे।

इस बातचीत के दौरान भारत की तरफ से चीन को दो टूक कहा गया है कि वह पेंगोंग त्सो समेत एलएसी पर सभी स्थानों पर अप्रैल की स्थिति बहाल करे और अपनी सेना को तुरंत पीछे हटाए। सेना के सूत्रों के हवाले से भारत की तरफ से मजबूती से अपना पक्ष रखा गया है। पैंगोंग और रेजांग ला इलाकों में तनातनी के बाद अब देपसांग, गोगरा, हाट स्प्रिंग इलाकों में भी चीनी सेना अपना दबदबा बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे तनाव और ज्यादा बढ़ रहा है।

भारत की तरफ से बैठक का नेतृत्व 14वीं कॉर्प कमांडर प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह द्वारा किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के अलावा इस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी शामिल हुए। आपको बता दें कि अक्टूबर में लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ही 14वीं कॉर्प कमांडर के प्रमुख बनेंगे। इनके अलावा विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव, आईटीबीपी के एक अधिकारी दीपम सेठ और सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे।

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आपको बता दें कि जिस वक्त बातचीत चल रही थी दोनों देशों के जवान हाईअलर्ट पर थे। भारत और चीन के लगभग एक लाख से ज्यादा जवान दोनों ओर तैनात हैं।

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