सांसदों के फर्जी नोटशीट का मामला: सांसद नागर के प्रतिनिधि ने 4 सांसदों की फर्जी नोटशीट से 5 कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए की थी अनुशंसा, दो लोग और गिरफ्तार Digital Education Portal
मध्यप्रदेश के सांसदों की फर्जी नोटशीट-लैटर हेड का इस्तेमाल कर शासकीय कर्मचारियों के ट्रांसफर की अनुशंसा करने वाले दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी राजगढ़ से सांसद रोडमल नागर का प्रतिनिधि है। आरोपी ने सांसद प्रज्ञा सिंह, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, सांसद रोडमल नागर, सांसद उदय प्रताप सिंह की फर्जी नोटशीट बनाकर 5 सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर की अनुशंसा की थी।
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क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर घनश्याम दांगी ने बताया, लालसिंह राजपूत और कमल प्रजापति दोनों निवासी शाजापुर को गिरफ्तार किया गया है। लालसिंह राजपूत सांसद रोडमल नागर का प्रतिनिधि है। उसकी पत्नी सरपंच है, जबकि दूसरा आरोपी कमल कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं। आरोपियों ने प्रदेश के 4 सांसदों की फर्जी नोटशीट बनाकर 5 कर्मचारियों की अनुशंसा की थी। इनमें तीन अधिकारी शिक्षा विभाग के हैं, जबकि दो राजस्व विभाग के हैं।
ओरिजनल नोटशीट का हेडर कॉपी कर कमल से बनवाई फर्जी नोटशीट
आरोपी लालसिंह ने पूछताछ में बताया, सांसद का प्रतिनिधि होने से वाट्सएप में सांसदों द्वारा भेजे गए लैटर हेड, नोटशीट आते थे। ओरिजिनल लेटर हेड का हेडर वह कॉपी कर कम्प्यूटर से उसी तरह का फर्जी लेटर हेड तैयार कर लेता था। यही नहीं, सांसदों के हस्ताक्षर भी उसने कम्प्यूटर से कॉपी कर ही बनवाए हैं।
इन सांसदों की बनाई फर्जी नोटशीट
1. साध्वी प्रज्ञा सिंह, भोपाल
2. महेन्द्र सिंह सोलंकी, देवास
3.रोडमल नागर, राजगढ़
4. उदय प्रताप सिंह, होशंगाबाद
विधायकों की नोटशीट भेजने वाले 5 आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार
भोपाल क्राइम ब्रांच ने हाल ही में विधायकों की फर्जी नोटशीट भेजकर कर्मचारियों के ट्रांसफर की अनुशंसा करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का पुराना चपरासी रामगोपाल पाराशर, विधायक रामपाल सिंह का पूर्व कुक रामप्रसाद राही समेत अन्य आरोपी थे। आरोपियों ने 30 शासकीय कर्मचारियों की अनुशंसा भेजी थी। पुलिस ने इनके पास से तीन फर्जी नोटशीट बरामद की है।
10 से 20 हजार रुपए एडवांस में लिए
आरोपी शासकीय कर्मचारियों का ट्रांसफर कराने के लिए उनसे 10 से 20 हजार रुपए एडवांस में लेने की बात कबूली है। ट्रांसफर होने के बाद एक से डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रखी थी। हालांकि किसी का ट्रांसफर होता इससे पहले मामले का पर्दाफाश हो गया।
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