EPFO alert : जानिए अपने इपीएफ खाते के बारे में ये पांच बातें
इपीएफ अलर्ट जानिए अपने खाते के बारे में ये पांच बातें
EPFO alert : कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन से हर महीने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते के लिए राशि की कटौती करती है।
इसमें दूसरा हिस्सा कंपनी का भी होता है। EPF को PF के रूप में भी जाना जाता है।
यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा स्थापित बचत योजना है।
केवल ईपीएफ अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनियों के कर्मचारी ही ईपीएफ या पीएफ में निवेश कर सकते हैं।
नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को ईपीएफ खाते में हर महीने कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत योगदान करना आवश्यक है।
जानिए ईपीएफओ से जुड़े पांच बातें हर खाताधारक को पता होना चाहिए।
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ईपीएफ खातों में जमा राशि पर शानदार रिटर्न हासिल होता है। जिन कर्मचारियों का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में खाता है, उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1956 के तहत यह सुविधा प्रदान की जाती है। ईपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर हर साल बदलती है। अभी यह 8.5 प्रतिशत है।
यह बचत योजना आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के दायरे में आती है।
सरकार ने कोरोना महामारी के असर और इस दौरान बेरोजगार होने वालों की मदद के लिए आंशिक निकासी की सुविधा दी है।
यह प्रक्रिया बहुत आसान है और ऑनलाइन की जा सकती है।
इसमें पेंशन योजना 1995 (ईपीएस) के तहत आजीवन पेंशन योजना प्रदान की जाती है।
यदि ईपीएफओ का कोई सदस्य नियमित रूप से अंशदान जमा कर रहा है तो उसकी मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार का सदस्य बीमा योजना 1976 (EDLI) का लाभ उठा सकता है। इस योजना के तहत सदस्य को उसके अंतिम मासिक वेतन के 20 गुना राशि मिलती है। यह राशि अधिकतम 6 लाख रुपये तक हो सकती है।
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विभिन्न निधियों में जमा राशियों पर ब्याज की दर निर्धारित(Opens in a new browser tab)
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