सुप्रीम कोर्ट ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट-2020 पर नहीं लगाई रोक सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कॉलेज में एडमिशन की साझा परीक्षा क्लैट-2020 के उम्मीदवारों को परीक्षा के संचालन से संबंधित शिकायतों के बारे में शिकायत निवारण कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने की छूट दे दी है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को जल्द से जल्द उम्मीदवारों के आपत्तियों पर फैसला लेना चाहिए। इस कमेटी की अध्यक्षता चीफ जस्टिस करते हैं।
कोर्ट ने याचिका पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया और काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान क्लैट 2020 के एक उम्मीदवार और याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि जिस तरह से परीक्षा आयोजित कराई गई उसमें छात्रों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
जैसे कि सही उत्तरों को भरने में असमर्थ होना या प्रश्नो और चिह्नों के लिए गलत उत्तर देना।
याचिका लावण्या गुप्ता ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि क्लैट 2020 का फिर से आयोजन करने के लिए नेशनल लॉ स्कूल के कंसोर्टियम को निर्देश दिया जाए। सुनवाई के दौरान गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि 40 हजार आपत्तियां सवाल और जवाब के संबंध में आईं। कंसोर्टियम ने गलत जवाब और गलत सवाल दिए हैं।
19 हजार आपत्तियों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से हुआ। इस परीक्षा में कटऑफ शून्य पर भी नहीं है बल्कि -4 है। सुनवाई के दौरान कंसोर्टियम की ओर से वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा ने कहा कि गलतफहमी है कि काउंसलिमंग के लिए माइनस अंकों वाले लोगों को बुलाया गया।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.