नेशनल एजुकेशन पालिसी 2022: New Education Policy, नई शिक्षा नीति PDF, छात्रों के लिए अब क्या होगा विशेष, जानिए इस लेख में – Digital Education Portal
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National Education Policy | New Education Policy PDF | नेशनल एजुकेशन पालिसी नई शिक्षा नीति | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है? | Modi Education Policy
दोस्तों जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया है। यह बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पालिसी से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसी के साथ हम आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य बताएंगे और नेशनल एजुकेशन पालिसी की विशेषताएं बताएंगे। हम आपको इस लेख के माध्यम से एजुकेशन पॉलिसी में होने वाले बदलाव के बारे में भी बताएंगे। यदि आप National Education Policy से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें।
National Education Policy
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।
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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आरंभ किया जाएगा एक लाइव डैशबोर्ड
जून 2021 से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की सफलता को मॉनिटर करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड का आरंभ किया जाएगा। इस डैशबोर्ड के माध्यम से इस पॉलिसी के कार्यान्वयन प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी। इस योजना के माध्यम से कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर के नीतिगत बदलाव को लागू करने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 181 कार्यों की पहचान की गई है। जिनको शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत पूरा किया जाना है। इन कार्यों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सब्जेक्ट ऑप्शन, रीजनल लैंग्वेज बेस्ड एजुकेशन, यूनिवर्सिटी डिग्री में प्रवेश एवं निकासी की सुविधा, क्रेडिट बैंक सिस्टम आदि शामिल है।
कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गोवा सरकार द्वारा एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। जो NEP 2020 के कार्यान्वयन और संबंधित चुनौतियों का अध्ययन करेगी। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय द्वारा मासिक एवं त्रैमासिक आधार पर एक डैशबोर्ड की निगरानी की जाएगी एवं प्रत्येक कार्य की एक समय सीमा तय की जाएगी। जिसकी जानकारी राज्य की एजेंसियों को दी जाएगी।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी
मंत्रालय द्वारा एक इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी का गठन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत किया जाएगा। इसको हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा। इस कमेटी के माध्यम से इस पॉलिसी की सफलता का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट बैंक प्रणाली एवं आईआईटी को बहू विषक संस्थान में परिवर्तित करने के लिए एक और टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यदि इस योजना के कार्यान्वयन में विलंब किया जाएगा तो संबंधित राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को जवाब देना होगा।
New National Education Policy 2022
आर्टिकल किसके बारे में है | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 |
किस ने लांच की स्कीम | भारत सरकार |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
आर्टिकल का उद्देश्य | इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। |
ऑफिशियल वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
साल | 2022 |
स्कीम उपलब्ध है या नहीं | उपलब्ध |
अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्स
जैसे कि आप सभी जानते हैं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है।
उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि वर्ष 2021–22 के पाठ्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे उन्हें क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी परामर्श
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1986 में बनाया गया था एवं 1992 में संशोधित किया गया था।
- इस नीति को बने हुए 3 दशक से अधिक समय बीत चुका है।
- इस अवधि के दौरान समाज की अर्थव्यवस्था एवं दुनिया में कई परिवर्तन हुए हैं।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा क्षेत्र द्वारा 21वीं सदी की मांगों को और जरूरतों के प्रति छात्रों को तैयार करने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लांच की गई।
- इस शिक्षा नीति को एक समावेशी, भागीदारी और समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया गया है।
- जिसमें विशेषज्ञों की राय, क्षेत्र के अनुभव, अनुभव जन अनुसंधान, हितधारक प्रतिक्रिया आदि को ध्यान रखा गया है।
- नई शिक्षा नीति को तैयार करने के पश्चात इसको पोर्टल पर अपलोड किया गया था। जि
- समें जनता सहित हितधारकों के विचार, सुझाव, टिप्पणियां प्राप्त की गई।
- पोर्टल पर अपलोड करने के बाद राज्य, संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों एवं भारत सरकार के मंत्रालय को द्वारा अपने विचार और टिप्पणी देने के लिए आमंत्रित किया गया।
- इस नीति को 22 भाषाओं में अपलोड किया गया था।
- इसके अलावा इस संबंध में शिक्षा सचिवों के साथ बैठक भी की गई एवं कई राज्यों में शिक्षा संवाद भी किए गए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर CABE की एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई।
