भोपाल, Digital Education Portal। मध्यप्रदेश में MP School शिक्षा की व्यवस्था (education Management) में सुधार लाने के लिए नित नए नए प्रयास किए जा रहे। इसी बीच MP School जनवरी से अप्रैल तक मध्य प्रदेश में बच्चों के लिए एक कैंपियन स्थापित किया जाएगा। इसके व्यवस्था में जहां विद्यार्थी में पढ़ाई लेखन तथा पुस्तकालय के उपयोग की समझ विकसित होगी। वही 14 सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों को कई गतिविधियां भी सिखाई जाएगी।
MP School द्वारा कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए विभिन्न गतिविधियां समाहित की गई है। आयु के अनुसार 14 सप्ताह तक चलने वाले रीडिंग कैंपेन (reading campaign) में बच्चों को गतिविधियां स्कूलों में ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें को 3 वर्गों में विभाजित किया गया। जहां कक्षा 1 और 2 के लिए अन्य गतिविधियां है। वहीं 3 से 5 के लिए अलग गतिविधियां और कक्षा 6 से 8 के लिए आयु अनुसार विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएगी।
MP School द्वारा 100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसमें कहानी सुनाना, बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने के अवसर उपलब्ध कराना, व्हाट्सएप के द्वारा फ्लिपबुक सप्ताहिक रूप से उपलब्ध कराना, बाल चौपाल का आयोजन करना आदि कार्यक्रम शामिल होंगे। मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि बच्चों सहित पूरे समाज में ही पढ़ने की आदत कम हो गई है। जब बड़े लोग पढ़ने पर ध्यान नहीं देते तो बच्चा भी उस ओर ध्यान नहीं देता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत इसी बात को समझा और एक बड़ा अभियान, 100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन कार्यक्रम शुरू किया है।
इन्दर सिंह परमार ने इस कैंपेन को प्रारंभ करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद भी दिया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी आयामों पर तेजी से काम कर रहा है जिसके तहत यह रीडिंग कैंपेन भी आज से प्रारंभ हो रहा है।
इन्दर सिंह परमार ने कहा कि इस रीडिंग कैंपेन की सफलता तभी सुनिश्चित हो सकेगी, जब शिक्षकगण एवं अभिभावक गण अपनी प्रत्यक्ष सहभागिता देंगे क्योंकि बच्चे की रुचि किस क्षेत्र में है यह ज्ञान बच्चे के अभिभावक और परिवार को ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ने के उत्सुकता विकसित करने के लिए स्वाभाविक प्रसंगों, छोटी-छोटी कहानियां, महापुरुषों के संदर्भों आदि का प्रेरणा के तौर पर समावेश करने की आवश्यकता है। विभाग द्वारा इसके लिए कहानी आदि की पुस्तकें पुस्तकालयों में पहुँचाई जा रही है।
इन्दर सिंह परमार ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु के बचपन के एक प्रसंग का उदाहरण देकर परंपरागत व्यवहार को विज्ञान के साथ रखकर बच्चों में सीखने और पढ़ने की जिज्ञासा पैदा करने के प्रयोग करने की बात कही। इन्दर सिंह परमार ने इस अभियान को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए सरलता के साथ बच्चों में पठन अभिरूचि विकसित करने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षा में बदलाव लाने के लिए शिक्षकगण एवं अधिकारीगण को इसका क्रियान्वयन करने को कहा।
इसके पूर्व राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस ने 100 दिवसीय रीडिंग कैम्पेन की जानकारी दी एवं क्रियान्वयन गतिविधियों की चर्चा की। धनराजू एस ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य मात्र पढ़ना ही नहीं है, वरन बच्चों में समझके पढ़ने और पढ़कर समझने के गुण विकसित करना है। रीडिंग अभियान के 100 दिवसों को कुल 14 सप्ताह में विभाजित करते हुए साप्ताहिक गतिविधियाँ निर्धारित की गई हैं, इन सप्ताहों में अधिकारीगण एवं शिक्षणगण मिलकर पूरी कार्ययोजना का कार्यान्वयन करेंगे।
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