कोरोना के बाद से लॉकडाउन के कारण अभिभावकों की आर्थिक हालत खराब हो गई है। इसलिए अभिभावक स्कूल संचालकों से फीस माफी के लिए मांग कर रहे हैं। फिलहाल इस मुद्दे को लेकर राज्य में सियासत गरमा गई है। स्कूल फीस के बारे में जब विधानसभा के सत्र के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने स्कूल फीस माफ करो के साथ लॉकआउट किया और लॉबी में जाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
राज्य में निजी स्कूलों की फीस कम करने के लिए बीते कई दिनों से अभिभावक गुहार लगा रहे हैं।कांग्रेस के विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहां की शिक्षा का दुकान खोलकर बैठे स्कूल संचालक स्कूल बंद है तब भी फीस मांग रहे हैं इस बारे में सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
क्योंकि एक तरफ स्कूल के संचालक कोर्ट में जाते हैं ,और दूसरी ओर सरकार कोर्ट में जाती है लेकिन कोई फैसला नहीं आने के कारण विद्यार्थी और अभिभावक परेशान हो रहे हैं।
शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने ऐसा कहा कि फीस माफी का मुद्दा स्कूल और कॉलेजों दोनों में चल रहा है। कॉलेजों का फैसला अभी हाई कोर्ट में पेंडिंग है जब यह फैसला कोर्ट में है। इसलिए यहां पर चर्चा नहीं हो सकती। बाकी कॉलेजों के लिए जो फैसला होगा वही फैसला स्कूलों के लिए भी होगा। विपक्ष के नेता परेश धनानी ने विधायकों का साथ देते हुए कहा कि प्राथमिक स्कूलों के 87 लाख विद्यार्थी, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक के 2800000 विद्यार्थी सहित राज्य में कुल 1 करोड 51 लाख विद्यार्थियों को यह मुद्दा लगता है।
सरकार को इस बारे में कोई निर्णय लेना चाहिए। इस दौरान स्पीकर ने चर्चा का समय पूरा होने की घोषणा की। इस पर विपक्षी नेता नाराज होकर सरकार का सरकार के जवाब देने का इंतजार करते रहे। दूसरी ओर कांग्रेस के विधायकों ने माफ करो भाई माफ करो स्कूलों की फीस माफ करो कि नारेबाजी शुरू की थी बाद में विपक्ष ने वॉकआउट कर लिया।
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