education

क्लैट में आशीष और दिव्यांश ने बढ़ाया राजधानी का मान

आशीष को 57वीं रैंक तो देव्यांश को मिली 71वीं रैंक

  • देश के टॉप नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए जारी हुआ रिजल्ट
    :[email protected]
    LUCKNOW :


    देश की 22 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए हुए कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट क्लैट का रिजल्ट मंडे को घोषित कर दिया गया. इसमें राजधानी के आशीष शर्मा ने ऑल इंडिया लेवल पर 57वीं रैंक लाकर राजधानी का गौरव बढ़ाया, वहीं देव्यांश शुक्ला ने 71वीं रैंक, अवंतिका कालरा ने 84वीं रैंक, आरुषी तिवारी ने 85वीं रैंक, दिव्यांश भट्ट 87 ने रैंक हासिल कर शानदार सफलता हासिल की. इनके अलावा कई अन्य ने भी बेहतरीन रैंक हासिल की है.
    काउंसिलिंग आज से
    अब सफल होने वाले कैंडीडेट्स को 6 और 7 अक्टूबर को काउंसिलिंग फीस 50 हजार रुपए जमा करने होंगे.
    क्लैट के संयोजक प्रो. बलराज चौहान ने बताया की फीस के लिए स्टूडेंट्स को एसएमएस किए जा रहे हैं. 8 अक्टूबर को स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी आवंटित की जाएगी.
    बाक्स
    इन 22 यूनिवर्सिटी में एडमिशन
  1. एनएलएसआईयू, बैंगलोर
  2. एलएएलएसएआर, हैदराबाद
  3. एनएलआईयू, भोपाल
  4. डब्लूबीएनयूजेएस, कोलकाता
  5. एनएलयू, जोधपुर
  6. एचएनएलयू, रायपुर
  7. जीएनएलयू, गांधीनगर
  8. आरएमएलएनएलयू, लखनऊ
  9. आरजीएनयूएल, पंजाब
  10. सीएनएलयू, पटना
  11. एनयूएएलएस, कोच्चि
  12. एनएलयूओ, ओडिशा
  13. एनयूएसआरएल, रांची
  14. एनएलयूजे, असम
  15. डीएसएनएलयू, विशाखापटनम
  16. टीएनएनएलएस, तिरूचिरापल्ली
  17. एमएनएलयू, मुंबई
  18. एमएनएलयू, नागपुर
  19. एमएनएलयू, औरंगाबाद
  20. एचपीएनएलयू, शिमला
  21. डीएनएलयू, जबलपुर
  22. डीबीआरएएनएलयू, हरियाणा
    ज्यादा कॉलेजों के विकल्प दें स्टूडेंट्स
    क्लैट पॉसिबल के संजय सिंह ने बताया कि 8 अक्टूबर को सभी लॉ यूनिवर्सिटी अपनी मेरिट जारी करेंगी. हमने टॉप फाइव लॉ यूनिवर्सिटी की एक संभावित रैंक तैयार की है. उन्होंने बताया कि एनएलएसआईयू बैंगलोर में रैंक 1 से 58 रैंक तक स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सकता है. जबकि क्लोजिंग रैंक भी 58 रैंक के करीब रहेंगी. वहीं एनएएलएसएआर हैदराबाद में 58 से 100 रैंक तक स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सकता है. डब्ल्यूबीएनयूजेएस कोलकता में 100 से 230 रैंक तक स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सकता है. एनएलयू भोपाल में 245 रैंक के स्टूडेंट्स को पहली लिस्ट में मौका मिल सकता है. एनएलयू जोधपुर में पहली लिस्ट में 315 रैंक तक स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सकता है. स्टूडेंट्स छह अक्टूबर से शुरू हो रही काउंसिलिंग में ज्यादा से ज्यादा विकल्प दें.
    इंटर तक नहीं सोचा क्या करना है
    मैंने इंटर तक सोचा नहीं था कि किस फील्ड में जाऊं. सीएमएस अलीगंज से 94 प्रतिशत अंक के साथ इंटर पास किया. उसके बाद मुझे लगा कि मैं लॉ में करियर बना सकता हूं. मैंने रोज पढ़ाई की, कई तरह के न्यूजपेपर पढ़कर नोट्स बनाएं. अपनी रीडिंग और राइटिंग स्किल्स को बढ़ाया. मेरे पिता सुधीर शर्मा जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में इंजीनियर है और मां शशि बाला शर्मा हाउसवाइफ हैं. सफलता के लिए सभी विषयों पर फोकस करें.
    आशीष शर्मा, ऑल इंडिया रैंक 57
    बोले टॉपर्स
    इंजीनियरिंग छोड़ लॉ में आया