- बैठक में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 26 शिक्षा मंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि CABE के सदस्य, संगठनों के प्रमुख, विश्वविद्यालय के कुलपति ने भाग लिया।
- इन सभी हितधारकों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू कर दी गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति कालक्रम
सामग्री | दिनाक |
परामर्श प्रक्रिया शुरू होने की तिथि | जनवरी 2015 से अक्टूबर 2015 |
सुझाव आमंत्रित हेतु मानव संसाधन विकास मंत्री की भारत सरकार के मंत्रालय के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग | 14 फरवरी 2015 |
राज्य शिक्षा मंत्रालय और सचिवों के साथ परामर्श मीटिंग | 21 मार्च 2015 |
नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए स्वर्गीय श्री टीएसआर सुभ्रमण्यम की अध्यक्षता में समिति का गठन | 31 अक्टूबर 2015 |
स्वर्गीय श्री टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी | 27 मई 2016 |
स्वर्गीय श्री टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति के विकास के लिए समिति की महत्वपूर्ण सिफारिशें | – |
मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2016 के मसौदे के लिए कुछ इनपुट तैयार किए गए | जून 2016 |
नई शिक्षा नीति के विकास के लिए समिति की रिपोर्ट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2016 के मसौदे के कुछ इनपुट संसद के दोनों सदनों में रखे गए | 8 अगस्त 2016 और 4 अगस्त 2016 |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यसभा के नियम 176 के तहत एक छोटी अवधि की चर्चा हुई | 10 अगस्त 2016 |
संसद सदस्यों के साथ शिक्षा संवाद | 10 नवंबर 2016 |
डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में मसौदा शिक्षा नीति के लिए समिति का गठन और विस्तार के आदेश | 24 जून 2017 |
डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी | 31 मई 2019 |
ड्राफ्ट नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2019 की एमएचआरडी की वेबसाइट पर हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए अपलोड किया गया | – |
मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 पर सुझाव आमंत्रित किए गए | 15 अगस्त 2019 |
स्कूल विभाग के राज्य शिक्षा सचिवों के साथ बैठक आयोजित | 9 जुलाई 2019 |
माननीय सांसदों के साथ शिक्षा संवाद | 31 जुलाई 2019 1 अगस्त 2019 2 अगस्त 2019 |
उच्चतर और तकनीकी विभाग के राज्य शिक्षा सचिवों के साथ बैठक | 8 अगस्त 2019 |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सीएबीई की विशेष बैठक | 21 सितंबर 2019 |
माननीय संसाधन विकास संबंधी संसदीय स्थाई समिति बैठक | 7 नवंबर 2019 |
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत हुआ सार्थक योजना का शुभारंभ
शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के बदलाव भी किए जाते हैं। हाल ही में सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई है। अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास (सार्थक) योजना आरंभ होने जा रही है। सार्थक योजना को सभी पक्षकार जैसे कि राज्य, केंद्र शासित प्रदेश आदि से विचार, विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए थे।
शिक्षा मंत्रालय को लगभग 7177 सुझाव प्राप्त हुए है। नेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षा नीति की सिफारिशों के 297 कार्यों को एक साथ जोड़ा गया है। जिसके लिए जिम्मेदार एजेंसी और समय सीमा भी तय की गई है। इन सभी कार्यों के लिए इस योजना के अंतर्गत 304 परिमाण भी निर्धारित किए गए हैं।
MYNEP2020 प्लेटफार्म का शुभारंभ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक जी के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया गया है। यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की जाएगी। इन् हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविंद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया है। यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत रहेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के दो प्रमुख सिफारिशों के दस्तावेज तैयार करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों एवं संगठनों से इस प्लेटफार्म केपरामर्श किया जाएगा। इसके पश्चात सभी एकत्रित सुझाव की समीक्षा की जाएगी और ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। ड्राफ्ट तैयार करने के बाद इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। जिससे कि इसकी समीक्षा की जा सके। प्राप्त हुए सुझाव एवं टिप्पणियों के आधार पर एक अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द की जाएगी आरंभ
सन 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरंभ की गई है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत कार्यान्वयन की योजना जल्द सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। यह 1968 और 1986 के बाद तीसरी शिक्षा नीति है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाया जाएगा, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा सामग्र प्रदान किया जाएगा आदि। जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। इस शिक्षा नीति को आने वाले 2 दशकों के लिए बनाया गया है। इस शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सितंबर माह में एक शिक्षा पर्व आयोजित किया गया था। इस शिक्षा पर्व के दौरान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई थी। मंत्रालय को इस शिक्षा पर्व के माध्यम से 15 लाख हितधारकों के सुझाव प्राप्त हुए थे।
