सीआईएससीई बोर्ड रिजल्ट: एग्जाम स्कोर के आधार पर नहीं, इंटरनल असेसमेंट और सालभर के परफॉर्मेंस से तय हुआ रिजल्ट; सभी टॉपर्स टीएसवीएस के Digital Education Portal
सीआईएससीई की ओर से शनिवार को आईसीएसई (10वीं) और आईएससी(12वीं) परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए।
- शहर के तीनों स्कूलों का रिजल्ट 100%…
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से शनिवार को आईसीएसई (10वीं) और आईएससी(12वीं) परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए। इस बार का रिजल्ट स्टूडेंट्स के एग्जाम स्कोर पर नहीं, बल्कि उनके इंटरनल असेसमेंट और सालभर की उनकी परफॉरमेंस के आधार पर तैयार किए गए। लेकिन, जिन स्टूडेंट्स ने पूरे साल कसिस्टेंट रहकर पढ़ाई की उन्होंने इस बार भी अच्छा कर दिखाया। शहर में सीआईएससीई बोर्ड के तीन स्कूल हैं। इनमें द संस्कार वैली स्कूल(टीएसवीएस), बिलाबॉन्ग हाई इंटरनेशनल स्कूल, माउंट कॉमर्ल शामिल हैं। शहर के टॉपर्स ने अच्छे मार्क्स का मूलमंत्र शेयर किया।
बिना कोचिंग के पाई मैंने यह सफलता
केवल बोर्ड ईयर ही नहीं, बल्कि मैंने 9वीं क्लास में भी सालभर कंसिस्टेंट रहकर पढ़ाई की। मैंने आज तक कभी कोई कोचिंग ज्वॉइन नहीं की। भोपाल में मामा-मामी के पास रहकर पढ़ाई कर रही हूं, उनका काफी सपोर्ट मिला। – उदिशा भट्ट, टीएसवीएस
जब भी तनाव होता क्लासिकल डांस करती
सालभर मैंने 3 से 4 घंटे रोज पढ़ाई को दिए। एक दिन भी ब्रेक नहीं लिया, ताकि स्टडी का फ्लो न टूटे। मैं टीचर्स के पढ़ाने के बाद अपने नोट्स तैयार करती थी और पूरे साल इन्हीं से रिवीजन किया। जब भी स्ट्रेस होता था, क्लासिकल डांस करती थी। – अनन्या सिंह, टीएसवीएस
अब सीए के साथ बीएमएस का प्लान
सेल्फ स्टडी और शाम को होने वाली रेमेडियल क्लासेस भी जरूर अटेंड करता था, ताकि डाउट क्लीयर होते जाएं। अब सीए के साथ बीएमएस करने का प्लान है। – वेदांत जैन, कॉमर्स, टीएसवीएस
इंग्लिश पर पूरे साल मेरा फोकस रहा…
इंग्लिश पर फोकस रहा, जबकि बाकी बच्चे लैंग्वेज पेपर पर उतना ध्यान नहीं देते। ऑनलाइन क्लास के बजाय जल्दी उठकर खुद भी तैयारी करती थी। -ओनिशा मुराब, ह्यूमैनिटीज, टीएसवीएस
इंटरनल एग्जाम से ही कर ली थी तैयारी
इंटरनल एग्जाम्स को मैं हमेशा से शॉर्ट टर्म बोर्ड की तरह ही लेता हूं, इसीलिए इन पर भी उतना ही फोकस किया, जितना प्री-बोर्ड पर करता। -शांतनु अग्रवाल, ह्यूमैनिटीज, टीएसवीएस
हमेशा टाइम मैनेजमेंट को तवज्जो दी
9वीं से लेकर 12वीं तक लगातार कंसिस्टेंट रहना ही सक्सेस दिलाता है। मैंने कभ भीी टाइम मैनेजमेंट को लेकर कैजुअल बिहैवियर नहीं दिखाया। -ओम मारवाह, ह्यूमैनिटीज, टीएसवीएस
नो-मेरिट लिस्ट
बिलाबॉन्ग हाई इंटरनेशनल स्कूल ने इस बार टॉपर्स की मेरिट लिस्ट शेयर न करने का निर्णय लिया है। स्कूल प्रिंसिपल आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, इस साल बच्चों का एसेसमेंट उनके इंटरनल्स के आधार पर हुआ है। सभी बच्चों के एफर्ट्स काबिल-ए-तारीफ हैं, इसलिए स्कूल ने मेरिट लिस्ट डिक्लेयर न करने का निर्णय लिया है।
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