नई दिल्ली। राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर के चलते दिल्ली में इन दिनों ऑनलाइन क्लास बंद हैं। इसके चलते शिक्षक इन दिनों कोरोना से निपटने में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा 76 स्कूलों को कोविड वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है। ऐसे हालात में शिक्षक 10वीं कक्षा के छात्रों का मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार करने में असमर्थ है। इसलिए स्कूलों को अतिरिक्त समय दिया जाए।
शिक्षा निदेशालय ने सीबीएसई बोर्ड को लिखा पत्र, कहा शिक्षक और स्कूल कोरोना सहयोग में लगे – शिक्षा निदेशालय
दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से बुधवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज को पत्र लिखा है। शिक्षा निदेशालय ने सीबीएसई से 10वीं के परीक्षार्थियों के अंक भेजने की समय सारणी की समीक्षा करने की मांग की है। इसमें निदेशालय ने शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी और स्कूलों में बनाए गए टीकाकरण केंद्र का हवाला दिया है। कोरोना से छात्रों की सुरक्षा व बचाव के तहत सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद की हैं। इसके बाद सीबीएसई ने एक मई को अधिसूचना जारी करते हुए। 10वीं की रद परीक्षा के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए मूल्यांकन नीति जारी की थी। इसके तहत सीबीएसई ने परीक्षार्थियों को नीति के आधार पर अंक आवंटित करते हुए निश्चित समय में इसकी जानकारी देने को कहा था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सत्र 2020-21 में अध्ययनरत 10वीं के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम जारी करेगा। इसमें विद्यार्थी के पास विकल्प रहेगा कि वह परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो परीक्षा में शामिल हो सकता है। देशभर में चल रहे कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रीय बोर्ड ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दसवीं बोर्ड के बच्चों का परिणाम जारी करने की पॉलिसी जारी की है। केंद्रीय बोर्ड परीक्षा ने बताया कि दसवीं बोर्ड का परिणाम तैयार करने के लिए बोर्ड ने नियमबद्ध प्रक्रिया तय की है। इसके तहत स्कूल स्तर पर कमेटी बनेगी। इसमें स्कूल का प्राचार्य कमेटी का अध्यक्ष होगा।
20 जून तक आएगा रिजल्ट
सीबीएसई 20 जून को 10वीं का परिणाम जारी करने वाला है। सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों से आंतरिक परीक्षा व मूल्यांकन नीति के आधार पर आवंटित अंक 11 जून तक जमा कराने को कहा है।
स्कूल की कमेटी तय करेगी दसवीं बोर्ड का परिणाम
सीबीएसई 10वीं में छात्रों को विद्यालय की परर्फोमेंस, प्री बोर्ड परीक्षा और अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के आधार पर नंबर देगा। इस मूल्यांकन में गड़बड़ी न हो इसलिए सीबीएसई ने प्रत्येक स्कूल में कमेटी बनाई है। जिसमें सात शिक्षकों को शामिल किया गया है। यह कमेटी स्कूलों का पिछले तीन वर्षों का रिजल्ट देखकर बच्चे की परर्फोमेंस तय करेगी। अन्य परीक्षाओं के अंक देखने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट सीबीएसई को भेजी जाएगी, जिसका बोर्ड परीक्षण करेगा। सब कुछ मानक के अनुसार मिलने पर परिणाम जारी किया जाएगा।
टाप करने वाले स्कूल मारेंगे बाजी
परर्फामेंस के आधार पर टाप करने वाले स्कूल बाजी मारेंगे। जबकि फिसड्डी स्कूल छात्रों का रिजल्ट प्रभावित करेगी। क्योंकि जिले में सीबीएसई से जुडे़ 93 स्कूलों में करीब 10 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इन स्कूलों से अधिकांश स्कूलों में हर साल छात्र टाप करते हैं। जबकि कुछ स्कूलों का रिजल्ट काफी खराब रहता है।
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