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मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मध्य प्रदेश के 52 जिलों के 53 स्कूलों में संचालित होगा पाठ्यक्रम – स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं इसी कड़ी में शिक्षा विभाग एवं मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा मंत्री माननीय श्री इंदर सिंह परमार ने अब स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाने का निर्णय लिया है।

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मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मध्य प्रदेश के 52 जिलों के 53 स्कूलों में संचालित होगा पाठ्यक्रम - स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार 8

जी हां मध्यप्रदेश में एक और जहां सर्व सुविधा युक्त सीएम राइज स्कूल भवन बनाए जा रहे हैं ,वहीं अब प्रदेश के स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक नया प्रयोग शुरू होने जा रहा है। जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार द्वारा बताया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई प्रदेश के 52 जिलों में 53 स्कूलों में संचालित की जाएगी। मध्यप्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय को 240 घंटे के पाठ्यक्रम के रूप में अगले सत्र से पढ़ाया जाएगा।

एमपी ओपन बोर्ड के स्कूलों में होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई

जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा बताया गया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 52 जिलों में 53 स्कूलों का चयन किया गया है इन स्कूलों का जिम्मा एमपी ओपन बोर्ड को दिया गया है। एमपी ओपन बोर्ड द्वारा योजना अंतर्गत चयनित स्कूलों को विश्वस्तरीय स्कूल के रूप में डिवेलप किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा पृथक से बजट स्वीकृत भी कर दिया गया है।

एमपी ओपन स्कूल द्वारा प्रत्येक जिले से एक स्कूल का चयन किया गया है वह शाजापुर जिले में 2 स्कूलों को चयनित किया गया है इस प्रकार संपूर्ण मध्य प्रदेश में कुल 53 स्कूल योजना अंतर्गत चयनित किए गए हैं। इन्हीं स्कूलों में अब अगले सत्र से 240 घंटे के पाठ्यक्रम के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू किया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मिलेगा युवाओं को रोजगार

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है इसी को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से युवा पीढ़ी को रूबरू करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश में पहली बार इस प्रकार की तकनीक को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकता है एवं इसी को ध्यान में रखते हुए यदि आज की युवा पीढ़ी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी एवं पढ़ाई प्राप्त होती है तो यह एक आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की ओर बढ़ता हुआ सफल प्रयास होगा।

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