स्टार्स परियोजना
स्कूल शिक्षण प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास, 2021 से 2025 है योजना की अवधि, योजना के क्रियान्वयन के लिए विश्व बैंक कर रहा मदद
स्टार्स परियोजना : स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिज़ल्ट्स फॉर स्टेट्स (स्टार्स) STARS परियोजना को अक्टूबर 2020 में NEP (नई शिक्षा नीति) 2020 के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
– स्कूल शिक्षण प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास
– 2021 से 2025 है योजना की अवधि
– योजना के क्रियान्वयन के लिए विश्व बैंक कर रहा मदद।
– शिक्षा मंत्रालय का नवाचार
– मध्यप्रदेश समेत 6 राज्यों में लागू है योजना
– राज्यों के बीच क्रॉस-लर्निंग सुविधा होगी विकसित
STARS प्रोजेक्ट क्या है?
शिक्षा मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग और विश्व बैंक ने 28 जनवरी, 2021 को ‘Strengthening Teaching-Learning and Results for States Program’ (STARS) प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना एक वित्तीय सहायता समझौता है।
- STARS परियोजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो स्कूल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास करती है।भारत के छह राज्यों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और शासन में सुधार के उद्देश्य से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- इन 6 भारतीय राज्यों में शामिल हैं- केरल, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा।
- STARS परियोजना 5 मिलियन स्कूलों के 6 से 17 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 250 मिलियन छात्रों को लाभान्वित करेगी।
- छात्रों के अलावा,इस परियोजना से इन छह राज्यों के 10 मिलियन शिक्षकों को भी लाभ होगा।
- यह परियोजना भारत के ” Education for All” के उद्देश्य का समर्थन करती है।
- STARS परियोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विज़न के अनुरूप है जिसमें सभी के लिए समान शिक्षा की परिकल्पना की गई है।
- 14 अक्टूबर, 2020 को केंद्रीय मंडिमंडल ने स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त ‘स्टार्स’ (STARS-Strengthening Teaching-Learning and Results for States) परियोजना के कार्यान्वयन हेतु मंजूरी प्रदान की।
- इस परियोजना की कुल लागत राशि 5718 करोड़ रुपये है।
विश्व बैंक से इस परियोजना हेतु 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 3700 करोड़ रुपये) राशि की सहायता प्राप्त है। - स्टार्स परियोजना स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक नई योजना के रूप में लागू की जाएगी।
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र एवं स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में ‘परख’ नामक एक राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
- इस परियोजनांतर्गत 6 राज्य-हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा शामिल हैं।
- इन पहचान किए गए राज्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के विभिन्न उपायों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस परियोजना के अलावा 5 राज्यों-गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और असम में भी इसी प्रकार की एडीबी (एशियाई विकास बैंक) वित्त पोषित परियोजना को लागू करने की परिकल्पना की गई है।
- सभी राज्य अपने अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक दूसरे राज्य के साथ भागीदारी करेंगे।
- इस परियोजना के समग्र फोकस और घटकों को गुणवत्ता आधारित शिक्षण परिणामों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों के साथ संरेखित किया गया है।
- इस परियोजनांतर्गत चुनिंदा राज्यों में हस्क्षेपों के माध्यम से भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में समग्र निगरानी और मापक गतिविधियों में सुधार लाने की परिकल्पना की गई है।
- स्टार्स परियोजना के 2 प्रमुख घटक हैं।
- इस परियोजना का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या, आधारभूत साक्षरता एवं न्यूमरेसी मिशन तथा राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं शुरुआती देखभाल तथा शिक्षा के लिए कार्यक्रम जैसी पहलों पर भी जोर देना है।
परियोजना के लिए फंडिंग
- STARS परियोजना की कुल लागत 5718 करोड़ रुपये है।विश्व बैंक ने 500 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है जो लगभग 3700 करोड़ रुपये है।
- यह ऋण इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) द्वारा प्रदान किया गया है जो विश्व बैंक की ऋणदाता शाखा है।
- विश्व बैंक ने 5 वर्षों की अनुग्रह अवधि के साथ 500 मिलियन डॉलर के लिए 5 वर्ष की अंतिम परिपक्वता प्रदान की है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की कुंजी होती है और शिक्षकों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
- भारत ने बीते कुछ वर्षों में देश भर में शिक्षा की पहुँच में सुधार करने के लिये कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इन्ही कदमों का परिणाम है कि देश में स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। आँकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2004-05 और वित्तीय वर्ष 2018-19 के बीच स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या 219 मिलियन से बढ़कर 248 मिलियन हो गई है।
- हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में यूनेस्को (UNESCO) ने कहा था कि भारत समेत विश्व के अन्य देशों को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिये कि किसी भी पृष्ठभूमि का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से छूट न सके।
एसडीजी और स्टार्स परियोजना
- सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) का चौथा लक्ष्य शिक्षा से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने के अवसर पर बल प्रदान किया जायेगा। इस प्रकार स्टार्स परियेाजना सतत विकास लक्ष्य को भी पाने में मदद करेगी।
- उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2015 में (एमडीजी की अवधि समाप्त होने पर) अपनी 70वीं बैठक में ‘2030 सतत् विकास हेतु एजेंडा’ के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्यों अर्थात् एसडीजी को अंगीकृत किया था।
- एसडीजी 1 जनवरी, 2016 से प्रभाव में आ गये थे और यूएनडीपी की निगरानी में अगले 15 वर्षों तक अर्थात् 2030 तक प्रभाव में रहेंगे।
पीसा (PISA) और स्टार्स परियोजना
- स्टार्स परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आंकलन का कार्यक्रम (Programme for International Student Assessment-PISA) में भारत की भागीदारी में भी सहायता करेगा।
- पीसा (PISA), आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) का शिक्षा से संबंधित एक वैश्विक कार्यक्रम है। ओईसीडी, इसे अपने सदस्य राष्ट्रों एवं गैर-सदस्य राष्ट्रों दोनों में ही संचालित करता है।
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