जन सेवा केन्द्र:- प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो जन सेवा केन्द्र खोले जाएंगे. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों की प्रत्येक 10,000 आबादी पर भी इतने जन सेवा केन्द्र काम करेंगे. इस तरह प्रदेश में 1.5 लाख जन सेवा केन्द्रों को खोले जाने का लक्ष्य है. कामन सर्विस सेंटर परियोजना के तीसरे चरण की इस परियोजना से लगभग 4.5 लाख ग्रामीण युवा उद्यमियों को स्वरोजगार प्राप्त होगा एवं उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
अपर मुख्य सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी आलोक कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह सारा काम कामन सर्विस सेंटर के तीसरे चरण में होगा. इसके लिए निविदा प्रक्रिया इस महीने पूरी हो जाएगी. यह परियोजना आगामी तीन सालों के लिए होगी.
इसे डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेन्स सोसाइटी एवं डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर की आपसी सहमति से 02 वर्षों तक आगे भी बढ़ाया जा सकेगा. इस परियोजना के अन्तर्गत प्रति सेवा शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 30रु0 लिया जायेगा.
ग्राम स्तर पर उपस्थित जन सेवा केन्द्र संचालक (वी.एल.ई.) को अधिक आय के लिए प्रति ट्राॅन्जेक्शन न्यूनतम 11 रु0 किया गया है. यह राशि पूर्व में 04 रुपये हुआ करती थी इससे ग्राम स्तर पर युवा उद्यमियों (केन्द्र संचालक) को प्रोत्साहन मिलेगा एवं उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता आयेगी.
वर्तमान में 63,119 जन सेवा केन्द्र सक्रिय
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पीपीपी मॉडल पर जन सेवा केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन का कार्य हो रहा है. सी.एस.सी.-2.0 (कॉमन सर्विस सेन्टर-2.0) परियोजना के लक्ष्य के अनुरूप प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 01 जन सेवा केन्द्र एवं प्रति 10,000 आबादी पर न्यूनतम 01 जन सेवा केन्द्र स्थापित किए गए है. प्रदेश में 63,119 जन सेवा केन्द्र सक्रिय रूप से संचालित है.
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