National Education Policy 2022 का उद्देश्य
नेशनल एजुकेशन पालिसी का मुख्य उद्देश्य भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।
एजुकेशन पॉलिसी के सिद्धांत
- प्रत्येक बच्चे की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना
- साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के अंतर्गत विकसित करना
- शिक्षा को लचीला बनाना
- एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना
- बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
- उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना
- बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण करना
- शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना
- तकनीकी यथासंभव उपयोग पर जोर
- मूल्यांकन पर जोर देना
- विभिन्न प्रकार की भाषाएं सिखाना
- बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना
सार्थक योजना से संबंधित कुछ मुख्य जानकारी
- योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के लिए 1 साल की कार्यान्वयन योजना तैयार की गई है।
- सार्थक योजना में नई शिक्षा नीति के कार्य एवं गतिविधियों को परिभाषित किया गया है।
- इसमें शिक्षा नीति के लक्ष्य, परिमाण और समय सीमा उपलब्ध है।
- इस योजना के माध्यम से सभी केंद्र शासित प्रदेशों एवं राज्य को नई शिक्षा नीति को समझने में मदद प्राप्त होगी।
- सार्थक योजना की रूपरेखा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार की गई है।
- देश के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत इस योजना को जारी किया जाएगा।
- यह योजना संवादात्मक, लचीली एवं समावेशी होगी।
- सार्थक योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के लिए 1 साल की कार्यान्वयन योजना तैयार की गई है।
- इस योजना में यह भी निर्धारित किया गया है कि राज्य नई शिक्षा नीति में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी कर सकती है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समीक्षा
अब मंत्रालय द्वारा इन सुझाव की समीक्षा की प्रक्रिया जारी कर दी गई है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक ड्राफ्ट कार्यान्वयन योजना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत तैयार की गई है। यह कार्यान्वयन योजना मंत्रालय द्वारा सितंबर 2020 में ही तैयार कर ली गई थी। नेशनल एजुकेशन पालिसी योजना के अंतर्गत 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के हितधारकको से फीडबैक प्राप्त किया था। इस फीडबैक को विशेषज्ञों के ग्रुप में देखा और कार्यान्वयन योजना में शामिल किया। इस योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द कार्यान्वयन प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा जारी कर दी जाएगी। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का ग्राउंड वर्क आरंभ हो गया है और मंत्रालय द्वारा इसे एकेडमिक ईयर 2021-22 में विकसित किया जाएगा। मंत्रालय द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत कुछ विवरण भी दिया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है:-
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी विवरण
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए दीक्षा प्लेटफार्म पर 50 घंटे का मॉड्यूल लांच किया गया है। इस मॉड्यूल के अंतर्गत 4 से 5 घंटे के 18 मॉड्यूल होंगे। इस मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षकों के लिए इन सर्विस ट्रेनिंग आयोजित की जा सकेगी। इस मॉड्यूल में प्राथमिक शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर किया है।
- शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरस मिशन को मंजूरी दे दी गई है।
- सरकार द्वारा दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से ई लर्निंग का काफी विस्तार किया जाएगा। जिससे कि छात्रों को ई कंटेंट उपलब्ध करवाया जा सके।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा एक इनीशिएटिव लांच किया गया है जिसका नाम मनुदर्पण है। इस इनिशिएटिव के माध्यम से छात्रों को परामर्श तथा भावनात्मक सहायता प्रदान की जाएगी। इसी मनुदर्पण इनिशिएटिव के अंतर्गत नेशनल टोल फ्री नंबर, ऑनलाइन चैट, नेशनल लेवल डायरेक्टरी एंड डाटाबेस ऑफ काउंसिल्लर्स विकसित किया जाएगा।
- एनसीआरटी के द्वारा भारतीय संकेत भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के माध्यम से स्कूल शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा का शब्दकोश बनाया जाएगा।
- नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत सीबीएसई परीक्षा में सुधार चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इन सभी सुधारों को 2021 से लागू किया जाएगा। एकेडमिक ईयर 2021-22 से गणित तथा हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत दो स्तरों में पेश की जाएगी। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा में योगदान आधारित प्रश्नों में वृद्धि की जाएगी। यह योगदान आधारित प्रश्नों को बोर्ड परीक्षा में आरंभ किया जा चुका है और प्रतिवर्ष इन्हें 10% की दर से बढ़ाया जा रहा है।
पर्सनल एजुकेशन पॉलिसी शिक्षक प्रशिक्षण
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं सन 2020 में नई नेशनल एजुकेशन पालिसी लागू की गई है। इस एजुकेशन पॉलिसी में सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया गया है जिससे कि छात्रों का विकास हो सके। 7 जनवरी 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी हमारे देश के बच्चों के भविष्य के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी, माध्यमिक स्कूल से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में कई क्रांतिकारी सुधार है।
