मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके कारण आम जनता के साथ ही सरकारी महकमा भी काल के गाल में लगातार समा रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी भयानक लहर में आम जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा आदेश जारी किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी या उसके परिवार का सदस्य कोरोना पॉजिटिव होता है , तो वह डॉक्टर की सलाह पर घर पर ही क्वॉरेंटाइन रहेगा। ऐसी स्थिति में यदि कर्मचारी ऑफिस आता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश कलेक्टर जिला नरसिंहपुर में समस्त विभाग अधिकारी को दिए हैं।
स्वयं या परिवार में पॉजिटिव होने पर घर पर रहना होगा होम क्वॉरेंटाइन
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार यदि अब कोई शासकीय कर्मचारी अधिकारी स्वयं अथवा उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोनावायरस का है तो ऐसी स्थिति में संभल कर्मचारी ओम क्वॉरेंटाइन रहेगा। यदि होम क्वॉरेंटाइन अवधि में कर्मचारी ऑफिस आता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश आज जिला कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा समस्त विभाग प्रमुखों को जारी किए गए हैं।
शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को लक्षण होने के बावजूद बुलाया जा रहा है कोरोना ड्यूटी पर
एक और जहां मध्यप्रदेश शासन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर रोकथाम के लगातार उपाय कर रहा है वही मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में कर्मचारियों उनके परिवार के सदस्य कोरोना संक्रमित होने के बावजूद उन्हें कोरोना ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के लक्षण होने के बावजूद शिक्षा विभाग के कर्मचारियों एवं शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी में लगाया जा रहा है । उपस्थित नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
कोरोना के लक्षण वाले कर्मचारियों अथवा परिवार में सदस्य के संक्रमित होने पर कर्मचारी को ड्यूटी से रखा जाए मुक्त
मध्य प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों में मध्यप्रदेश शासन मुख्यमंत्री से मांग की है कि यदि कोई कर्मचारी कोरोना बीमारी से संक्रमित है अथवा उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव आता है तो ऐसे कर्मचारियों के अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। उन्हें कोरोना या अन्य ड्यूटी से मुक्त रखा जाए । कर्मचारी संगठन द्वारा बताया गया कि यदि किसी कर्मचारी का कोई सदस्य या वह स्वयं कोरोना संक्रमित हैं और ऐसी स्थिति में ड्यूटी पर बुलाया जाता है , तो यह कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा। साथ ही वहां पर कार्य करने वाले अन्य लोगों में संक्रमण फैलने की काफी ज्यादा संभावना होगी । इसलिए ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को सभी प्रकार की ड्यूटी से मुक्त रखा जाकर होम क्वॉरेंटाइन रखा जाए एवं शासकीय खर्चे से संबंधित कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य का इलाज करवाया जाए।