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MP में ऑफलाइन पढ़ाई का पहला दिन: जबलपुर में मिस कम्युनिकेशन के कारण सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं पहुंचे; भोपाल में सहमति पत्र लेने और वैक्सीनेशन में निकला दिन; इंदौर में जल्दी कर दी छुट्‌टी Digital Education Portal

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मध्यप्रदेश में 7 महीने बाद छात्रों के लिए स्कूल सोमवार को खुले। पहले दिन 12वीं की स्टूडेंट्स पहुंचे। पहले दिन बहुत कम जगहों पर क्लास लगी। छात्रों की संख्या कम होने और औपचारिकताएं पूरी करने में ही पूरा समय लग गया। पैरेंट्स के अनुमति पत्र लिए गए। कहीं पर कुछ स्कूलों में कुछ देर के लिए क्लास लगी। अधिकतर स्कूलों में टीचर और स्टाफ का वैक्सीनेशन होता रहा। जबलपुर क्षेत्र में तो सरकारी स्कूलों में कक्षा लग ही नहीं पाई क्योंकि पेरेंट्स को ठीक से कम्युनिकेट ही नहीं किया गया। इंदौर में 5% ही अटेंडेंस रहने से कई स्कूलों में जल्दी छुट्‌टी कर दी गई। भोपाल में सहमति पत्र और वैक्सीनेशन के चक्कर में ही अधिकतर स्कूलों का वक्त गुजर गया।

जानिए, कहां पर क्या रही स्थिति

भोपाल: प्राइवेट से लेकर सरकारी स्कूलों में तक बहुत कम बच्चे पहुंचे; केंद्रीय विद्यालय-2 तक में ऑनलाइन क्लास ही लगी

भोपाल में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 12वीं की ऑफलाइन क्लास शुरू हो गईं, लेकिन सोमवार को बच्चों की उपस्थिति बहुत कम होने से अधिकांश स्कूल में क्लास नहीं लग सकी। कहीं-कहीं क्लास लगी। केंद्रीय विद्यालय-2 में भी ऑनलाइन क्लास ही अभी लग रही हैं। दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान स्कूल संचालकों का कहना है कि महीने भर का शेड्यूल पहले ही बन चुका था। यूनिट टेस्ट भी चल रहे हैं, ऐसे में तय शेड्यूल के अनुसार ही स्कूल संचालित हो रहे हैं। एक अगस्त से ही क्लास लगना शुरू हो पाएगा। कई स्कूलों में वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। सोमवार दोपहर बाद भोपाल जिले के जॉइंट डायरेक्टर आरएस तोमर ने स्कूल का निरीक्षण भी किया।

भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी में स्थित शासकीय विद्या विहार स्कूल में जॉइंट डायरेक्टर ने निरीक्षण किया।

भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी में स्थित शासकीय विद्या विहार स्कूल में जॉइंट डायरेक्टर ने निरीक्षण किया।

ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास दोनों चल रहीं

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गोविंदपुरा के हेमला स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने बताया कि पहले दिन 12वीं के बच्चे आए थे। वे उत्साहित भी थे, लेकिन हमारे यहां अभी टेस्ट चल रहे हैं, इसलिए उन्हें ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन टेस्ट लिए जा रहे हैं। अभी टेस्ट चल रहे हैं, ऐसे में अब क्लास 1 अगस्त से ही लग पाएंगी। स्कूल को CCTV से कवर किया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी तरह की गाइडलाइन का पालन करवाते हुए बच्चों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए।

बच्चे सिर्फ पूछताछ के लिए आए

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भोपाल के शासकीय विद्या विहार प्रोफेसर कॉलोनी की प्रिंसिपल निशा कमरानी ने बताया कि विभाग से गाइडलाइन मिलने के बाद स्कूल को पूरी तरह से तैयार करवा लिया है। सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर सभी तरह की एहतियात रखी गई है। आज सुबह से बारिश के कारण काफी कम संख्या में बच्चे आए। बच्चे सिर्फ किताबें लेने और पूछताछ के लिए आए, इसलिए क्लास नहीं लगी।

इंदौर: अधिकतर स्कूलों में तैयारी अधूरी, जो खुले वहां छात्र कम आए

पहले दिन तैयारी पूरी नहीं हाेने से कई स्कूलों ने बच्चों को नहीं बुलाया। वहीं, जो स्कूल खुले भी वहां बच्चों की संख्या नहीं के बराबर ही रही। सुबह से बारिश के कारण भी बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। सरकारी हो या प्राइवेट सभी स्कूलों में तय समय पर बच्चे दहाई का अंक भी पार नहीं कर पाए। ऐसे में पहले दिन 5 फीसदी बच्चे भी स्कूल नहीं आए। कहीं, 5 तो कहीं 8 बच्चे पहुंचे, हालांकि कुछ सरकारी स्कूलों में दोपहर में कई बच्चे स्कूल पहुंचे और संख्या 50 के करीब पहुंच गई। कुछ स्कूलों ने तो बच्चों के ज्यादा नहीं आने से जल्द छुट्‌टी कर दी। ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन क्लास भी चलती रहेगी।

इंदौर के गुजराती स्कूल में गिनती के ही छात्र पहुंचे।

इंदौर के गुजराती स्कूल में गिनती के ही छात्र पहुंचे।

कई बच्चे परिजनों के लेटर लेकर नहीं आए
स्कूल के पहले दिन की शुरुआत कुछ ज्यादा उत्साह वाली नहीं रही। कई स्कूल तो तैयारी नहीं होने से खुले नहीं। लेकिन जो खुले वहां बच्चों का इंतजार होता रहा। प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं के बराबर रही। यहां पर बच्चों की संख्या 200 से 300 के करीब है, लेकिन 5 से 10 बच्चे ही तय समय पर पहुंचे, हालांकि इनकी क्लास प्रॉपर लगाई गई। वहीं, सरकार स्कूलों में भी बच्चों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। कई छात्रों के पास पैरेंट्स के सहमति पत्र नहीं थे।