National Education Policy के अंतर्गत छात्रों को मूल्य आधारित समावेशी शिक्षा प्रदान की जाएगी, उनके वैज्ञानिक मिजाज़ को विकसित किया जाएगा तथा उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा प्रदान करने के लिए तकनीक का उपयोग तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रोद्योगिकी(NETF) की भी स्थापना करने का प्रावधान है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से अब भारत के छात्र भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
नई शिक्षा नीति
नेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नेशनल एजुकेशन पालिसी व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 पर प्रधानमंत्री का देश को संबोधन
- 7 अगस्त 2020 को हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर देश को संबोधित किया।
- अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने नेशनल एजुकेशन पालिसी 2022 के मुख्य तथ्य की चर्चा की।
- प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नई शिक्षा नीति नए भारत का आधार बनेगी।
- नई शिक्षा नीति भारत के छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाएगी और इसी के साथ यह नई शिक्षा नीति उन्हें अपनी सभ्यता से भी जोड़ा रखेगी।
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- इस नई नेशनल एजुकेशन पालिसी के माध्यम से छात्रों को अपने पैशन को फॉलो करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा।
- इस संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने होर्डे मेंटालिटी का भी जिक्र किया।
- प्रदानमंत्री जी ने कहा कि छात्रों को अपनी इंटरेस्ट, एबिलिटी और डिमांड की मैपिंग करनी चाहिए।
- छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग को डिवेलप करने की आवश्यकता है।
- प्रधानमंत्री जी ने यह भी कहा कि अब हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं एक इंसान कोई एक प्रोफेशन अपनी पूरी जिंदगी फॉलो नहीं करेगा तो यह नई शिक्षा नीति इस बात को ध्यान में रखते हुए भी आरंभ की गई है।
- प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अब तक एजुकेशन पॉलिसी व्हाट ऊ थिंक पर फोकस करती थी लेकिन यह नई शिक्षा नीति अब हाउ टो थिंक पर फोकस करेंगी।
- इस नई एजुकेशन पॉलिसी को इंप्लीमेंट करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान होगा। टीचर्स ट्रेनिंग पर भी खास ध्यान देने की बात की है।
- प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन मेंमल्टीपल एंट्री तथा एग्जिट के बारे में भी विस्तार पूर्वक समझाया है।
- कक्षा 5 तक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाए जाने का प्रावधान इस नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अब समग्र शिक्षा में प्री प्राइमरी भी शामिल होगी
शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करवाने के कार्य में जुटा हुआ है। इसी बीच यह निर्णय लिया गया है की समग्र शिक्षा में अगले वर्ष से प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा। यह एक बहुत बड़ी पहल है। कोरोना काल के चलते स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई को भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा मजबूत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी राज्यों से समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रस्ताव भेजने का सुझाव भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसकी अध्यक्षता खुद केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक जी ने की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा की गई थी।
अभी बदलाव को लेकर कोई भी सहमति नहीं बन पाई है। जल्द मंत्रालय सीबीएसई, एनसीईआरटी और एनसीटीई के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक में शिक्षा में किए जाने वाले बदलाव का फैसला किया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी स्कूल बैग का वज़न तथा होमवर्क कम किया जाएगा
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत कई नए फैसले लिए गए हैं जिससे कि शिक्षा को और बेहतर बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के अंतर्गत 1 से 10 कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10% ही होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन की किताबें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इसी के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत व्हील कैरियर बैग लाना बच्चों के लिए मना किया गया है। क्योंकि उससे बच्चों को चोट लगने का खतरा होता है। सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखी जाएगी। जिससे कि सभी बच्चों के स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जा सकेगा। पॉलिसी डॉक्यूमेंट में ये भी है कि स्कूल बैग हल्का होना चाहिए और उसमें प्रॉपर कंपार्टमेंट्स होने चाहिए। स्कूल बैग में 2 पदेड एडजेस्टेबल स्ट्रप्स होने चाहिए। जो कि बच्चों के कंधे पर फिट हो सके।
छात्र की वित्तीय सहायता
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनकी प्रगति हो। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान करें।
आईआईटी बहू विषयक संस्थान बनाए जाएंगे
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को मानविकी छात्रों के लिए हैं दरवाजे खोलने होंगे। आईआईटी बाहु विषयक शिक्षा की ओर आगे बढ़ेगा।
