Alert नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली 2024 : 💁♀️ MP शिक्षक और सरकारी कर्मचारी ध्यान दें! यहाँ समझे कैसे मिलेगी छुट
नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली 2024
नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या बेहतर है?
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से एक नई आयकर प्रणाली लागू की है। यह प्रणाली पुरानी आयकर प्रणाली से कई मायनों में अलग है। शिक्षक और शासकीय कर्मचारी भी इस नई प्रणाली से प्रभावित होंगे। इस लेख में हम शिक्षकों और शासकीय कर्मचारियों के लिए नवीन आयकर प्रणाली की मुख्य विशेषताओं और पुरानी आयकर प्रणाली से बेहतरियों पर चर्चा करेंगे।
Table of Contents
नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली 2024 हम नवीन आयकर प्रणाली को प्रदेश के नवीन शिक्षक संवर्ग के संदर्भ में समझेंगे इस कर प्रणाली में भी पुरानी कर प्रणाली के समान ही कुछ छूट और कटौतियां प्रदान की गई हैं ।
नवीन आयकर प्रणाली की मुख्य विशेषताएं
नई आयकर प्रणाली की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- कम कर दरें: नवीन आयकर प्रणाली में कर दरें पुरानी आयकर प्रणाली की तुलना में कम हैं। उदाहरण के लिए, 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि पुरानी प्रणाली में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता था।
- अधिक छूट: नवीन आयकर प्रणाली में करदाताओं को अधिक छूट मिलती है। उदाहरण के लिए, चिकित्सा व्यय, शिक्षा व्यय, और पेंशन आदि पर अधिक छूट मिलती है।
- सरलीकरण: नवीन आयकर प्रणाली पुरानी आयकर प्रणाली की तुलना में अधिक सरल है। इसमें केवल 5 कर स्लैब हैं, जबकि पुरानी प्रणाली में 7 कर स्लैब थे।
पुरानी आयकर प्रणाली (Old Tax Regime):
- कर स्लैब: 6 स्लैब, 5% से 30% तक की दरें (2023-24 में 2.5 लाख तक का टैक्स फ्री)
- छूट: कई तरह की छूटें जैसे एचआरए, एलटीसी, मेडिकल खर्च, शिक्षा खर्च आदि
- कमिटमेंट: टैक्स रिटर्न भरते समय विस्तृत विवरण देना
- जटिलता: कई नियमों और छूटों के कारण जटिलता
नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली 2024 : पुरानी आयकर प्रणाली से बेहतरियां
- कम कर दरें: नवीन आयकर प्रणाली में कर दरें पुरानी आयकर प्रणाली की तुलना में कम हैं, इसलिए शिक्षकों और शासकीय कर्मचारियों को कम कर देना होगा।
- अधिक छूट: नवीन आयकर प्रणाली में करदाताओं को अधिक छूट मिलती है, इसलिए शिक्षकों और शासकीय कर्मचारियों को अधिक छूट का लाभ मिलेगा।
- सरलीकरण: नवीन आयकर प्रणाली पुरानी आयकर प्रणाली की तुलना में अधिक सरल है, इसलिए शिक्षकों और शासकीय कर्मचारियों को आयकर रिटर्न भरने में आसानी होगी।
नई और पुरानी आयकर प्रणाली अंतर
नई और पुरानी आयकर प्रणाली के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:
ओल्ड टैक्स रिजीम
नई बनाम पुरानी आयकर प्रणाली 2024 : ओल्ड टैक्स रिजीम का ऑप्शन अभी भी आपके पास उपलब्ध है. आप अपनी सुविधा के हिसाब से टैक्स रिजीम चुन सकते हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्स फ्री होगी. ढाई लाख से 5 लाख तक की आय 5 पर्सेंट टैक्स लगता है, लेकिन इसमें 12,500 रुपये का रिबेट मिलता है. इसमें 5, 20 और 30 पर्सेंट का टैक्स स्लैब है. ओल्ड टैक्स रिजीम को ज्यादातर टैक्सपेयर्स इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इसमें आपको 80C सहित और कई धाराओं के तहत टैक्स बचाने का मौका मिल जाता है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब स्ट्रक्चर
ओल्ड टैक्स रिजीम (60 साल से कम के इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए)
टैक्सेबल इनकम स्लैब्स | इनकम टैक्स रेट्स एवं सेस |
2.5 लाख रुपये तक | शून्य |
2,50,001 से 5,00,000 रुपये तक | 5 फीसदी (टोटल इनकम माइनस 2,50,000 रुपये) + 4% सेस |
5,00,001 से 10,00,00 रुपये तक | 12,500 + (टोटल इनकम माइनस 5,00,000 रुपये) का 20% + 4% सेस |
10,00,001 और इससे ज्यादा | 1,12,500 + (टोटल इनकम माइनस 10,00,000 रुपये) + 4% |
