मध्य प्रदेश शिवराज का तोहफा अब तक आपने बड़े-बड़े शहरों में और मेट्रोज में मॉल्स में शॉपिंग की होगी लेकिन मध्यप्रदेश में अब किसानों के लिए मॉल खोलने की योजना बनाई जा रही है. राज्य कृषि मंत्री कमल पटेल ने TV9 को जानकारी दी कि जल्द ही मध्य प्रदेश में मंडियों में किसान मॉल खोले जाएंगे जिसमें खाद, बीज, कृषि के उपकरण और कृषि से जुड़ी दूसरी चीजों को किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.
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मध्य प्रदेश में शिवराज का सरकार किसानों के लिए अब किसान मॉल खोलने की योजना बना रही है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत में यह जानकारी दी कि किसानों के लिए मंडी में ही सारी सुविधाएं मौजूद रहें इसके लिए हम किसान मॉल बनाने का विचार कर रहे हैं.
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इस मॉल में किसान को खाद, बीज, कृषि से जुड़े उपकरण, राशन और दूसरी सामग्री उपलब्ध हो जाएगी. कमल पटेल ने कहा कि किसान ट्रैक्टर पर दूर-दूर से अपना माल बेचने मंडी में आता है और वापस जाते वक्त उसको रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए कहीं रुकना पड़ता है. कई बार शिकायत आती है कि ट्रैक्टर सड़क किनारे खड़ा करके सामान लेने पर चालान बन जाता है या जाम लग जाता है. इस समस्या से भी निजात मिलेगी और मंडी के अंदर ही किसाना को सारा सामान उपलब्ध कराने की भी कोशिश है.कमल पटेल
शिवराज सरकार पीपीपी मॉडल पर करेगी योजना की शुरूआत
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान हितैषी सरकार है इसलिए किसानों के लिए मंडी के अंदर ही क्लीनिक भी खोला जाएगा. जिससे किसान क्लिनिक नाम दिया जाएगा. हर मंडी को स्मार्ट मंडी बनाया जा रहा है. सबसे पहले हर संभाग में 1-1 मंडी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्मार्ट मंडी की तरह विकसित किया जाएगा. यहां पर ही मॉल और क्लीनिक की सुविधाएं भी शुरू की जाएंगी. सरकार पीपीपी मॉडल पर यह सुविधाएं शुरू कर सकती है. किसान मंडी में मॉल खोले जाने को लेकर खुश है तो वहीं व्यापारियों और विक्रेताओं का कहना है कि मॉल खोलने का वह विरोध करेंगे क्योंकि इससे उनका बिजनेस प्रभावित होगा.
मॉल खोलने का कांग्रेस कर रही विरोध
मॉल खोलने के प्रस्ताव का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि सरकार मंडी की जमीन निजी हाथों में सौंपना चाहती है. मानक अग्रवाल का कहना है कि स्थानीय लोग इसका विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा. उम्मीद है कि मॉल खोलने का यह प्रस्ताव भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ेगा और असल में किसानों को इससे लाभ होगा.
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