बिहार के विभिन्न हिस्सों में एक सप्ताह लगातार बारिश होने के बाद कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में बाढ़ की स्थिति बन गई है। हालात बिगड़ गये हैं। कई जगहों पर सड़कों के कटने से आवागमन प्रभावित हो गया।
अररिया जिले की पांच दर्जन पंचायतों के डेढ़ सौ गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है। जीरोमाइल के पास पानी का दबाव बढ़ने के बंद पुल पर मंगलवार से वाहनों के परिचालन शुरू होने की संभावना है।
वहीं फारबिसगंज-कुर्साकांटा मार्ग व जोकीहाट में सड़कों के कटने से आवागमन ठप है। कुर्साकांटा के कोतहपुर व डहुआबाड़ी में एप्रोच कट गया। पूर्णिया में बायसी की 17 पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
कटिहार में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
महानंदा के उफानाने से बारसोई, कदवा, डंडखोरा, प्राणपुर और अमदाबाद प्रखंड की पांच दर्जन पंचायतों की करीब 5.50 लाख आबादी प्रभावित है।
350 से अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। कदवा प्रखंड के शिवगंज डायवर्सन के समीप 3 फीट पानी बहने के कारण सोनैली-पूर्णिया में यातायात व्यवस्था ठप हो गयी।
खगड़िया में सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से करीब दो दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
सुपौल में तिलयुगा और बलान नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे निर्मली और मरौना प्रखंड की करीब एक दर्जन पंचायतें प्रभावित हैं। लोग पलायन करने लगे हैं।
आधा दर्जन सड़कें कट जाने से लोगों के आवागमन बाधित हो गया।लगभग 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मरौना-निर्मली मुख्य सड़क गनौरा के पास डूब गई।
वहीं भागलपुर के नवगछिया की कलवलिया नदी फिर से उफना गई है। कई गांवों में पानी घुस गया है। अनुमंडल कार्यालय झील में तब्दील हो गया है।
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