Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4
MP के साढ़े 3 लाख कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ, कानून विभाग की हरी झंडी, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव
educationEmployee

MP के साढ़े 3 लाख कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ, कानून विभाग की हरी झंडी, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

प्रमोशन,कर्मचारी प्रमोशन, promotion, employee update, employee promotion, pay scale, EDUCATION,

Images2810292046824096132859632.
Mp के साढ़े 3 लाख कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ, कानून विभाग की हरी झंडी, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव 8

BHOPAL. राज्य सरकार दीपावली से पहले अपने अधिकारी-कर्मचारियों को तोहफा देने जा रही है। 6 साल से प्रमोशन पाने के लिए बेताब राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है कि अब प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के नए प्रमोशन रूल्स 2022 को कानून विभाग ने हरी झंडी दे दी है। जल्द ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इससे प्रदेश के तकरीबन साढ़े 3 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा। प्रस्ताव के अनुसार अब अधिकारी-कर्मचारियों का प्रमोशन मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर होगा। इसके लिए सीआर (कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) में क्लास-1 के अफसर को 15, क्लास-2 को 14 और क्लास-3 को 12 अंक लाना जरूरी होगा।

कानून विभाग ने पहले प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई थी

पहले कानून विभाग ने जीएडी के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति लगाकर लाखों अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन के सपने पर पानी फेर दिया था। कानून विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों का हवाला देते हुए जीएडी के प्रस्ताव पर सवालिया निशान लगाए थे। इसके बाद जीएडी ने कानून विभाग की आपत्तियों का निराकरण कर नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर दोबारा विभाग को भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ​दीपावली से पहले नए पदोन्नति नियम लागू हो सकते हैं। ये नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट को कोई  फैसला नहीं आ जाता। इस फैसले के इसी महीने आने की उम्मीद जताई जा रही है। नए नियम नोटिफाइड होने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन ही अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन करेगी यानी सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो तत्काल प्रभाव से लागू होगा। विपरीत फैसला आने पर प्रमोट हुए अधिकारी-कर्मचारियों को डिमोट भी किया जा सकता है।

3 साल के बाद खत्म होंगे प्रमोशन के पद 

कानून विभाग की आपत्ति के बाद जीएडी ने प्रस्तावित नए नियमों में कुछ बदलाव किए। इसमें प्रमुख बदलाव प्रमोशन में बैकलॉग खत्म करने का है। यानी अब एससी-एसटी के अधिकारियों को प्रमोशन के लिए केवल 3 साल तक बैकलॉग के पदों का लाभ मिलेगा। इस अवधि में पदोन्नति के लिए अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते तो ये पद खुद खत्म हो जाएंगे। कानून विभाग का कहना था कि एससी-एसटी को पदोन्नत करने के नाम पर इन पदों को अनिश्चितकाल के लिए खाली नहीं रखा जा सकता। इसके बाद जीएडी ने इसकी समयसीमा 3 साल तय की है। 

सीनियर अफसर तय करेंगे आरक्षण प्रतिशत

प्रस्तावित नए नियमों में जीएडी ने साफ किया है कि हर साल जनवरी में पदोन्नति समिति की बैठक के पहले सीनियर अफसरों की समिति एक फॉर्मूले के तहत एससी-एसटी के प्रमोशन का आरक्षण तय करेगी। जिस साल जितना प्रतिनिधित्व एससी-एसटी का आएगा, उतना उन्हें आरक्षण दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, किसी साल एससी का 5% तो किसी साल 20% प्रतिनिधित्व आया तो उन्हें उतना ही आरक्षण प्रमोशन में मिलेगा। यही फॉर्मूला एसटी पर भी लागू होगा। पुराने पदोन्नति नियम में एससी को 16 और एसटी को 20% आरक्षण प्रमोशन में देना फिक्स था, लेकिन नए नियमों में हर साल आरक्षित वर्ग की गणना कर उनका प्रतिनिधित्व तय कर आरक्षण प्रतिशत तय किया जाएगा। इस पॉइंट पर भी लॉ डिपार्टमेंट ने पहले कड़ी आपत्ति जताई थी। 

