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सीएम ने सुनाई ऑक्सीजन संकट की कहानी: मैं वो 7 दिन नहीं भूल सकता, 7 रात पलक नहीं झपका पाया, ड्राइवरों से पूछता था कि चाय पी की नहीं, सो मत जाना, तुम सो गए तो कई जिंदगियां सो जाएंगी…

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I Can’t Forget Those 7 Days, I Couldn’t Blink For 7 Nights, Used To Ask Drivers Not To Drink Tea, Don’t Go To Sleep, If You Sleep Then Many Lives Will Sleep…

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‘धन्यवाद इंदौर’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि दूसरी लहर इतनी घातक होगी, इसकी कल्पना नहीं थी। हालत ऐसी थी कि पहले दिन 5 फीसदी, दूसरे दिन 15, तीसरे दिन 80 तो पांचवें दिन 100 फीसदी लंग्स डैमेज। ऐसे में अस्पताल भर जाएं व बिस्तर कहीं नहीं मिल रहे हो, समझा जा सकता है। संकट ऐसा विकट था कि प्रबंध छोटे पड़ गए। वो 7 दिन मैं कभी भूल नहीं सकता जब ऑक्सीजन का संकट आया। 7 रात आंखों से पलक नहीं झपका पाया। खबर आती थी आधे घंटे की ऑक्सीजन बची है, जल्दी भिजवाओ। कहां से ऑक्सीजन मिलेगी? मैंने टैंकर से ड्राइवर तक से बात की। मैं कहता था चाय पी की नहीं, सो मत जाना, तुम सो गए तो कई जिंदगियां सो जाएंगी। भगवान से प्रार्थना करता रहा कि भगवान इस संकट से मुक्ति दिलवाओ। लाख प्रयास के बाद भी अपनों को खोया है। एक नहीं अनेक जिंदगी असमय चली गईं। कई बार लगा कि हम बस देखते ही रह गए। ऐसी परिस्थिति में इंदौर ने धैर्य रखा।

उन्होंने कहा जब तक जनता साथ खड़ी नहीं होगी, तब तक इससे निपटा नहीं जा सकता। इसके बाद हमने सबको मैदान में उतार दिया। सभी को संकट के दौर में मतभेद भूलने को कहा। मुझे गर्व है कि हम इससे निपट पाए। इंदौर का फैसला इंदौर पर छोड़ दिया। पंचायत का फैसला पंचायत पर छोड़ दिया। क्या खुला रहेगा, कैसे हमें आगे बढ़ना है। हर एक ने पूरी क्षमता के साथ काम किया। कोरोना के संक्रमण को किसी ने सबसे पहले थामा तो वह इंदौर था। राधा स्वामी कोविड केयर सेंटर जो बना वह हिंदुस्तान में एक उदाहरण है।

मैं आज यहां शीश झुकाने आया हूं

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में मप्र के मॉडल की प्रशंसा हुई। यही वजह रही कि मुझे लगा कि इंदौर जाकर जनता को धन्यवाद करूं। यहां के सभी लोगों ने एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है इसलिए आज मैं शीश झुकाने आया हूं। संकट अभी टला नहीं है। कोविड प्रोटोकाल का पालन होना चाहिए। मैं हाथ जोड़कर निवेदन करना हूं कि मप्र में पांच दिन पहले 33 पॉजिटिव केस आए थे। फिर 38 से बढ़कर 40 हुए। परसो 43 आए थे, रात की रिपोर्ट में 49 केस आए हैं। मेरी यही अपील है कि सेम्पल देने में कोताही नहीं बरतें। यदि कोई पॉजिटिव मिले तो तत्काल उसे आइसोलेट कर दें। माइक्रो कंटेनमेंट एरिया बनाकर संक्रमण को वहीं रोक दें। संक्रमित के संपर्क में आए सभी का टेस्ट जरूर हो। कोविड केयर सेंटर में मरीज को भर्ती करवाएं।

एक-एक जिले का हिसाब रख रहा हूं

उन्होंने कहा महाराष्ट्र में अभी भी 10 हजार केस रोज आ रहे हैं। महाराष्ट्र में हमारे यहां आवाजाही लगी रहती है। इंदौर में आज मैंने कई लोगों को बिना मास्क के देखा, मेरी प्रार्थना है अभी मास्क को नहीं उतारे व रोकाटोकी चलती रहे। जनता इसका बुरा नहीं माने। हमें संक्रमण को बढ़ने नहीं देना है। मैं एक-एक जिले का का हिसाब रख रहा हूं। राेज सवेरे मेरी दिनचर्या की शुरुआत इसी से होती है।

