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SBI का नया लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान, लाखों ग्राहकों को फायदा, जानिए इससे जुड़ी सभी बातें

नई दिल्ली. उधारकर्ताओं पर कोविड-19 महामारी के असर को कम करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल ही में लोन रिस्ट्रक्चरिंग (Loan Restructuring) का ऐलान किया है. एसबीआई कार्ड यूजर्स (SBI Card Users) को भी इस लोन रिकास्ट स्कीम का लाभ लेने का मौका है.

देश के सबसे बड़े बैंक ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह पॉलिसी उन अकाउंट्स के लिए है, जिनमें कोविड-19 की वजह से पेमेंट क्षमता पर असर पड़ा है.

आज हम एसबीआई कार्ड के लिए इस स्कीम के तहत योग्यता, फायदे, रिस्ट्रक्चरिंग प्लान, क्रेडिट रिपोर्ट पर इसके असर समेत अन्य जरूरी जानकारियां दे रहे हैं.

योग्यता: एसबीआई कार्ड अपने एसेसमेंट के आधार योग्य अकांउट की एक लिस्ट भी तैयार करेगा.

इसके लिए नि​म्निलिखित बातों को ध्यान में रखा जाएगा.

1. जिन अकाउंट्स को स्टैंडर्ड अकाउंट के तौर पर क्लासिफाई किया गया है और 1 मार्च 2020 से कम से कम 30 दिन पहले तक इसमें कोई डिफॉल्ट नहीं हुआ है. ऐसे अकाउंट्स रिस्ट्रक्चरिंग के लिए योग्य होंगे.

2. 1 मार्च 2020 से पहले 12 महीनों में इन अकाउंट्स को NPA के तौर पर क्लासिफाई नहीं किया गया हो.

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3. इसमें वो अकाउंट्स शामिल होंगे, जिन्होंने 1 मार्च से 31 अगस्त के बीच मोरेटोरियम का लाभ लिया है या इस दौरान कम से कम एक बार न्यूनतम बकाये का रिपेमेंट नहीं किया है.

योग्यता को व्यक्तिगत अकाउंट स्तर पर परिभाषित किया जाएगा. यह ग्राहकों के स्तर पर नहीं होगा. मान लीजिए कि किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा अकाउंट है

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और इनमें केवल एक ही अकाउंट योग्य है तो केवल उसी अकाउंट पर इसका लाभ मिल सकेगा. अन्य अकाउंट्स सामान्य तौर पर चलते रहेंगे.

रिस्ट्रक्चरिंग प्लान: मौजूदा रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत कुल बचे बकाये को अधिकतम 24 महीनों के टर्म लोन में कन्वर्ट कर दिया जाएगा.

रिस्टक्चर किए गए अकाउंट्स पर ब्याज दर 13 से 19 फीसदी के बीच होगी. ब्याज दर इस बात पर भी निर्भर करेगी कि टर्म लोन की अवधि 3 से 24 महीनों के बीच में क्या चुनी जाती है.

इस रिजॉल्युशन को 31 दिसंबर 2020 तक फाइनल करना होगा और 90 दिनों के अंदर इसे लागू भी कर देना होगा. कॉरपोरट अकाउंट्स के लिए यह लिमिट 180 दिनों के लिए होगा.

कैसे काम करेगा यह रिस्ट्रक्चरिंग प्लान: इसके लिए ग्राहकों को प्लान की सहमति के आधार पर ईएमआई कटने के ऑटो डेबिट या नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NHCH) या PDCs उपलब्ध कराना होगा. इसकी टाइमलाइन एसबीआई कार्ड तय करेगी.

क्रेडिट कार्ड स्टेटस: अगर कोई कस्टमर ईएमआई प्लान को चुनता है तो क्रेडिट कार्ड पर एक्सटेंडेड फैसिलिटी डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा.

कस्टमर अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. हालांकि, जब 3 से 6 महीने के लिए रेगुलर ईएमआई कर दी जाएगी तो कार्ड को दोबार एक्टिवेट कर दिया जाएगा.

क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ेगा?
बैंक ने इस बारे में भी जानकारी दी है. अगर कोई कस्टमर रिस्ट्रक्चरिंग विकल्प को चुनता है तो उनके क्रेडिट रिपोर्ट में इसे ‘restructured’ दर्शाया जाएगा. इसके बाद उधारकर्ता की क्रेडिट हिस्ट्री को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी की पॉलिसी के आधार गवर्न किया जाएगा.

इन अकाउंट्स पर नहीं लागू होगी ये पॉलिसी
यह पॉलिसी एसबीआई कार्ड एम्प्लॉई अकाउंट्स पर लागू नहीं होगा. साथ ही, इसमें उन अकाउंट्स को भी शामिल नहीं किया जाएगा,

जिन्हें मार्च से जुलाई के बीच रिस्ट्रक्चर किया जा चुका है या सेटलमेंट के बाद अनिवार्य लेटर जारी कर दिया गया है.

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