मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासी छात्रावासों में 4570 अधीक्षकों की भर्ती करने का फैसला किया है। अभी तक स्कूलों के शिक्षक यह काम कर रहे थे, जिन्हें अब वापस स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह फैसला छात्रावासों में बेहतर माहौल बनाने और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि नए अधीक्षकों को छात्रों के लिए एक घर जैसा माहौल बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
आदिवासी कल्याण मंत्री विजय शाह ने कहा कि नए अधीक्षकों की भर्ती एक साल के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएगी। इस बीच, नियमित अधीक्षकों की भर्ती की जाएगी।
नए अधीक्षकों की योग्यता:
- न्यूनतम 12वीं पास
- बीपीएड, एमपीडब्लू, बीएससी नर्सिंग, मनोविज्ञान या इस तरह की योग्यता वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
वेतन:
- नए अधीक्षकों को न्यूनतम 35 हजार रुपये और भविष्य में 70 हजार रुपये तक वेतन दिया जाएगा।
इस भर्ती से कई फायदे होंगे:
- छात्रावासों में बेहतर माहौल बनेगा।
- छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।
- शिक्षकों की कमी दूर होगी।
- आदिवासी छात्रों को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।
भर्ती प्रक्रिया:
- अधीक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से एक साल के लिए की जाएगी।
- इस बीच, साल भर में नियमित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी अधीक्षकों की भर्ती की जाएगी।
- योग्य उम्मीदवारों में बीपीएड, एमपीडब्ल्यू, बीएससी नर्सिंग, मनोविज्ञान और इस तरह की योग्यता वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- अधीक्षकों का वेतन अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन न्यूनतम 35 हजार रुपये और भविष्य में 70 हजार रुपये तक सैलरी जैसे नियमों पर विचार किया जा रहा है।
यह भर्ती आदिवासी छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उन्हें बेहतर शिक्षा और बेहतर जीवन प्रदान करने में मदद करेगा।
शुभकामनाएं!
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