डिजिटल विलेज Digital Village से 20 लाख लोगों को मिलेगी नौकरियां , 1000 दिनों में साढे चार लाख गांवों की बदलेगी तस्वीर
नई दिल्ली, जेएनएन। Digital Village से 20 लाख लोगों को मिलेगी नौकरियांअगले 1000 दिनों में देश के लगभग 4.5 लाख गांवों की सूरत बदलने जा रही है। अगले 1000 दिन के बाद इन गांवों में युवा से लेकर महिलाओं तक के लिए नए अवसर निकलेंगे। इस योजना के तहत 20 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। विशेष बात ये है कि ये नौकरियां गांवों में होंगी। युवाओं को इसके लिए अपना गांव छोड़कर शहर नहीं जाना होगा।
1000 दिनों में साढे चार लाख गांवों की बदलेगी तस्वीर
इतना ही नहीं 1000 दिन बाद गांव के लोगों को हर काम के लिए शहर जाकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इन गांवों के डिजिटल बनने से यह संभव होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 15 अगस्त को यह घोषणा की थी कि अगले 1000 दिनों में बचे हुए सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम पूरा हो जाएगा।
बाकी बचे 4.5 लाख गांवों को ऑप्टीकल फाइबर केबल से जोड़ने का काम
अभी देश में लगभग 1.5 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया गया है। अब बाकी बचे 4.5 लाख गांवों को ऑप्टीकल फाइबर केबल से जोड़ने का काम चल रहा है।
कैसे बदलेगी गांवों की सूरत
आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अधीनस्थ काम करने वाली कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के सीईओ दिनेश त्यागी ने बताया कि इन गांवों में ऑप्टिकल फाइबर के आते ही सभी गांवों में एक-एक कॉमन सर्विस सेंटर खुल जाएगा। एक सेंटर के खुलने से कम से कम पांच लोगों को नौकरी मिलेगी। इस हिसाब से सीधे तौर पर कम से कम 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। सीएससी के खुलने से शिक्षा से लेकर इलाज जैसी कई सुविधाएं ग्रामीणों को मिलेंगी और उन्हें हर काम के लिए शहर नहीं जाना होगा। हर गांव में एक-एक विलेज लेवल इंट्रेप्रेन्योर (वीएलई) की नियुक्ति की जाएगी जो ग्रामीणों की फसलों को घर बैठे बिकवाने का इंतजाम करवाएगा। बैंकिंग की सुविधा भी गांवों में ही उपलब्ध हो जाएगी।
ऑप्टिकल फाइबर का लाभ
दिनेश त्यागी ने बताया कि ऑप्टिकल फाइबर के आने से वहां इंटरनेट की स्पीड तेज हो जाएगी और डेस्कटॉप को चलाना आसान हो जाएगा। ग्रामीण अपने उत्पाद को ई-कॉमर्स के जरिए बेच सकेंगे। सरकार भी गांवों में बनने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए उन्हें सरकारी ई-मार्केट से जुड़ने की सुविधा दे सकती है। लेकिन यह सब तभी संभव है जब इंटरनेट की स्पीड तेज हो, जो ऑप्टिकल फाइबर से ही संभव है।
भारत नेट प्रोग्राम के तहत जुड़ेंगे सभी गांव
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना काल में या उसके बाद भी अब ब्राडबैंड की स्पीड तेज होने पर ही अर्थव्यवस्था में तेजी संभव है। दूरसंचार विभाग के मुताबिक भारतनेट प्रोग्राम के तहत सभी गांवों को आप्टिकल फाइबर से जोड़ने का काम चल रहा है जो तय समय से काफी पीछे हो गया है। लेकिन अब प्रधानमंत्री ने स्वयं 1000 दिनों का लक्ष्य तय कर दिया है, इसलिए निश्चित रूप से यह काम तय समय में पूरा हो जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के हर गांव में केबल के जरिए मिलने वाली इंटरनेट की सुविधा आवश्यक है।
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