नागपंचमी: दुनिया में सांपों की 3000 से ज्यादा प्रजातियां, भारत में 320 से ज्यादा, दो मुंहे से लेकर उड़ने वाले सांपों तक से जुड़े मिथ और सच्चाई
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सांप किसी घटना को याद नहीं रख सकते, कहीं भी दो मुंहे सांप नहीं होते हैं। सांपों को दूध नहीं पिलाना चाहिए, ये जीव मांसाहारी है, सांप दूध पचा नहीं सकते। सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नागदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दुनियाभर में सांपों की 3000 से अधिक प्रजातियां हैं।
भारत में करीब 320 और मध्य प्रदेश में करीब 42 प्रजातियों के सांप हैं। देश में करीब 60 और मध्य प्रदेश में सिर्फ 4 तरह के सांप ऐसे हैं, जिनके डसने पर इंसान की मौत हो सकती है।
इन चार सांपों को बिग फोर कहा जाता है। पहला है कोबरा,दूसरा है करैत, तीसरा है रसैल वायपर और चौथा है स्कैल्ड वायपर।
कश्यप ऋषि और कद्रू से नागों का जन्म नाग की उत्पत्ति के संबंध में महाभारत की एक कथा के अनुसार ऋषि कश्यप और दक्ष पुत्री कद्रू से नागों का जन्म हुआ है। कद्रू और कश्यप से एक हजार नाग प्रजातियों का जन्म हुआ था। इनमें से आठ नाग प्रमुख थे। वासुकि, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय।
नागों की ये आठ मूल प्रजातियां थीं।
इन्हीं से कई उपप्रजातियां बनीं। वासुकि इन सब नागों के बड़े भाई थे। वे ही पुराणों में नागों के राजा कहलाए हैं। तक्षक का उल्लेख भागवत में राजा परीक्षित को डसने के समय आता है। धार्मिक मान्यताओं से एकदम अलग वैज्ञानिक हैं। विज्ञान बिना सबूतों के किसी बात विश्वास नहीं है।
मणिधारी और इच्छाधारी सांप होते हैं या नहीं? पुरानी मान्यता है कि कुछ सांप मणिधारी होते हैं। लेकिन विज्ञान ये नहीं मानता है, क्योंकि अभी तक किसी भी रिसर्च
में ऐसे किसी सांप के बारे में पता नहीं चला है। ये एक भ्रम है।
कोबरा सांप जब फन फैलाता है तो उसे फन के ऊपर एक चमकीला निशान दिखाई देता है। अंधेरे में जब इस पर प्रकाश पड़ता है तो ये चमकता है। संभवत: लोग इसे ही मणि मान लेते हैं। इच्छाधारी सांप जैसी बातें सिर्फ कहानियों में प्रचलित हैं। वास्तविकता में ऐसा कोई
सांप नहीं होता है। इस संबंध में अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। दो मुंह के सांप की सच्चाई क्या है? सांपों की कई तरह की प्रजातियां हैं। इनमें कुछ सांप ऐसे
हैं, जिनकी पूंछ नुकीली न होकर सांप के मुंह की तरह ही मोटी होती है। ऐसे सांप आगे-पीछे से एक समान दिखते हैं। जानकारी के अभाव में लोग इन्हें दो मुंह का सांप मान लेते हैं। इस तरह के सांप सामान्य सांपों से एकदम अलग होते हैं। इनके संबंध में भ्रम फैला हुआ है कि इन सांपों का उपयोग पुरुषों की शक्ति बढ़ाने की दवाओं में किया जाता है। इसी वजह से इनकी तस्करी होती है। जबकि ये सच नहीं कोई सांप नहीं होता है।
क्या सांप उड़ते भी हैं?
जी हां, कुछ सांप ऐसे हैं जो उड़ने की कला जानते हैं। इन्हें क्राइसोपेलिया (Chrysopelea) प्रजाति का कहा जाता है। लेकिन, ये सांप पक्षियों की तरह नहीं उड़ सकते हैं। उड़ने
वाले सांप ऊपर से नीचे आते समय हवा में लहराते हैं। ये अपने शरीर को फैलाकर चौड़ा कर लेते हैं, जिससे नीचे आते समय ये उड़ते हुए दिखते हैं। ऐसे सांप नीचे से ऊपर की ओर नहीं उड़ सकते। ऊपर जाने के लिए इन्हें पेड़ पर चढ़ाना पड़ता है। भारत में आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, बिहार जैसे राज्यों में ये देखे गए हैं।
क्या नाग-नागिन अपने साथी की मौत का बदला भी लेते
नहीं, ये बात सच नहीं है क्योंकि, सांप किसी भी घटना को याद ही नहीं रख सकते हैं। इनके दिमाग में वो हिस्सा होता ही नहीं है जहां पुरानी यादें एकत्र हो सकें। सांप बार-बार अपनी जीभ बाहर निकालते हैं, इस दौरान वे एक विशेष प्रकार का रसायन छोड़ते हैं, जिसे दूसरे सांप ग्रहण करते हैं। इसी रसायन की मदद से सांप एक-दूसरे से संवाद करते हैं।
जब कोई इंसान किसी सांप को मार देता है, तो सांप एकदम बहुत सारा रसायन छोड़ देता है। जिसे सूंघ उस क्षेत्र में मौजूद अन्य सांप वहां पहुंच जाते हैं और लोग समझते हैं बदला लेने आए हैं। अगर किसी सांप को मारा है और उसक खून इंसान के कपड़ों पर लग गया है तो उस खून की गंध को सूंघते हुए अन्य सांप उस व्यक्ति का पीछा जरूर कर सकते हैं।
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