लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के समूह ‘ख’ और ‘ग’ की नई भर्तियों के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में है जिसके तहत नई नौकरी पाने वालों की पांच वर्ष तक संविदा पर तैनाती की जाएगी जिस पर खरा उतरने के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी नौकरी के संबंध में नई व्यवस्था बेहद प्रारंभिक अवस्था में है हालांकि इस बारे में एक प्रस्ताव जल्द मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। इस बारे में हर विभाग से सुझाव मांगे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इन पांच वर्ष के दौरान कर्मचारी का छमाही मूल्यांकन होगा जिसमें नई नौकरी पाने वालों को हर बार 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा।
सरकार की प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही नियमित नियुक्ति की जाएगी।
60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे। इन पांच सालों में कर्मचारियों को नियमित सेवकों की तरह मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया में चयनित कर्मचारियों को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति दी जाती है। इस दौरान कर्मचारी को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ देते हैं।
एक या दो वर्षों के प्रोबेशन अवधि के दौरान वे वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं। इसके बाद इन्हेंं नियमित किया जाता है, लेकिन प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही मौलिक नियुक्ति की जाएगी
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