विदेशी छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय
इसके अंतर्गत सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक संस्थान में विदेशी छात्रों की मेजबानी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी।
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करी जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नई नई रिसर्च सामने आएंगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी।
NEP के अंतर्गत बोर्ड का महत्व
इसके अंतर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिससे कि बच्चों के अंतर्गत तनाव में कमी आएगी। अब बोर्ड की परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ज्ञान बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पाठ्यक्रम
National Education Policy 2022 के अंतर्गत पाठ्यक्रम को भी कम किया जाएगा केवल इतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जो अनिवार्य है। इसी के साथ क्रिटिकल थिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी चैनल, ऑनलाइन बुक, एप आदि से भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा|
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का विज़न
एजुकेशन पॉलिसी को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। जिससे कि समाज में बदलाव आ सकें। इस योजना के माध्यम से बच्चों को उच्च स्तर गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से बच्चों को संवैधानिक मूल्यों, देश के साथ जुड़ाव आदि पर जोर दिया जाएगा। इस नीति के माध्यम से बच्चों के अंतर्गत भारतीय होने की गर्व की भावना विकसित होगी। इसके अलावा बच्चे ज्ञान, कौशल आदि प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में लाभकारी साबित होगी।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी प्रारंभिक शिक्षा के कुछ घटक
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल
एक शोध के अनुसार बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है इस स्थिति में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आरंभिक 6 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों पर खास ध्यान देने का प्रावधान रखा गया है। जिससे कि बच्चों का विकास संपूर्ण रूप से हो सके।
बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकता
इस घटक के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को विकसित करने के लिए निपुण योजना का संचालन किया जाएगा। इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमरसी है। इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामकता का ज्ञान छात्रों को तीसरी कक्षा के अंत तक प्रदान किया जा सकेगा। जिससे वह पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त कर सकें।
ड्रॉपआउट रेट कम करना तथा सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरंभ करने का एक मुख्य उद्देश्य ड्रॉपआउट रेट में कमी करना है। इस योजना के माध्यम से शिक्षा प्रणाली को लचीला बनाया जाएगा। जिससे कि बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। बच्चे उन विषयों का चयन कर सकें जो वह पढ़ना चाहते हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत को चुनाव के विकल्प को लचीला बनाया गया है। जिससे कि ड्रॉपआउट रेट में कमी आएगी।
5+3+3+4 का स्कूली पाठ्यक्रम
शिक्षा की रूपरेखा को 5+3+3+4 के स्कूली पाठ्यक्रम में विकसित किया जाएगा। जिसमें 3 से 8, 8 से 11, 11 से 14 तथा 14 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस रूपरेखा के पहले भाग में प्री स्कूल के 3 साल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली एवं दूसरी कक्षा, कक्षा 3 से 5, कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 12 शामिल है। यह रूपरेखा विद्यार्थियों का समग्र विकास करने के लिए तैयार की गई है।
विशेष प्रतिभा वाले एवं मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत छात्रों की प्रतिभाओं को पहचाना जाएगा एवं उन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनका विकास भी किया जाएगा। छात्रों को अपनी प्रतिभा एवं रुचि की पहचान करने मैं भी सहायता प्रदान की जाएगी। बच्चों को शिक्षकों द्वारा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। इस पॉलिसी के माध्यम से बच्चे अपनी प्रतिभा को पहचानने में सक्षम बन सकेंगे।
सभी छात्रों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सभी छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना भी है। जिससे कि सामाजिक न्याय एवं समानता प्राप्त की जा सके। शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक बच्चे का बुनियादी अधिकार है। सरकार द्वारा भी 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त शिक्षा प्रत्येक बच्चे को प्रदान किए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। इस पॉलिसी के माध्यम से सभी बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा छात्राओं की शिक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा। ट्रांसजेंडर छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विभिन्न कदम उठाए जाएंगे।
स्कूल कॉन्प्लेक्स/क्लस्टर के माध्यम से कुशल संसाधन