    मैं पहले इंजीनियर बनना चाहता था. 2018 में मोंटफोर्ट कॉलेज से इंटर करने के बाद मैंने जेईई एडवांस क्लियर किया और जोधपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया. उसके बाद मुझे महसूस हुआ कि इंजीनियर बनने के बाद में दुनिया से कट गया हूं. इसलिए कॉलेज छोड़कर मैंने क्लैट की तैयारी की. मैंने सभी विषयों पर एक साथ फोकस किया. जितना हो सके उतनी रीडिंग की, पिता आरपी शुक्ला हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं.
    देवांश शुक्ला, ऑल इंडिया रैंक 71
    वीमेन राइट्स में करूंगी वर्क
    मैं पिछले एक साल से कैट की तैयारी कर रही हूं, हमेशा सभीे सब्जेक्ट पर फोकस करना करना चाहिए. जीके लिए पेपर पढ़ना चाहिए. इस बार क्लैट में नए पैटर्न में रीडिंग हेबिट की जरूरत थी. इस बार सारा रीडिंग बेस्ड कांप्रिहेंसिव पेपर था. रैक के हिसाब से कॉलेज चुनुंगी. मैं इंटरनेशनल ह्यूमेस राइट्स व वूमेन राइट्स में वर्क करना चाहती हूं. मुझे अपने भाई और भाभी ये प्रेरणा मिली है, वो दोनों ही कॉरपोरेट लॉयर्स हैं.
    अवंतिका कालरा, ऑल इंडिया रैंक 84
    मेडिकल से लॉ के लिए बनाया मन
    मेरा एनएलयू बंगलुरु में चयन हुआ है. पिता राजेश तिवारी निजी कंपनी में अधिकारी हैं और मां पूनम तिवारी ग्रहणी है. मैं शुरू से डॉक्टर बनना चाहती थी. आरएलबी से 92 प्रतिशत अंक से इंटर पास किया, लेकिन स्कूल के समय में भाषण, वाद विवाद आदि प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करती थी. जिससे मुझे महसूस हुआ कि मुझे लॉ के क्षेत्र में जाना चाहिए. रोज कई न्यूजपेपर पढ़ें, मॉक टेस्ट दिए.
    आरुषि तिवारी, ऑल इंडिया रैंग 85वी रैंक
    इंटर के बाद बदला मन
    मैंने लखनऊ में रहकर क्लैट की तैयारी की. पहले मैं जेईई की तैयारी कर रहा था. इंजीनियर बनने की सोच रहा था, लेकिन इंटर करने के बाद मेरा मन बदल गया. फिर मैंने क्लैट की तैयारी शुरू की. तैयारी लेट शुरू की इसलिए समय प्रबंधन के साथ सभी विषयों पर बराबर फोकस किया. सिलेबस पर फोकस किया. पिता राधेश्याम शर्मा बिजली विभाग में कार्यरत हैं जबकि मां बीनू शर्मा हाउसवाइफ गृहणी है.
    देवांश भट्ट, ऑल इंडिया रैंक 87
    इंटरनेशल लॉयर बनना है
    मैं रैगुलर मॉक टेस्ट देता था, अगर मॉक टेस्ट नहीं होते थे तो मैं कोचिंग मैटेरियल व ऑनलाइन मैटेरियल से ही खुद के लिए मॉक टेस्ट तैयार करता था. मैंने समान्य ज्ञान की अच्छी तैयारी के लिए अंग्रेजी के अखबार पढ़े. साथ ही मैं शैड्यूल बनाकर पढ़ाई करता था. मेरे पिता संजीव शर्मा फार्मासुटिकल कंपनी में मैनेजर हैं और माता संजना शर्मा थीएटर आर्टिस्ट हैं. मेरी बहन अपूर्वा शांड्यल्य पीएचडी कर रही है. मैं एक इंटरनेशल लॉयर बनना चाहता हूं,
    क्षितिज शांडल्य, ऑल इंडिया रैंक 184
    सुप्रीम कोर्ट से लॉ प्रैक्टिस करनी है
    मैं एनएलएसआयू बैंग्लूरू से पढ़ाई करना चाहता हूं, मैं अपना आइडियल मम्मी को मानता हूं, मेरे पापा शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में हैं. मैंने एक साल पहले ही तैयारी कर रहा था, जेईई मेन्स व एडवांस में तैयारी की थी, लेकिन रैंक अच्छी नहीं आई थी. नवंबर के पास जब पैटर्न चैंज हुआ था दो तीन न्यूज पेपर पढ़ता था, प्रैक्टिस करता था, कोचिंग के टेस्ट करके प्रैक्टिस करता था.
    अर्जुन सिंह गौतम, कैटेगरी रैंक 5 ऑल इंडिया रैंक 598


Discover more from Digital Education Portal

Subscribe to get the latest posts to your email.

Show More

आपके सुझाव हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं ! इस पोस्ट पर कृपया अपने सुझाव/फीडबैक देकर हमे अनुग्रहित करने का कष्ट करे !

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|