राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर A to Z रिपोर्ट: इस साल UG फर्स्ट ईयर के नए स्टूडेंट्स पर ही लागू होगी; जानिए… कैसे मिलेगी डिग्री, बीच में पढ़ाई छोड़ने पर क्या होगा, कैसे तैयार होगा रिजल्ट Digital Education Portal
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा शिक्षा सत्र में UG (ग्रेजुएशन) स्तर पर फर्स्ट ईयर में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट का ही नई नीति के अनुसार करिक्यूलम होगा। बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से सेकेंड और थर्ड ईयर में लागू किया जाएगा। अब तक UG फर्स्ट ईयर में करीब 4 लाख 40 हजार स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। यानी इन सभी स्टूडेंट्स पर यह नई नीति प्रभावी होगी।
प्रदेश में अब तक 10+2 पैटर्न फॉलो किया जाता था, लेकिन नई शिक्षा नीति (NEP) के आ जाने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा। यानी 10वीं तक सारे सब्जेक्ट और 11वीं में स्ट्रीम तय करना होती है। नए सिस्टम को 5+3+3+4 बताया गया है। इसमें स्कूल के आखिरी चार साल 9वीं से लेकर 12वीं को एकसमान माना गया है। स्ट्रीम चुनने की जरूरत नहीं होगी। मल्टी स्ट्रीम पढ़ाई होगी। फिजिक्स वाला चाहे तो हिस्ट्री भी पढ़ पाएगा। एक्ट्रा करिक्यूलम एक्टिविटी, जैसे- म्यूजिक या गेम है, तो उसे भी एक सब्जेक्ट की तरह ही शामिल किया जाएगा। ऐसी रुचि वाले सब्जेक्ट्स को एक्स्ट्रा नहीं माना जाएगा।
12 सवाल-जवाब में समझिए क्या है पूरी शिक्षा नीति
नई नीति में सिलेबस पूरी तरह बदला जाएगा?
नहीं। पूरा सिलेबस नहीं बदला जाएगा। केवल वर्तमान बदलाव के अनुसार बदलाव किए गए हैं। स्टूडेंट की आवश्यकता के अनुसार सिलेबस में परिवर्तन किए गए हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स कितने साल का होगा, डिप्लोमा कब मिलेगा?
मान लीजिए, आप B.tech. कर रहे हैं। 1 साल बाद मन नहीं लगा। नई नीति के मुताबिक, आपका यह 1 साल खराब नहीं होगा। इस 1 साल का आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा। अब अगर आप कोई दूसरा कोर्स (मान लीजिए B.com.) करते हैं और 2 साल बाद इसे भी छोड़ देते हैं तो इन 2 साल का आपको डिप्लोमा मिल जाएगा। ग्रेजुएशन 3 साल में पूरा होगा। अगर वापस B.Tech. करने का मन हुआ तो पहले मिल चुके 1 साल के सर्टिफिकेट के आधार पर B.Tech. में सेकंड ईयर में एडमिशन ले सकते हैं।
तीन साल बाद रिसर्च नहीं करते हैं, तो ग्रेजुएशन कम्प्लीट हो जाएगा?
हां। नई नीति में दो तरह के विकल्प हैं। पहला- 3 साल का ग्रेजुएशन। दूसरा- जो रिसर्च में जाना चाहते हैं, उनके लिए 4 साल यानी बैचलर विद रिसर्च। खास बात यह है कि अगर आप 4 साल का बैचलर विद रिसर्च करते हैं तो पोस्ट ग्रेजुएशन 1 साल का ही होगा। 4 साल में Ph.D. हो जाएगी। M.Phil. की जरूरत नहीं रहेगी।
एडिमशन लेने के बाद क्या कॉलेज बदला जा सकता है?
हां। नीति के अनुसार, स्टूडेंट को क्रेडिट ट्रांसफर की सुविध रहेगी। एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर होने पर क्रेडिट भी ट्रांसफर हो जाएगी।
ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प रहेगा?
नई नीति के अनुसार स्टूडेंट को ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी रहेगा। ऑनलाइन सिलेबस से प्राप्त अंकों अथवा ग्रेड को अंकसूची में प्रदर्शित भी किया जाएगा।
क्या परीक्षा का पैटर्न बदलेगा। रिजल्ट तैयार करने का आधार बदलेगा?
परीक्षा के पैटर्न में संशोधन किया गया है। वार्षिक परीक्षा 2 घंटे की होगी। प्रश्नों के प्रारूप में भी बदलाव किए गए हैं। चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम में मूल्यांकन अंकों पर न होकर अंतर राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप क्रेडिट आधारित प्रणाली के अनुसार होगा।
क्या किसी भी वर्ष सब्जेक्ट बदला जा सकता है। रोजगार के अवसर कैसे बढ़ेंगे?
स्टूडेंट एक से अधिक सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकेगा। साइंस का स्टूडेंट चाहते तो आर्ट्स या वाणिज्य विषय की पढ़ाई भी कर सकेगा। पहले और दूसरे साल में सब्जेक्ट बदलने का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। प्रथम वर्ष से ही स्टूडेंट को व्यावसायिक पाठ्यक्रम से पढ़ाई की सुविधा रहेगी। इससे निश्चित ही कौशल संवर्धन होगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
आधार पाठ्यक्रम के अंतर्गत कौन-कौन से सब्जेक्ट की पढ़ाई होगी?
इसके अंतर्गत पर्यावरण, योग, डिजिटल, लिटरेसी, मानवीय मूल्य, नैतिकता तथा महिला सशक्तीकरण जैसे नए एवं प्रासंगिक विषय की पढ़ाई की सविधा भी होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खासियत
- बैचलर विद रिसर्च का 4 साल का कोर्स
- चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम
- फर्स्ट ईयर से ही इंटर्नशिप का प्रावधान
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू होगा
- स्टूडेंट किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देता है तो बाद में भी उसे जारी रख सकता है।
- 3 (ग्रेजुएशन) और 4 साल (बैचलर विद रिसर्च) के दो अलग डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं।
- ग्रेजुएशन 3 साल में ही कम्प्लीट हो जाएगी।
- रिसर्च में रूचि रखने वाले 4 साल का बैचलर विद रिसर्च कोर्स कर सकेंगे।
- व्यावसायिक पाठ्यक्रम हर साल 4-4 क्रेडिट में होंगे।
- प्रशिक्षण की अवधि 60 घंटे की होगी।
मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन होगी
- कोई स्ट्रीम नहीं होगी। मनचाहे सब्जेक्ट चुन सकते हैं।
- कोई फिजिक्स में ग्रेजुएशन कर रहा है और उसकी रुचि म्यूजिक में है, तो वह म्यूजिक भी साथ में पढ़ सकेगा।
- मेजर और माइनर सब्जेक्ट की व्यवस्था होगी।
इस साल कितने कोर्स शुरू होंगे?
जॉब ओरिएंटेड सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। इस वर्ष कॉलेजों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। नीति के अनुसार एक साल में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री सहित ‘मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) भी लागू किया जा रहा है।
हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा .
Team Digital Education Portal
शैक्षणिक समाचारों एवं सरकारी नौकरी की ताजा अपडेट प्राप्त करने के लिए फॉलो करें |
||
---|---|---|
Follow Us on Telegram @digitaleducationportal @govtnaukary |
Follow Us on Facebook @digitaleducationportal @10th12thPassGovenmentJobIndia |
Follow Us on Whatsapp @DigiEduPortal @govtjobalert |
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.