लोगों ने निजी से ज्यादा सरकारी अस्पतालों पर विश्वास किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं लापरवाह नहीं होना चाहता हू क्योंकि मैं फिर से वह दिन नहीं देखना चाहता हूं कि हाहाकार मचे, बिस्तरों के लिए मारामारी मचे इसलिए अभी से हम तैयारी में लगे हुए हैं। कोराेना संक्रमण को रोकने के लिए टेस्ट होते रहे। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ कर रहे हैं। पहली बार निजी से ज्यादा सरकारी अस्पतालों पर विश्वास किया है। सरकारी अस्पताल फिर से तैयारी में जुट चुके हैं। पिछली बार 7500 हजार बेड थे, इसे बढ़ाकर 10 हजार कर रहे हैं। बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए अलग से बेड की व्यवस्था कर रहे हैं। बच्चों पर असर पड़ा तो इसके लिए टीम ट्रैण्ड रहे।

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निजी अस्पतालों को मिलेगी 50 फीसदी सबसिडी

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को भी ऑक्सीजन प्लांट लगाना होगा, निजी अस्पतालों को 50 फीसदी सबसिडी दी जाएगी। तीसरी लहर की बैठक में यह तय हुआ है कि टैंकर को लेकर अनुबंध अभी से कर लो क्योंकि ऑक्सीजन तो देशभर से मंगवाई जा सकती है। एक टैंकर वाले से बात की तो कहता है यूपी पुलिस ने रोक रखी है, कह रहे हैं यह यूपी में ही रहेगी। मप्र ऑक्सीजन नहीं जाएगी। हमने जिम्मेदारी निभाई तो तीसरी लहर नहीं आएगी, आएगी तो नुकसान नहीं होगा। इंदौर ने 76 फीसदी वैक्सीनेशन कर दिया है। वैक्सीन थोड़ी कम पड़ रही है, हम व्यवस्था कर रहे हैं। जल्द ही इंदौर सहित पूरा प्रदेश 100 फीसदी वैक्सीन वाली होगा। अनुभव यह कहते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद एक फीसदी को अस्पताल तक जाना पड़ा है। तब तक सबकुछ बंद करें। लॉकडाउन कर दिया तो गरीब कहां जाएगा? काम धंधे चलने चाहिए नहीं तो जिंदगी थम जाती है। हम व्यवहार ही ऐसा करें कि संक्रमण आने से रुक जाए। इंदौर ऐसा उदाहरण बने कि देशभर में यह मॉडल के रूप में जाना जाए। यह हमने किया तो इंदौर देश की बड़ी सेवा करेगा। खजाने में अभी कड़की है, लेकिन विकास को रुकने नहीं दिया जाएगा। अलग-अलग रोजगार देने वाला माॅडल है इंदौर।

इंदौर शिक्षा व रोजगार का हब बने

उन्होंने कहा आईटीआई को ऐसा मॉडल बना दो कि यहां पर काम करने वालों को कहीं भी काम मिल जाए। टीसीएस, इंफोसिस को इतनी जमीन दो पांच हजार रोजगार के लिए नहीं दी थी। इंदौर रोजगार का हब बने इंदौर। नए काम धंधे कैसे शुरू हों, इसके लिए कोशिश की जाएगी। बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं। क्या शिक्षा का कोई मॉडल बनाया जा सकता है। 10वीं में जिन्होंने सबसे ज्यादा नंबर लाए उस आधार पर 12वीं का रिजल्ट बने यह मजबूरी में किया। शिक्षा का माॅडल इंदौर बने,यह मेरी दिली इच्छा है। स्कूल खुल नहीं रहे हैं कि फीस बराबर लग रही है लेकिन ट्यूशन फीस बिल्कुल भी नहीं बढ़ेगी।

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इंदौरियन व इंदौर की जनता को प्रणाम

इसके पूर्व उन्होंने कहा कि मैं इंदौरियन व इंदौर की जनता को प्रणाम करता हूं। इंदौर स्वच्छता, समर्पण, सेवा, सामाजिक संस्थाओ, समन्वय, संस्कृति व संस्कारों व वैक्सीनेशन में प्रथम है। कोरोना से लड़ाई के संस्कार मां अहिल्या की नगर से ही मिले हैं। यहां जनभागीदारी, क्राइसेस कमेटी, मंत्री, विधायक, समाजसेवी, कलेक्टर, धर्मगुरुओं ने मानवता को सर्वोपरि रखा व व्यवस्थाएं बनाए रखी। दानवीरों, माताओं, जनप्रतिनिधियों, प्रशासन आदि अद्भुत उदाहरण है। मुझे सभी पर गर्व है।

कोरोना वॉरियर्स के परिजनों का सम्मान

कार्यक्रम की शुरुआत में 7 कोरोना वॉरियर्स डॉक्टरों के परिजनों का सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में उनके द्वारा की गई सेवाओं व त्याग का स्मरण किया और परिजन का सम्मान कर उन्हें नमन किया। उन्होंंने कहा कि उनके योगदान को इंदौर कभी नहीं भूलेगा। इस अवसर पर उन्होंने कोरोना योद्धा अतुल मित्तल के त्याग का भी जिक्र कर उनका स्मरण किया। कार्यक्रम के पूर्व कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर की स्थिति व संक्रमण पर नियंत्रण पर बनाई गई एक शार्ट फिल्म को बड़े परदे पर बताया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. निशांत खरे की भूमिका की प्रशंसा की।

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