education

एक ऐसा शिक्षक जिसने प्राथमिक स्कूल को हाईटेक बना डाला, राज्यपाल पुरस्कार से किया सम्मानित

बांदा। उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है।तमाम प्रयासों के बाद भी परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा सुधर नहीं पाई, लेकिन जनपद बांदा के शिक्षक आशुतोष त्रिपाठी ने न सिर्फ प्राथमिक विद्यालय का कायाकल्प का संकल्प लिया बल्कि बिना सरकारी सहायता के विद्यालय को हाईटेक बना दिया। इस साहसिक कार्य के लिए इस शिक्षक को इस वर्ष राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
पूर्ववर्ती सपा सरकार ने परिषदीय विद्यालयों को मॉडल स्कूल में बदलने के लिए मुहिम शुरू की थी। उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने भी कुछ परिषदीय विद्यालयों को मॉडल स्कूल में परिवर्तित करने के लिए चिन्हित किया, और इसके लिए अध्यापकों की नियुक्ति भी की गई।


साथ ही सरकार ने कायाकल्प योजना के तहत धन भी आवंटित किया। इसके बाद भी योजना शुरू होने के ढाई साल बाद भी परिषदीय स्कूलों की बदहाली दूर नही हुई।
मात्र चित्रकूट धाम मण्डल के जनपद बाँदा में एक परिषदीय विद्यालय है, जो अध्यापक की अपनी मेहनत व जनसहयोग से कायाकल्प करने में सफल हुआ है। यह विद्यालय है कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कनवारा 2, जो बड़ोखर खुर्द ब्लाक के अंतर्गत है। यह गांव बाढ़ प्रभावित है, जहां के लोग हर साल बाढ़ आने से परेशान हो जाते है। इस इलाके से बालू निकलती है, जिससे यहां के लोग बालू के धंधे में लिप्त रहते है और बच्चे भी शिक्षा के मामले में रूचि नही लेते है। परन्तु इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष त्रिपाठी ने इस गांव के बच्चों को न सिर्फ पढ़ने के लिए प्रेरित किया बल्कि विद्यालय को भी सामुदायिक सहभागिता से नया स्वरूप प्रदान किया। इस समय विद्यालय में बच्चों के लिए पांच कम्प्यूटर सेट, प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए स्मार्ट टीवी, साथ ही पूरा स्कूल वाईफाई की सुविधा से परिपूर्ण है। इतना ही नही विद्यालय की निगरानी ले लिए सीसी टीवी कैमरे, इन्वर्टर और बच्चों को ठण्डा पानी पीने के लिए फ्रिज भी मुहैया कराया गया है।
प्रधानाध्यापक ने बच्चों के खेलकूद का भी ध्यान रखा है।

विद्यालय के आसपास स्वच्छ वातावरण, खेलकूद का सामान और पुस्तकालय भी विद्यालय में मौजूद है। बच्चों के सहयोग से किचेन गार्डन भी बनाया गया है। कुल मिलाकर यह ऐसा मॉडल स्कूल है जो किसी भी पब्लिक स्कूल से कम नही है। विद्यालय की तस्वीर बदलने में अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों का भी योगदान है।
इस बारें में आशुतोष त्रिपाठी बताते हैं कि इस विद्यालय में बच्चों के लिए पांच कम्प्यूटर सेट, प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए स्मार्ट टीवी, साथ ही पूरा स्कूल वाईफाई की सुविधा से परिपूर्ण है। इतना ही नही विद्यालय की निगरानी ले लिए सीसी टीवी कैमरे, इन्वर्टर और बच्चों को ठण्डा पानी पीने के लिए फ्रिज भी मुहैया कराया गया है, साथ ही बच्चों के खेलकूद का भी ध्यान रखा गया है । विद्यालय के आसपास स्वच्छ वातावरण, खेलकूद का सामान और पुस्तकालय भी विद्यालय में मौजूद है। बच्चों के सहयोग से किचेन गार्डन भी बनाया गया है।

कुल मिलाकर यह एक ऐसा मॉडल स्कूल है जो किसी भी पब्लिक स्कूल से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस विद्यालय की अध्यापिका अंजना और शिक्षक अजय व परिचालक प्रमोद सिंह ने भी कड़ी मेहनत की है, जिससे इस विद्यालय की कायाकल्प हो सकी है और इनकी मेहनत के कारण ही मुझे राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है।


Discover more from Digital Education Portal

Subscribe to get the latest posts to your email.

Show More

आपके सुझाव हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं ! इस पोस्ट पर कृपया अपने सुझाव/फीडबैक देकर हमे अनुग्रहित करने का कष्ट करे !

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|