10वीं का रिजल्ट 22-23 जुलाई तक संभव: स्कूल से भेजे मार्क्स के रिव्यू में जुटी CBSE, नियमों के मुताबिक मॉडरेशन नहीं करने वाले स्कूल का रिजल्ट 31 जुलाई के बाद, 12वीं का अगले सप्ताह तक
- According To The Rules, The Result Of The School Which Does Not Do The Moderation After July 31, The 12th Result Will Be Released By Next Week
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं का रिजल्ट जारी करने के लिए स्कूलों से भेजे गए अंकों के रिव्यू को फाइनल करना शुरू कर दिया है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 22 या 23 जुलाई को रिजल्ट जारी किया जा सकता है और इसी को ध्यान में रखकर CBSE तैयारी कर रहा है। यह भी तय है कि जिन स्कूलों के मार्क्स नियमों के तहत अपलोड नहीं हुए हैं, उन स्कूलों का रिजल्ट रोक कर 31 जुलाई के बाद घोषित किया जाए।
वहीं 12वीं का रिजल्ट अगले सप्ताह जारी किए जाने के आसार हैं। इसका कारण CBSE ने स्कूलों को मार्क्स अपलोड करने के लिए 22 जुलाई की मध्यरात्रि तक का समय देना है। हालांकि 10वीं और 12वीं के परिणामों की तिथि को लेकर CBSE की ओर से अभी कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह भी तय है कि CBSE 31 जुलाई तक 10वीं व 12वीं दोनों के रिजल्ट जारी कर सकता है।
CBSE : अजमेर रीजन (राजस्थान व गुजरात राज्य शामिल)
- 1853 – कुल स्कूल
- 1701 – स्कूलों के स्टूडेंट एग्जाम में शामिल
- 1,22,819 – कक्षा 10 के स्टूडेंट
- 1,00,319 – कक्षा 12 के स्टूडेंट
CBSE : राजस्थान में 1277 स्कूल
- 1132 – स्कूलों के स्टूडेंट एग्जाम में शामिल
- 90,751 – कक्षा 10 के स्टूडेंट
- 75,823 – कक्षा 12 के स्टूडेंट
इसलिए मानी जा रही है 22-23 जुलाई
जानकारों का कहना है कि CBSE ने 22 जुलाई की मध्यरात्रि का समय 12वीं के मार्क्स अपलोड करने के लिए पोर्टल खोला है। CBSE चाहेगा कि 31 से पहले घोषित करने के लिए पूरा समय 12वीं के रिजल्ट को देगा और ऐसे में 22 और 23 जुलाई को ही 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दें, ताकि केवल 12वीं का ही काम बचे।
देरी का यह रहा है बड़ा कारण
परीक्षा रद्द होने के बाद परिणाम के लिए CBSE ने अंकों का फॉर्मूला तय किया। इसके आधार पर स्कूलों ने ही परिणाम तैयार कर बोर्ड को भेजा, लेकिन कई स्कूल ने अपना रिजल्ट सुधारने के लिए स्टूडेंट को बढ़ा-चढ़ाकर अंक दे दिए। इसी के चलते इन स्कूलों को रिव्यू के बाद फिर से नंबर भेजने के लिए कहा गया। इसके लिए 17 जुलाई तक का समय दिया। इस तिथि के बाद मार्क्स का रिव्यू करने की कवायद शुरू की गई है और माना जा रहा है कि इसके चलते ही परिणाम में देरी हुई।
22 जुलाई की रात तक के लिए खोला पोर्टल
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज की ओर से स्कूलों को जारी किए आदेश में बताया गया कि कक्षा 12वीं के परिणामों के मॉडरेशन और अंतिम रूप देने के लिए पोर्टल 16 जुलाई (दोपहर) से 22 जुलाई (मध्य रात्रि) तक खोला जा रहा है। बोर्ड को 31 जुलाई तक नवीनतम परिणाम घोषित करना है। अत: निर्धारित शेड्यूल का सख्ती से पालन करें और शेड्यूल के भीतर मॉडरेशन पूरा करें। यदि कोई विद्यालय निर्धारित अवधि में मॉडरेशन पूरा नहीं करता है तो उनका परिणाम 31 जुलाई के बाद अलग से घोषित किया जाएगा।
मॉडरेशन 100% हो तो ही सबमिशन का बटन दबाएं
आदेश में कहा गया है कि स्कूलों को अंकों के मॉडरेशन में और सुविधा के लिए सीबीएसई की ओर से सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके दिशा निर्देश पोर्टल पर उपलब्ध कराए हैं। इस सॉफ्टवेयर के दो खंड हैं – विषयवार मॉडरेशन और ओवरऑल मॉडरेशन। अंकों के सभी घटकों की एक शीट दिखाई देगी। दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं कक्षा और प्रैक्टिकल/प्रोजेक्ट/आईए के अंकों के मॉडरेशन करने से पहले दिशा निर्देश काे पालना करें। यह भी तय करें कि सबमिशन बटन को तभी दबाएं, जब इस बात की पुष्टि हो जाए कि किया गया मॉडरेशन 100% सही है।
तो सीबीएसई कर सकता है स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई
आदेश में यह भी बताया गया है कि यदि यह देखा जाता है कि किसी स्कूल ने निर्देशों का पालन नहीं किया है, तो सीबीएसई परिणाम तैयार करने से पहले नीति के अनुरूप दिए गए अंकों को लाने के लिए अंकों को मॉडरेट करेगा। स्कूलों द्वारा डेटा में किए गए परिवर्तनों को सीबीएसई की ओर से दर्ज किया जाएगा। यदि स्कूलों द्वारा नीति का पूरा पालन नहीं किया गया है, तो सीबीएसई ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकता है।
मॉडरेट करना एक बड़ी जिम्मेदारी, ताकि परिणाम तुलनीय हो
आदेश में यह भी बताया गया कि महामारी की स्थिति में छात्रों के वैध, विश्वसनीय और निष्पक्ष परिणामों की घोषणा करना है। कक्षा-11और 12 के अंकों को मॉडरेट करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। जिसे छात्रों को न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए करना होगा। नीति के किसी भी अंतर के परिणामस्वरूप कुछ छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव या कुछ छात्रों को अनुचित लाभ हो सकता है।
ऐसे में यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि सीबीएसई की ओर से परिणाम समिति की जिम्मेदारी पूरी छात्र आबादी के लिए प्रयोग की जा रही है और इसे किसी विशेष स्कूल तक सीमित नहीं करना है। इसलिए स्कूलों को इस तरह से अंकों को मॉडरेट करने के लिए अनिवार्य किया गया है कि परिणाम तुलनीय हों और किसी भी छात्र को स्कूल या स्कूलों में नीति के किसी भी असमान आवेदन के कारण नुकसान न हो।
CBSE की ओर से जारी आदेश: ऐसे करनी है मार्क्स गणना।
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