civil judge examination 2019 सिविल जज-2019 प्री एग्जाम: 19 प्रश्नों के गलत उत्तर को लेकर हाईकोर्ट की कमेटी करेगी जांच, किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे हाईकोर्ट
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हाई कोर्ट ने कहा- किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा। दो रिटायर्ड जज की कमेटी जांच करेगी।
सिविल जज-2019 प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट के बाद 19 प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्ति को लेकर दायर 17 याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा। इसके लिए हाई कोर्ट के दो रिटायर्ड जज की कमेटी जांच करेगी। सभी याचिकाएं कमेटी के समक्ष पेश की जाएंगी। कमेटी द्वारा सही उत्तर तय करने के बाद एक सप्ताह में रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट को सौंपेगी।
याचिकाकर्ता ईशान तिवारी की ओर अधिवक्ता राघवेंद्र रघुवंशी ने पैरवी की थी। चीफ जस्टिस मो. रफीक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। हाई कोर्ट ने 25 पेज का आदेश जारी करते हुए रिटायर जस्टिस केके त्रिवेदी, सीएस सिरपुरकर की कमेटी बनाई है।
अधिवक्ता रघुवंशी के मुताबिक हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा 252 पदों के लिए आयोजित की गई इस प्रारंभिक परीक्षा में 252 प्रश्न पूछे गए थे। इसका मार्च 2021 में रिजल्ट जारी किया गया। इस परीक्षा में 19 प्रश्नों के जवाबों को लेकर कई अभ्यर्थियों आपत्ति ली थी। उनका कहना है कि इस कारण से उनका मेंस के लिए चयन नहीं हो पाया।
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