कोरोना काल के चलते शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हुई है.
कोरोना काल के चलते शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हुई है. पिछले करीब 5 महीनों से जहां स्कूल बंद है तो वहीं कोरोना के चलते लोगों के पलायन करने के चलते सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट भी काफी बढ़ा है. शिक्षा विभाग की ओर लॉक डाउन खुलने के साथ ही विद्यार्थियों को स्कूलों से जोड़ने के लिए नामांकन अभियान की शुरूआत की, लेकिन इस अभियान को ज्यादा सफलता नहीं मिलने पर प्रवेश की प्रक्रिया लगातार बढ़ाई जा रही थी.
विभाग की ओर से 9वीं से 12वीं तक जहां 31 अगस्त तक प्रवेश हो सकेंगे तो वहीं कक्षा 1 से 8वीं तक पूरे साल प्रवेश प्रक्रिया चलेगी, लेकिन स्कूल कब खुलेंगे ये सवाल अभी भी विभाग के सामने हैं.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि “स्कूल,कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में केन्द्र सरकार सभी फैसले ले रही है. यदि केन्द्र की ओर से ये जिम्मेदारी राज्यों की तय कर दी जाए तो स्कूलों को खोलने को लेकर अपने कदम आगे बढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन जो भी गाइड लाइन होगी उसकी से अनुरूप कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही जब स्कूल खुल जाएंगे उसके भी 15 दिनों के बाद तक प्रवेश प्रक्रिया जारी रखी जाएगी फिर चाहे स्कूल कभी भी खोले जाएंगे. इसके साथ ही जो लोग पलायन करके राजस्थान के किसी भी हिस्से में गए हैं उनको वहां पर स्कूलों से जोड़ने को लेकर भी अभियान चलाया जाएगा. कोई भी बच्चा स्कूल से छूटा ना रहे ये सरकार की जिम्मेदारी है.”
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