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सीबीएसई एक बार फिर दसवीं और 12वीं का सिलेबस कम करेगा। बोर्ड की मानें तो सिलेबस में और 20 फीसदी की कटौती की जायेगी। इससे पहले जुलाई में सिलेबस 30 फीसदी कम किया जा चुका है। बोर्ड अब दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 में कुल 50 फीसदी सिलेबस में कटौती करने पर विचार कर रहा है।
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बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर लगातार स्कूल बंद हैं। सितंबर से स्कूल खुलने की उम्मीद थी लेकिन अक्टूबर में भी स्कूल नहीं खुल पाए। अब भी ऑनलाइन पढ़ाई पूरी तरह से नियमित नहीं हो पायी हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षार्थी को मानसिक तनाव नहीं हो, इसीलिए सिलेबस कम करने पर विचार किया जा रहा है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार इस पर सहमति बन चुकी है।
40 फीसदी छात्र ऑनलाइन कक्षा से बाहर
प्रदेश भर के ज्यादातर स्कूलों में 40 फीसदी तक छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से बाहर हैं। स्कूलों को पता नहीं है कि छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसी है। न तो साप्ताहिक टेस्ट लिया जा रहा है और न ही मासिक। डीएवी बीएसईबी के प्राचार्य वीएस ओझा ने बताया कि बोर्ड परीक्षार्थी को स्कूल बुलाना बहुत जरूरी है। क्योंकि हमें पता नहीं है कि छात्रों की तैयारी कैसी है। स्कूल की तरफ से बार-बार टेस्ट लिया जाता है। जिन छात्रों की तैयारी कमजोर होती है, उन्हें दुबारा पढ़ाया जाता है। लेकिन इस बार कुछ भी नहीं हो पा रहा है। लोयला हाईस्कूल के प्राचार्य ब्रदर सुधाकर ने बताया कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी अलग तरह से करवायी जाती है लेकिन इस बार कुछ नहीं हो पाया है।
50 फीसदी से अधिक नहीं हो सिलेबस में कटौती
एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स, बिहार के अध्यक्ष डॉ. सीबी सिंह और महासचिव डॉ. राजीव रंजन ने कहा है कि सिलेबस में 50 फीसदी से अधिक की कटौती बोर्ड को नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसका असर बच्चों के एकेडेमिक पर पड़ेगा। दसवीं में जो चैप्टर बच्चे अभी नहीं पढ़ेंगे, उसे बाद में तो उन्हें पढ़ना पड़ेगा। बच्चों के एकेडेमिक भविष्य को देखते हुए 50 फीसदी सिलेबस की परीक्षा ली जानी चाहिए।
क्या बोले अधिकारी ?
कोरोना को लेकर यह निर्णय लिया जाएगा। जुलाई में 30 फीसदी सिलेबस कम किया जा चुका है। अब फिर 20 से 25 फीसदी तक सिलेबस को कम किया जायेगा। छात्रों की सहूलियत के लिए ऐसा किया जा रहा है। – अनुराग त्रिपाठी, सचिव, सीबीएसई।
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