गुजराती स्कूल की प्रिंसिपल श्यामली चटर्जी ने कहा कि हमने ऑफलाइन क्लास को ही ऑनलाइन कर दिया है। यहां जो पढ़ाया जा रहा है वह बच्चा घर बैठकर भी पढ़ सकता है। लंच और बस की सुविधा अभी बंद रहेगी। यहां पर 12वीं में 250 से ज्यादा बच्चे हैं। पहले दिन 8 बच्चे पहुंचे हैं, जिनकी क्लास शुरू कर दी गई है।

ग्वालियर: 15 से 18% स्टूडेंट्स पहुंचे

शासकीय और प्राइवेट दोनों स्कूल में सोमवार को 12वीं की क्लास लगी है। लंबे समय बाद कोविड से बचाव के सारे उपाय कर स्टूडेंड स्कूल पहुंचे हैं। प्राइवेट और शासकीय दोनों स्कूलों में प्रबंधन का पढ़ाई से ज्यादा जोर कोविड गाइडलाइन का पालन कराने पर था। मास्क, सैनिटाइजर के साथ ही स्कूल में एंट्री मिल रही थी। क्लास रूम में जाने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी।

जिन बच्चों का तापमान मानक से अधिक था उनको घर वापस भेजा गया है। स्कूलों में 50% क्षमता के साथ खोलना था, लेकिन कोविड से अभी भी अभिभावकों में झिझक दिखी है। यही कारण है कि स्कूलों में सिर्फ 15 से 18% ही छात्र पहुंचे हैं।

ग्वालियर के स्कूल में छात्रा का हाथ सैनिटाइज कराया गया।

ग्वालियर के स्कूल में छात्रा का हाथ सैनिटाइज कराया गया।

मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग का रखा ध्यान

ग्वालियर के आरएस कॉन्वेंट हाई सेकेंड्री स्कूल हजीरा में जब पहुंचे तो यहां 12वीं के छात्रों का क्लास में आना शुरू था। यह MP बोर्ड के बड़े स्कूलों में शुमार है। यहां स्कूल गेट पर ही एक कर्मचारी मास्क पहनकर अंदर आने वाले स्टूडेंट के हाथों को सैनिटाइज कर रही थी। साथ ही प्रॉपर मास्क लगाना भी चैक किया जा रहा था। आरएस कॉन्वेट स्कूल में 12वीं में बच्चों की संख्या 100 है, पहले दिन 20% ही बच्चे स्कूल आए थे।

CBSE स्कूल सुबह ही लग गए

आदेश के मुताबिक, 50% क्षमता के साथ एक ही पाली में स्कूल खुलने थे, लेकिन कुछ स्कूल सुबह ही खुल गए। आदेश को समझने में हल्की से गलतफहमी हो गई, जिस कारण ऐसा हुआ।

गुना: वैक्सीनेशन और क्लास साथ-साथ, कम आए बच्चे

सोमवार को शिक्षकों के लिए विशेष वैक्सीनेशन शिविर लगाया गया। PG कॉलेज में केंद्र बनाकर शिक्षकों को टीका लगाया गया, हालांकि शिक्षकों ने इसमें कम रुचि दिखाई। सुबह 10 बजे से शुरू हुए वैक्सीनेशन में दोपहर 1:30 बजे तक केवल 18 सरकारी शिक्षक ही टीका लगवाने पहुंचे। वहीं, निजी स्कूलों का एक भी शिक्षक वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचा। जिले में 94 % टीचर्स तो पहले ही वैक्सीन लगवा चुके हैं। केवल 6% शिक्षक ही बाकी हैं। निजी स्कूलों के कितने टीचर्स ने टीका लगवा लिया है। यह डाटा शिक्षा विभाग के पास नहीं है। पहले दिन छात्र बहुत कम संख्या में पहुंचे।

भिंड: छात्र नहीं पहुंचे, क्लास पर ताला लटके रहे

कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद सरकार द्वारा स्कूल खोले जाने के आदेश दिए थे। सोमवार को लंबे इंतजार बाद स्कूल खुलेंगे। यहां आकर शिक्षकों द्वारा स्कूल आने के छात्रों को मैसेज किए गए और अभिभावकों को फोन लगाए गए। परंतु कोविड महामारी के बाद अभी स्कूलों में पढ़ाई को लेकर छात्र व उनके अभिभावक रूचि नहीं दिखा रहे है। यही कारण है कि स्कूल खोले जाने के बाद इक्का-दुक्का ही छात्र पहुंचे। अधिकांश स्कूलों की क्लासों में ताले लटकते रहे।

भिंड के स्कूल में क्लास रूम पर लगा रहा ताला।

भिंड के स्कूल में क्लास रूम पर लगा रहा ताला।

9वीं, 10वीं की क्लास 5 अगस्त से

शिक्षा विभाग की गाइडलाइन में कहा गया है कि 9वीं और 10वीं के स्कूलों को 5 अगस्त से शुरू किया जा सकेगा। अगर स्कूलों द्वारा बसों का संचालन किया जाएगा तो उन्हें इसके लिए 1% हाइपो क्लोराइड से बसों को सैनिटाइज भी करना होगा। इसके अलावा स्कूल परिसर व कक्षाओं को भी सैनिटाइज किए जाने की कार्रवाई आवश्यक रूप से की जाएगी। इसके सबसे अहम बात यह होगी कि पालक लिखित में सहमति देंगे तो ही छात्रों को स्कूल में बुलाया जाएगा।

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