उच्च शिक्षा: ओपन बुक परीक्षा में भी आएगा जीरो, समाजशास्त्र के पेपर में इतिहास व लोक प्रशासन लिखा, फाउंडेशन में हिंदी की जगह फंक्शनल हिंदी Digital Education Portal
- अभी यूजी अंतिम वर्ष और पीजी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा का किया जा रहा है मूल्यांकन
कोरोना संक्रमण की वजह से उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्सों की परीक्षाएं इस बार भी ओपन बुक पद्धति से कराई थीं। अभी यूजी अंतिम वर्ष और पीजी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा का मूल्यांकन किया जा रहा है। मूल्यांकन के दौरान कई शिक्षकों की कई कॉपियां ऐसी पहुंच रही हैं, जिनमें विषय से हटकर लिखा है। यूजी अंतिम वर्ष की कुछ कॉपियाें में समाजशास्त्र विषय के पेपर में इतिहास लिखा है। इसमें पानीपत के युद्ध से लेकर आधुनिक इतिहास तक लिखा गया है।
शुरुआत में तो इन कॉपियों को लेकर शिक्षक परेशान रहे है कि क्या करें, विद्यार्थी को अंक कैसे दें? लेकिन फिर तय कर लिया कि जब विषय से संबंधित लिखा ही नहीं है तो इन्हें जीरो अंक ही दिया जाएगा। ऐसी कॉपियों को अलग से रखा गया है ताकि विद्यार्थी सीएम हेल्पलाइन में अपने नंबरों को लेकर शिकायत करें तो यह कॉपियां प्रस्तुत की जा सकें।
यूजी अंतिम सेमेस्टर और पीजी अंतिम वर्ष की कॉपियाें का मूल्यांकन पिछले एक माह से चल रहा है। पिछले वर्ष साइंस कॉलेज द्वारा कॉपियों का मूल्यांकन कराया गया था लेकिन इस बार साइंस कॉलेज के साथ एमएलबी एसएलपी कॉलेज मुरार में भी कॉपियां का मूल्यांकन कराया जा रहा है ताकि रिजल्ट समय पर घोषित किया जा सके। साइंस कॉलेज में साइंस, एमएलबी में आर्ट और एसएलपी कॉलेज में कॉमर्स की कॉपियाें का मूल्यांकन करवाया जा रहा है।
जो लिखा है, उसी अनुसार अंक देने के लिए कहा गया है
मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों से कहा गया है कि विद्यार्थियों ने जो लिखा है उसके अनुसार अंक दिए जाएं। अगर विषय से अलग लिखा है तो ऐसे विद्यार्थियों को अंक नहीं दिए जाएंगे। -प्रो. बीपी सिंह, प्राचार्य, साइंस (लीड)कॉलेज
छात्रों ने कॉपियों में गलत विषय लिखा है
विद्यार्थियों ने कॉपियों में गलत विषय लिखा है। इस तरह की सबसे ज्यादा कॉपियां बीए अंतिम वर्ष की आई हैं। बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों ने ऐसी गलतियां कम की है। बीए अंतिम वर्ष में समाजशास्त्र की कुछ कॉपियों में विद्यार्थियों ने इतिहास और लोक प्रशासन और संविधान लिखा है। कॉपियां चेक करते समय मूल्यांकनकर्ता यह देखकर सकते में आ गए।
चूंकि इस तरह का मामला पहली बार आया था इसलिए उन्होंने मूल्यांकन से जुड़े अधिकारियों से इस बारे में बात की। इसके बाद इन विद्यार्थियों की कॉपियों में विषय से अलग लिखे जाने का कमेंट लिखकर शिक्षकों ने जीरो अंक दिया है। इसके अलावा कॉपियाें के बंडलों में कॉलेजों दूसरे विषयों की कॉपियां भेज दीं, इससे भी मूल्यांकन में देरी हुई है।
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