MP के 1500 स्टूडेंट्स नहीं दे पाएंगे नीट पीजी परीक्षा!: MBBS फाइनल ईयर स्टूडेंट्स का सेशन हुआ लेट, इंटर्नशिप पूरी न होने से पीजी में एडमिशन पर खतरा Digital Education Portal
मप्र के छह सरकारी और पांच प्रायवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स अगले साल होने वाली नीट पीजी 2023 की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। इस साल सेशन लेट होने के बाद MBBS फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी लेट हुईं हैं ऐसे में करीब डेढ़ हजार मेडिकल स्टूडेंट़्स पीजी की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। साल बर्बाद होने की आशंका से छात्र चिंतित हैं। जूडा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस मामले में मदद की मांग की है।
एक राज्य में दो व्यवस्थाएं
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ.आकाश सोनी ने बताया कि मप्र के जो मेडिकल कॉलेज चाहे वे सरकारी हों या प्रायवेट, मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। उनके फाइनल ईयर के एग्जाम हाल ही (मई-जून) में खत्म हुए हैं। जबकि मप्र के दो प्रायवेट मेडिकल कॉलेज पीपुल्स और एलएन मेडिकल कॉलेज में 2022 में एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षाएं निजी विश्वविद्यालयों से संबद्ध होने के बावजूद समय पर हो गई हैं। पीपुल्स और एलएन मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप दो महीने हो चुकी है। लेकिन सरकारी सिस्टम में ऐसी लापरवाही है कि अभी सिर्फ परीक्षा हो पाई है। कॉपी जांचने के बाद रिजल्ट आने में भी अभी टाइम लगेगा। एक ही राज्य में दो तरह की व्यवस्थाएं काम कर रहीं हैं।
इन मेडिकल कॉलेज के छात्र नहीं ले पाएंगे पीजी में दाखिला
सरकारी मेडिकल कॉलेज: इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा
कोरोना संकट के पहले अप्रैल में एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षाएं पूरी होने के साथ ही इंटर्नशिप शुरू हो जाती थी। अगले साल जनवरी 2023 में नीट पीजी की परीक्षा संभावित है। ऐसे में जिनकी परीक्षा मई-जून में हुई है उनकी इंटर्नशिप अगले सत्र के एडमिशन तक पूरी नहीं हो पाएगी। कोरोना संकट के पहले मार्च तक इंटर्नशिप पूरी करके नीट पीजी में सफल हुए छात्रों को पीजी में दाखिला मिल जाता था।
मेडिकल कॉलेजों में कम हो जाएंगे पीजी डॉक्टर
नीट पीजी 2023 में डेढ़ हजार छात्रों के दाखिला न ले पाने की स्थिति में मप्र के मेडिकल कॉलेजो में पीजी जूनियर डॉक्टरों का संकट मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनेगा। वैसे भी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी से परेशानियां बढ़ रहीं हैं। पीजी में दाखिले न हो पाने के कारण प्रदेश को स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी देरी से मिल पाएंगे। जूडा का कहना है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी ने यदि एग्जाम समय पर करा लिए हाेते तो छात्रों को पीजी में एडमिशन के वक्त दिक्कतें नहीं आतीं।
जूड़ा बाेले: जुलाई में इंटर्नशिप शुरू होती है तो तय है कि फाइनल ईयर के छात्र नीट पीजी से वंचित हो जाएंगे। अब एनबीई अगले साल का पीजी एंट्रेंस अगस्त में करवाए, जो कि मुश्किल है। ऐसे में छात्रों काे एक साल का नुकसान हो सकता है। केंद्र व राज्यों की चिकित्सा एजेंिसयों को ही हल निकालना होगा, और यह सुनियोजित करना होगा कि मध्य प्रदेश के छात्र भी नीट पीजी 2023 की परीक्षा मे सम्मिलित हो सके। आकाश सोनी, चीफ एडवाइजर, जेडीए यूजी विंग, मध्यप्रदेश
मेडिकल यूनिवर्सिटी का तर्क
मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर पंकज बुधौलिया इस मामले में कहते हैं कि अभी परीक्षा सम्पन्न हुई है। कॉपियां जांचने के बाद रिजल्ट जारी होगा। छात्र नीट पीजी में शामिल हाे सकें इसके लिए एनएमसी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगेंगे।
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