कानून विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार डेटा किसी भी तरह से जुटा सकती है, लेकिन वो साइंटिफिक होना चाहिए, जिसे कोर्ट के सामने साबित किया जा सके। जीएडी ने सीनियर अफसर की समिति बनाने का प्रावधान तो किया है, लेकिन ये कोर्ट में कितना टिक पाएगा, ये देखने वाली बात होगी। 

Join whatsapp for latest update

दरअसल, सीनियर अफसर भी ये जानते हैं कि साईंटिफिक और अधिकृत डेटा सिर्फ जनगणना से ही मिल सकता है, लेकिन 2011 की जनगणना का डेटा ही सरकार के पास है। नई जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो पाई। अब नई जनगणना कब होगी, इसकी अभी कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है। ऐसे में सरकार के लिए लॉ डिपार्टमेंट की डेटा इकट्ठा करने की आपत्ति आगे चलकर सिरदर्द बन सकती है। हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को राज्य सरकार के 2002 के भर्ती नियमों से लागू आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया था। साथ ही इन नियमों के हिसाब से जो पदोन्नतियां दी गई थीं, उन्हें निरस्त करने को कहा था। सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती है। तब से यह मामला लंबित है।

प्रमोशन की प्रोसेस  

  • हर साल योग्य उम्मीवार की मेरिट-कम-सीनियरिटी की लिस्ट तैयार होगी। इसके बाद संबंधित विभाग एससी, एसटी और अनारक्षित वर्ग की संयुक्त सूची बनाएगा। 
  • इस सूची में से सबसे पहले आरक्षित यानी एससी-एसटी के पदों पर प्रमोशन किया जाएगा, उसके बाद अनारक्षित (सामान्य) वर्ग का। उदाहरण के लिए- यदि कुल 50 पद हैं और पदोन्नति के लिए 150 कर्मचारी हैं तो पहले 20 पद आरक्षित से भरे जाएंगे। फिर इसमें चाहे कर्मचारी सामान्य वर्ग के कर्मचारी से भी जूनियर हो। बचे 30 अनारक्षित पद में से भी आरक्षित वर्ग का कोई कर्मचारी सीनियर रहता है तो उससे पद भरा जाएगा। इसके बाद बचे पद में सामान्य को जगह मिलेगी।
  • यदि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति एक बार सामान्य वर्ग के पद पर पदोन्नति पा लेता है तो आगे उसकी पदोन्नति सामान्य (अनारक्षित) वर्ग में ही की जाएगी। आगे वह आरक्षित के पदों पर पदोन्नति नहीं ले पाएगा।
  • क्लास-3 (ग्रेड-1, ग्रेड-2 और ग्रेड-3) के लिए पांच सालों की ग्रेडिंग के 12 अंक, क्लास-2 के लिए 14 और क्लास-1 के लिए 15 अंक होना जरूरी होगा।
  • मेरिट कम सीनियरिटी के अनुसार पदोन्नति में मेरिट सीआर के अंकों को आधार माना जाएगा। मेरिट की 5 श्रेणियां रहेंगी। पहली क+ के 4 अंक यानी 5 साल के 20 अंक हुए। क के 3 यानी पांच साल के 15 अंक। ख के 2 अंक यानी पांच साल के 10 अंक और ग का 1 अंक यानी 5 साल के 5 अंक। घ के 0 अंक यानी फिसड्‌डी। इसमें पहले प्रमोशन पदों के मुताबिक मेरिट के अनुसार होंगे। पहले 20 अंक, 15 अंक, 10 अंक और 0 अंक होंगे।
  • मेरिट तय करने के लिए क्लास-3 के पदों की मेरिट के पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की सीआर लिखेगा, उसका परीक्षण अंडर सेक्रेटरी करेगा और स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी देगा। इसी तरह क्लास-2 के मामलों में सीआर का मामला अपर मुख्य सचिव तक जाएगा। क्लास-1 के पदों पर सीआर की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर होगी।
  • उच्च पदों यानी क्लास-1 और क्लास-2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में यदि दो अफसरों के मेरिट में अंक समान हैं तो उसमें सीनियरटी देखी जाएगी। पहले वरिष्ठ कर्मचारी को प्रमोशन दिया जाएगा।

Join telegram
Show More

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|