1 अंक बढ़वाने हाईकोर्ट में 3 साल तक लड़ी लड़ाई: 12वीं के छात्र ने 15 हजार खर्च कर कोर्ट में की 44 पेशियां, अब 28 नंबर बढ़कर 80 प्रतिशत की मिली अंकसूची Digital Education Portal
![1 अंक बढ़वाने हाईकोर्ट में 3 साल तक लड़ी लड़ाई: 12वीं के छात्र ने 15 हजार खर्च कर कोर्ट में की 44 पेशियां, अब 28 नंबर बढ़कर 80 प्रतिशत की मिली अंकसूची digital education portal 4 Edited 20220224 080702 scaled](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/02/Edited_20220224_080702-scaled.jpg?fit=2560%2C1432&ssl=1)
![1 अंक बढ़वाने हाईकोर्ट में 3 साल तक लड़ी लड़ाई: 12वीं के छात्र ने 15 हजार खर्च कर कोर्ट में की 44 पेशियां, अब 28 नंबर बढ़कर 80 प्रतिशत की मिली अंकसूची digital education portal 5 परकोटा निवासी छात्र शांतनु शुक्ला। - dainik bhaskar](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/02/24/orig_unnamed-2_1645648534.jpg?resize=720%2C540&ssl=1)
परकोटा निवासी छात्र शांतनु शुक्ला।
कक्षा 12वीं में 1 अंक बढ़वाने के लिए सागर के छात्र ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से लेकर हाईकोर्ट तक तीन सालों तक लड़ाई लड़ी। नतीजा उसे 28 नंबर बढ़कर अंकसूची मिली है। यह सागर जिले का पहला मामला है जब किसी छात्र ने परीक्षा में 1 अंक बढ़वाने के लिए इतने लंबे समय तक कोर्ट में पेशियां की हो। मामले में छात्र ने 3 सालों में 44 पेशियां की। वहीं केस में 15 हजार रुपए खर्च किए हैं।
परकोटा निवासी छात्र शांतनु शुक्ला ने बताया कि उन्होंने कक्षा 12वीं की पढ़ाई एक्सीलेंस स्कूल सागर से की। वर्ष 2018 में एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं का एग्जाम दिया। शांतनु का रिजल्ट 74.8 प्रतिशत मिला। लेकिन उसे भरोसा था कि मेरे अंक 75 से 80 प्रतिशत के बीच आना चाहिए। 1 अंक कम आने से वह मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना से वंचित हो गया।
उसे सबसे कम 50 अंक बुक कीपिंग और एकाउंटिंग विषय में मिले। परिवार वालों से चर्चा कर शांतनु ने रिटोटलिंग के लिए आवेदन किया। लेकिन रिजल्ट जस का तस आया। जिसके बाद छात्र शांतनु ने वर्ष 2018 में हाईकोर्ट जबलपुर अधिवक्ता रामेश्वर सिंह के माध्यम से पिटीशन लगाई। कोविड-19 काल के चलते दो सालों तक मामले में सुनवाई नहीं हुई।
इसके बाद सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट के 6 नोटिस जारी करने पर भी बोर्ड की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया। पूरे मामले में करीब 44 पेशियां हुई। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल को पुन: मूल्यांकन करने के आदेश दिए। जिसके बाद शांतनु की बुक कीपिंग और एकाउंटिंग विषय की कॉपी की दोबारा जांच हुई और 28 नंबर बढ़ गए। अब शांतनु को बुक कीपिंग और एकाउंटिंग विषय में 78 नंबर मिले हैं। जबकि पहले 50 अंक थे। नई अंकसूची में शांतनु को 80.4 प्रतिशत अंक मिले हैं।
मेधावी छात्र योजना में करूंगा आवेदन
छात्र शांतनु ने बताया कि विभाग की गलती से मैं मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना से वंचित हुआ था। नई रिजल्ट और अंकसूची मिलने के बाद अब मैं मेधावी छात्र योजना के लिए आवेदन करूंगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा मंडल में आवेदन किया जाएगा।
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