इस योजना का संचालन राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक एवं स्कूली स्तर पर किया जाता है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन में स्कूल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्कूल के माध्यम से इस योजना का संचालन करके बच्चों को लाभ प्रदान किया जाता है। स्कूली स्तर पर सभी शिक्षकों को इस पॉलिसी का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षकों द्वारा ही इस योजना का संचालन अंतिम स्तर पर किया जाएगा। शिक्षकों को इस योजना के कार्यान्वयन से संबंधित जानकारी स्कूल मैनेजमेंट द्वारा प्रदान की जाएगी। जिससे कि इस योजना का कार्यान्वयन समय से हो सके। इसके अलावा प्रत्येक राज्य एवं जिले को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह बाल भवन स्थापित करें जिसमें बच्चे कला, खेल और कैरियर संबंधित गतिविधियों में भाग ले सकें।
स्कूली शिक्षा के लिए मानक निर्धारण
स्कूलों द्वारा स्कूली शिक्षा नियामक प्रणाली बनाई जाएगी जिसका लक्ष्य शैक्षिक परिमाण में सुधार करना होगा। इस प्रणाली द्वारा समय-समय पर शोध किया जाएगा। इस प्रणाली द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के तरीके पर भी अध्ययन किया जाएगा। पॉलिसी लागू होने के बाद मूल्यांकन किया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी उच्चतर शिक्षा के कुछ घटक
गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय
नेशनल एजुकेशन पालिसी देश के विकास के लिए एवं बेरोजगारी दर को घटाने के लिए उच्चतर शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्चतर शिक्षा विश्वविद्यालयों के माध्यम से प्रदान की जाती है। ऐसे में विश्वविद्यालयों कि शिक्षा में सुधार करने के लिए एवं शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण बढ़ने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। जिससे कि देश के युवा सक्षम बन सके एवं उनका समग्र विकास हो सके। इस योजना के माध्यम से ऐसी उच्चतर शिक्षा बच्चों को प्रदान की जाएगी जिसमें बहु विषयक विश्वविद्यालय और महाविद्यालय होंगे।
संस्थागत पुनगठन और समेकन
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से उच्चतर शिक्षा संस्थानों को बड़े एवं बहू विषक विश्वविद्यालय, कॉलेज आदि में स्थानांतरित करना है। जिससे कि उच्च शिक्षा की विखंडता को समाप्त किया जा सके। प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान का लक्ष्य लगभग 3000 या फिर उससे अधिक छात्रों का उत्थान करना होगा। इन संस्थानों के माध्यम से छात्रों का सामाजिक एवं मानसिक विकास किया जाएगा। इस पॉलिसी के माध्यम से सार्वजनिक एवं निजी दोनों संस्थानों का विकास किया जाएगा। यह विकास करने के लिए एक निष्पक्ष प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
समग्र एवं बहू विषयक शिक्षा
समग्र एवं बहू विषयक शिक्षा का तात्पर्य है मनुष्य की सभी क्षमता जैसे कि समाजिक, शारीरिक, भावनात्मक, नैतिक आदि को एकत्रित करके विकसित करना। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छात्रों को सामग्र एवं बहू विषयक शिक्षा प्रदान करने का भी प्रावधान रखा गया है। जिससे कि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके। इसके लिए लचीले पाठ्यक्रम को विकसित किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा में कई प्रवेश और निकास बिंदुओ का विकल्प होगा। जिससे कि बच्चे अपने रुचि के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर सकें। एग्री कार्यक्रम की अवधि मैं भी आवश्यकता अनुसार बदलाव किए जा सकते हैं।
सीखने के लिए सर्वोत्तम वातावरण एवं छात्रों का सहयोग
छात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण होना आवश्यक है। जिसमें उपायुक्त पाठ्यक्रम, आकर्षक शिक्षण, निरंतर रचनात्मक मूल्यांकन, छात्रों का पर्याप्त सहयोग शामिल होता है। इसके अलावा नेशनल एजुकेशन पालिसी छात्रों की बेहतरी के लिए कुछ अन्य क्षमताएं जैसे कि फिटनेस, अच्छा स्वास्थ्य, नैतिक मूल्य का आधार आदि भी छात्रों को सीखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सभी चीजें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शामिल की गई है। जिससे कि छात्र अपनी पढ़ाई गुणवत्ता पूर्ण ढंग से कर सकें। इसके अलावा इस पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण भी किया जाएगा। जिससे कि भारत में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़े और भारत के छात्रों को विदेशी संस्थानों में शोध करने का मौका मिल सके। इस पॉलिसी के माध्यम से छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का भी प्रावधान रखा गया है।
अध्यापक शिक्षा
छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों की सक्षम टीम का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इस बात पर भी बहुत जोर दिया जा रहा है। बुनियादी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। जिसमें उन्हें बहू विषयक दृष्टिकोण और ज्ञान की आवश्यकता के साथ-साथ अभ्यास भी करवाया जाएगा। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक शिक्षण प्रक्रियाओं के साथ-साथ भारतीय मूल्य, भाषा, ज्ञान लोकाचार, परंपराओं, जनजाति परंपराओं आदि के प्रति भी जागरूक हो। वह संस्थान जो अध्यापक शिक्षा प्रदान करेंगे वह शिक्षण से संबंधित विषयों के साथ-साथ विशेष विषय में विशेषज्ञों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगे।
व्यवसायिक शिक्षा
हमारे देश में व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है। उनमें से 18-24 आयु वर्ग के लगभग 5% से भी कम छात्र औपचारिक व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। जबकि अन्य देशों में यह संख्या 50% से 75% तक है। व्यवसायिक शिक्षा को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बढ़ावा देने का प्रावधान है। जिससे कि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके। व्यवसायिक शिक्षा को हमारे देश में कम महत्व की शिक्षा माना जाता है। इस नीति के माध्यम से व्यवसायिक शिक्षा से जुड़ी सामाजिक धारणा को दूर करना है और अधिक से अधिक छात्रों तक व्यवसायिक शिक्षा का ज्ञान पहुंचाना है। इस योजना के माध्यम से वर्ष 2025 तक स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50% विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत की जाने वाली सुविधाएं
