लखनऊ| प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की ओर से गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की योजना में फर्जीवाड़े की जांच के लिए शासन स्तर पर गठित तीन सदस्यीय समिति बीएड, बीटीसी, इंजीनियरिंग,मैनेजमेंट, आईटीआई, के पाठ्यक्रम संचालित करने वाली शिक्षण संस्थाओं का पूरा ब्योरा खंगालेगी।
पिछले दिनों वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में शिक्षण संस्थाओं द्वारा करोड़ों रुपये की फीस भरपाई व छात्रवृत्ति की धनराशि छात्र-छात्राओं के फर्जी ब्यौरे व दस्तावेजों के जरिये हासिल करने के मामलों पर गम्भीर चिन्ता जताई थी। समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने हाल ही में सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखा है।
इस पत्र में वर्ष 2016-17 में प्रख्यापित दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना निमयावली के नियम 14 (दो) का हवाला देते हुए कहा गया है कि नियम विरुद्ध छात्रवृत्ति लेना आपराधिक कृत्य है। ऐसे सैकड़ों मामलों की जांच मथुरा व सहारनपुर के शिक्षण संस्थानों के खिलाफ पहले से की जा रही है। ये मामले इतने गम्भीर हैं कि अब इनकी विस्तृत जांच के लिए एसआईटी का सहारा लेने पर भी विचार किया जा रहा है।
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