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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश के सभी राज्य बोर्ड के लिए एक समान मूल्यांकन नीति बनाना संभव नहीं है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त और अलग है, इसलिए कोर्ट उन्हें समान योजना अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती।
प्रत्येक बोर्ड अपनी योजना करे तैयार
सुनवाई के दौरान जस्टिस खानविलकर ने कहा कि हम पूरे देश के स्टूडेंट्स के लिए एक जैसी योजना बनाने का निर्देश नहीं दे सकते हैं। प्रत्येक बोर्ड को अपनी योजना तैयार करनी होगी। क्योंकि उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता है और उनके पास सही सलाह देने वाले विशेषज्ञ भी मौजूद हैं।
31 जुलाई तक परिणाम जारी करें सभी बोर्ड
मामले में आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्ड को आज से 10 दिनों के अंदर असेसमेंट के लिए योजना को बनाकर 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बोर्ड ने सभी को CBSE और CISCE की तरह निर्दिष्ट समयरेखा बनाने को कहा है।
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