यूपी में सहायक शिक्षकों की भर्ती फिर अटकी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाली 31661 सहायक शिक्षकों की भर्ती का मामला एक बार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सूबे की योगी सरकार ने इसमें चयनित लोगों को एक सप्ताह के अंदर नियुक्ति पत्र देने की योजना बना रही थी। सरकार की इस योजना पर उस वक्त पानी फिर गया जब भर्ती प्रक्रिया कानूनी शिकंजे में एक बार से फंस गई है। खबरों के मुताबिक बीटीसी अभ्यर्थियों ने इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले शिक्षा मित्रों ने बवाल किया था, जिसके कारण 69000 में से सिर्फ 31661 की भर्ती का रास्ता साफ हुआ था, लेकिन अब बीटीसी अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश सरकार से 31,661 पदों पर भर्ती के लिए जारी नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के लिए 31,661 पदों पर एक सप्ताह के अंदर नियुक्तियां करने का निर्देश जारी किया था। जिसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तैयारी में जुटा था। इसके साथ यह भी कहा गया था कि इस दौरान मुख्यमंत्री योगी खुद चयनित अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र देंगे। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीटीसी अभ्यार्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर 31,661 पदों पर भर्ती के लिए जारी उत्तर प्रदेश सरकार के जारी नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी ने बीती 19 सितंबर को बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई 2020 को फैसले के मुताबिक 31,661 शिक्षकों की नियुक्तियां एक सप्ताह के अंदर संपन्न की जाएं। यूपी सरकार ने 69,000 सहायक शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकालीं थीं। शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 69,000 में 37,339 पदों की भर्ती पर रोक लगा दी थी। इसके बाद बाकी बचे हुए 31,661 पदों पर भर्ती करने पर कोई रोक नहीं थी।
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