- विद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मिड डे मील की गुणवत्ता ठीक हो। जिससे कि बच्चों को लंचबॉक्स ना लाना पड़े और विद्यालयों में पानी की सुविधा भी ठीक तरीके से उपलब्ध होनी चाहिए। जिससे कि बच्चों को वाटर बोतल ना लानी पड़े। इन सुविधाओं की वजह से स्कूल के बैग का साइज कम हो सकेगा।
- विद्यालयों में क्लास का टाइम टेबल भी ऐसा बनाया जाएगा जिससे कि बच्चों के बैग का वजन कम हो। स्कूलों में लगाई गई सभी किताबों का वजन उनके ऊपर पब्लिशर्स के द्वारा प्रिंट करा जाएगा। स्कूलों द्वारा किताबों का चयन करते समय उनके वजन का भी ध्यान रखा जाएगा।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों के होमवर्क पर भी ध्यान दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत दूसरी कक्षा तक बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा। क्योंकि पहली और दूसरी कक्षा के छात्र बहुत छोटे होते हैं और उन्हें इतनी देर तक बैठने की आदत नहीं होती है।
- कक्षा तीसरी, चौथी तथा पांचवी के बच्चों को प्रत्येक हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। कक्षा छठी से लेकर आठवीं के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। और 9वी से 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।
National Education Policy 2022 के विशेषताएं
- मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
- National Education Policy के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई है।
- पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा होगी।
- छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।
- पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।
- पहले साइंस, कॉमर्स तथा अर्ट स्ट्रीम होती थी। अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी। छात्र अपनी इच्छा अनुसार विषय चुन सकते हैं। छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई सब्जेक्ट भी पढ़ सकते हैं।
- छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।
- सभी स्कूल डिजिटल इक्विप्ड किए जाएंगे।
- सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।
- वर्चुअल लैब डिवेलप की जाएंगी।
![नेशनल एजुकेशन पालिसी 2022: new education policy, नई शिक्षा नीति pdf, छात्रों के लिए अब क्या होगा विशेष, जानिए इस लेख में - digital education portal 9 National education policy](https://i0.wp.com/pmmodiyojana.in/wp-content/uploads/2020/08/National-Education-Policy-New.jpg?resize=618%2C302&ssl=1)
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 की कुछ मुख्य बातें
- उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्ठियां और निकास बिंदु होंगे।
- स्नातक कोर्स 3 या 4 साल के हो सकते हैं। जिसमें कई सारे एग्जिट ऑप्शन होंगे। जोकि उचित सर्टिफिकेशन के साथ होंगे जैसे कि यदि छात्र ने 1 साल स्नातक कोर्स में पढ़ाई की है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा, 2 साल के बाद एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा, 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर की डिग्री दी जाएगी।
- एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा जिसमें छात्रों द्वारा अर्जित किया गए डिजिटल अकैडमी क्रेडिट हो विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा और इसे अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा और गिना जाएगा।
- ईलर्निंग पर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम करना भी इस नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य है।
- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी।
- 2030 तक हर जिले में कम से कम एक बड़ी बहु विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
- 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विष्य संस्थान बनाने का लक्ष्य इस नई शिक्षा नीति में रखा गया है।
- भारतीय उच्च शिक्षा आयोग संपूर्ण उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र निकाय होगा। (चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर)
- भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के पास चार वर्टिकल होंगे जो कि नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल, जनरल एजुकेशन काउंसिल, हायर एजुकेशन काउंसिल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल होगा।
- शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकारी तथा प्राइवेट शिक्षा मानव एक समान होंगे। तथा दिव्यांग जनों के लिए शिक्षा में बदलाव किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के लाभ
- नेशनल एजुकेशन पालिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
- पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा। छात्र अगर चाहे तो यह भाषाएं पढ़ सकते हैं।
- बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा। ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाएं ली जाए।
- पढ़ाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
- हाइर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
- एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मैन सिलेबस में रखा जाएगा।
- छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि यह पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए।
- नई नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यदि कोई छात्र कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो वह पहले कोर्स से निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।
National Education Policy 2022 के चार चरण
नेशनल एजुकेशन पालिसी को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो कि 5+3+3+4 पैटर्न है। इस नए पैटर्न में 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा शामिल है।न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सरकारी तथा प्राइवेट दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा। न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के चार चरण कुछ इस प्रकार है।
फाउंडेशन स्टेज
फाउंडेशन स्टेज 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए हैं। जिसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा तथा 2 साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो) शामिल है। फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रिप्रेटरी स्टेज
प्रिप्रट्री स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चे आएंगे। जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल है। इस स्टेज में बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल में विकास करना शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।
मिडिल स्टेज
मिडिल स्टेज के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे आएंगे। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी और उन्हें व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
सेकेंडरी स्टेज
सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे आएंगे। जैसे कि पहले बच्चे साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। परंतु अब यह खत्म कर दिया गया है। अब बच्चे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते हैं। जैसे कि बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स का या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स के भी ले सकते हैं।
नई शिक्षा नीति 2022: स्ट्रीम्स
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत छात्रों को अब कोई एक स्ट्रीम नहीं चुननी होगी। अब छात्र आर्ट स्ट्रीम के साथ साइंस स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं, साइंस स्ट्रीम के साथ आर्ट्स स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा जिसमें योग, खेल, नृत्य, मूर्तिकला, संगीत आदि शामिल है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार तैयार करेगी। शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका मिले।
B.Ed अब 4 साल का
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अंतर्गत बीएड को 4 साल का कर दिया गया है। 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का बी एड प्रोग्राम होगी। सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्थान जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वोकेशनल स्टडीज पर फोकस
हमारे देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वाले छात्र 5% से भी कम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा। जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है। 2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा
जैसे कि सभी लोग जानते हैं कि बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो वह बात को ज्यादा आसानी से समझ पाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। अब शिक्षकों को पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना का प्रयास किया जाएगा और यदि पाठ्यपुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है तो इस स्थिति में बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगा। कक्षा एक से बच्चों को दो से तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी।
शिक्षकों की भर्ती
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में विशेष तौर से प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती कि जाए। जिसके अंतर्गत रिटायर हुए शिक्षकों को भी दोबारा से बुलाया जा सकता है।
विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर
माध्यमिक विद्यालय में बच्चे अपने पसंद की विदेशी भाषा भी सीख सकते हैं। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस, जैपनीज आदि होंगी। यह सभी प्रयास भारत की शिक्षा को वैश्विक तौर पर पहचान बनाने का एक प्रयास है।
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
यदि आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
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Conclusion
दोस्तों हमने आपको अपने इस लेख के माध्यम से न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्रदान कर दी है। यह एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला है जो कि भविष्य में छात्रों को बहुत लाभदायक साबित होगा। दोस्तों हमें उम्मीद है कि आप नेशनल एजुकेशन पालिसी से संबंधित सभी जानकारी समझ चुके हैं। यदि National Education Policy में और अपडेट आएगा तो हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से जरूर बताएंगे। आप से निवेदन है कि आप हमारे से जुड़े रहे।
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