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एक साल में मिलेगा सर्टिफिकेट, विज्ञान संकाय के विद्यार्थी पढ़ सकेंगे वेद, कला के भौतिकी, उच्च शिक्षा विभाग में लागू हुई नई शिक्षा नीति

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) लागू होने के बाद अब प्रदेश के कालेजों में पढ़ने वाला कोई छात्र अगर बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तब भी उसकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। जिस स्तर तक उसने पढ़ाई की है वहां तक की पढ़ाई मान्य होगी। अब तक छात्र पहले या दूसरे साल में पढ़ाई छोड़ देता था तो उसका कोर्स ही अपूर्ण माना जाता था और उसे केवल 12वीं पास माना जाता था लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब जो प्रवेश हो रहे हैं उसमें नए पैटर्न को लागू किया है। इस बार कालेज में एनईपी के तहत दाखिले हो रहे हैं। इसके लिए स्नातकोत्तर तक अलग-अलग 9 लेवल निर्धारित किए गए हैं।

विवि व कॉलेजों के कोर्स में शामिल होगा एनसीसी

इधर, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। 2021-22 के कोर्स में विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे उन्हें क्रेडिट-बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी किया जाएगा। इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।

फर्स्ट ईयर लेवल पांच की श्रेणी में रखा गया है

स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के बाद छात्र पहला साल पूरा कर लेता है और उसके बाद आगे की पढ़ाई नहीं करता तो उसे सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। पहले साल को लेवल 5 की श्रेणी में रखा गया है। इसके लिए उसके 36-40 क्रेडिट अंक होना चाहिए। इसके बाद संबंधित अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।

मेजर, माइनस, वोकेशनल अंकों के आधार पर क्रेडिट

उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि विद्यार्थियों को मेजर, माइनस व वोकेशनल अंकों के आधार पर क्रेडिट प्रदान किए जाएंगे। सभी के अलग-अलग अंक रहेंगे। इस तरह उसके कुल क्रेडिट अंक महत्वपूर्ण होंगे। विद्यार्थी पहला वर्ष पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ता है और बाद में दूसरे वर्ष में प्रवेश लेना चाहता है तो इसके लिए वर्तमान में यूजीसी की ओर से समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। जल्द ही इसकी गाइडलाइन जारी की जाएगी। विवि स्तर पर विद्यार्थियों को बहुल संकाय की पढ़ाई के तहत विज्ञान संकाय के विद्यार्थी वेद, साहित्य, ज्योतिष की पढ़ाई कर सकेंगे जबकि कला संकाय के विद्यार्थी भौतिकी, रसायन का अध्ययन कर सकते हैं।

सेकंड ईयर में डिप्लोमा

सेकंड ईयर तक पढ़ाई करेंगे और बाद में छात्र किसी कारण पढ़ाई जारी नहीं रख सकेगा तो डिप्लोमा की मान्यता दी जाएगी। इसे लेवल 6 श्रेणी में रखा गया है। इसमें पहले व दूसरे वर्ष के मिलाकर 72-80 क्रेडिट्स होना चाहिए।

थर्ड ईयर में डिग्री

ऐसे छात्र जो

यूजी का तीसरा वर्ष पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी। इसे लेवल-7 में रखा है। 108-120 क्रेडिट होना चाहिए। तीसरा साल पूरा करने के बाद फोर्थ ईयर में प्रवेश मिलेगा। इसमें ऑनर्स, रिसर्च की मान्यता मिलेगी। इसे लेवल-8 व पीजी को लेवल-9 में रखा है।

पढ़ाई को रुचिकर बनाने के साथ रोजगार से भी जोड़ेंगे

कॉलेज स्तर की पढ़ाई को रुचिकर बनाने के साथ उसे रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। शिक्षा नीति में ऐसे कई बदलाव किए गए हैं जिससे विद्यार्थी मल्टी टास्किंग बनें। उन्हें विज्ञान के साथ वेद की जानकारी भी मिले। राष्ट्र भक्ति की भावना के लिए वे एनसीसी भी करें।

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डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

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