नई दिल्ली. रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरूवार को पायलट आधार पर ‘ऑफलाइन’ यानी बिना इंटरनेट के कार्ड और मोबाइल के जरिये खुदरा भुगतान योजना (Offline Payment Through Cards) की घोषणा की है. इस पहल का मकसद उन जगहों पर भी डिजिटल लेन-देन (Digital Transaction) के लिये ग्राहकों को प्रोत्साहित करना है, जहां इंटरनेट कनेक्टविवटी कमी है. रिजर्व बैंक ने ‘विकासात्मक और नियामकीय नीतियों पर बयान’ में कहा कि केंद्रीय बैंक इकाइयों को ‘ऑफलाइन भुगतान समाधान विकसित करने के लिये प्रोत्साहित करता रहा है.
इसीलिए पायलट योजना के तहत उपयोगकर्ताओं के हितों, देनदारी सुरक्षा आदि का ध्यान रखते हुए ‘ऑफलाइन’ माध्यम से अंतर्निहित सुविधाओं के साथ छोटी राशि के भुगतान की अनुमति देने का प्रस्ताव है.इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में जल्दी ही निर्देश जारी किये जाएंगे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि पायलट योजना से प्राप्त अनुभव के आधार पर योजना लागू करने को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे. आरबीआई ने कहा कि खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट का अभाव या उसकी कम गति डिजिटल भुगतान के रास्ते में बड़ी बाधा है।
डिजिटल पेमेंट से संबंधित शिकायतों से निपटान के लिए पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर को ऑनलाइन विवाद समाधान करना होगा लागू
इसको देखते हुए कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफलाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है. उम्मीद है कि इससे डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि ‘पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर’ (पीएसओ) को ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) लागू करना होगा. डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ विवाद और शिकायतें भी बढ़ी हैं।
शिकायतों के समाधान की यह व्यवस्था नियम आधारित और पारदर्शी होगी. इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा या अगर होगा भी तो बहुत कम. इस पहल का मकसद विवादों और शिकायतों का समय पर और प्रभावी तरीके से निपटान करना है.
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