नई आयकर प्रणाली (New Tax Regime):
- कर स्लैब: 5 स्लैब, 0% से 30% तक की दरें (2023-24 में 3 लाख तक का टैक्स फ्री)
- छूट: सीमित छूटें, मुख्य रूप से स्टैंडर्ड डिडक्शन (50,000 रुपये)
- सरलता: कम नियमों और छूटों के कारण सरलता
- कमिटमेंट: सिंपल फॉर्म जमा करना, ज्यादातर मामलों में विस्तृत विवरण की आवश्यकता नहीं
नई कर प्रणाली में आयकर स्लैब इस प्रकार रहेगा-
3 लाख तक कोई कर नहीं
3 से 6 लाख 5 %
6 से 9 लाख 10 %
9 से 12 लाख 15 %
12 से 15 लाख 20 %
15 लाख से अधिक 30 %
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उदाहरण
मान लीजिए कि एक शिक्षक की आय 5 लाख रुपये है। पुरानी आयकर प्रणाली के तहत, उसे 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा, और शेष 2.5 लाख रुपये पर 20% कर देना होगा। इसका मतलब है कि उसे कुल 50,000 रुपये का कर देना होगा।
नवीन आयकर प्रणाली के तहत, उसे 3.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा, और शेष 1.5 लाख रुपये पर 15% कर देना होगा। इसका मतलब है कि उसे कुल 22,500 रुपये का कर देना होगा।
इस उदाहरण से स्पष्ट है कि नवीन आयकर प्रणाली के तहत शिक्षक को पुरानी आयकर प्रणाली की तुलना में कम कर देना होगा। यह कमी शिक्षक की आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करेगी।
शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए तुलना:
विशेषता | पुरानी आयकर प्रणाली | नई आयकर प्रणाली |
---|---|---|
टैक्स दरें | अधिक | कम |
छूट | अधिक | कम |
सरलता | कम | अधिक |
कमिटमेंट | अधिक | कम |
टैक्स रिजीम चुनना
अगर आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स रिटर्न फाइल करना है तो आपको इस बार अपना टैक्स रिजीम खुद से चुनना होगा, क्योंकि इस बार न्यू टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट रिजीम है. आईटीआर फाइलिंग पोर्टल पर आपको सबकुछ न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से मिलेगा. अच्छी बात है कि आप अपनी टैक्स रिजीम हर साल बदल सकते हैं. यानी कि इस बार न्यू में भरा, ये पसंद नहीं आया तो अगले साल फिर से ओल्ड में वापस जा सकते हैं.
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कैसे चुनें अपने लिए सही रिजीम
आपको किस रिजीम में कम टैक्स देना पड़ेगा, ये देखने के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर की सहायता ले सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बनाने के बाद एक नया टैक्स कैलकुलेटर जारी किया था, ताकि टैक्सपेयर्स ये कैलकुलेट कर सकें कि उनकी आय पर किस रिजीम में कितना टैक्स बन रहा है. ये कैलकुलेटर आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
आय और कर कैलकुलेटर के लिए यहां क्लिक करें
कौन सी प्रणाली बेहतर है?
यह आपके व्यक्तिगत हालात पर निर्भर करता है। यदि आपकी आय कम है और आप कई छूटों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी प्रणाली बेहतर हो सकती है। यदि आपकी आय अधिक है और जटिलताओं से बचना चाहते हैं, तो नई प्रणाली बेहतर हो सकती है।
शिक्षक एवं कर्मचारी आयकर वेतन गणना पत्रक भरने से पहले यहां समझे कहां-कहां मिल सकती है छूट 👇
HRA (गृह भाड़ा भत्ता) यदी आप किराये के मकान में रहते हैं,तो आपका गृह भाड़ा भत्ता की राशि को सकल वेतन में शामिल नहीं किया जाएगा।
दिव्यांग वाहन भत्ता की राशी भी सकल वेतन की गणना से मुक्त रहेगी।
24B गृह सम्पत्ति हेतु लिए गए कर्ज का ब्याज सकल वेतन की गणना से मुक्त रहेगा , बशर्ते वह सम्पत्ति किराये पर दी गयी है। किराये पर दी गयी संपत्ति हेतु हमें अपनी आय में किराया प्रदर्शित करना होगा ।
मानक कटौती (स्टेंडर्ड डिडक्शन) ₹50 हजार प्रत्येक वेतन भोगी और पेंशनर को यह सुविधा प्रदान की गई है की वह अपने सकल वेतन से ₹50 हजार घटाए ।
80CCD2 नियोक्ता,कम्पनी या सरकार का अंशदान (मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 20% तक नवीन शिक्षक संवर्ग के लिये 14% ) कुछ यूट्यूबर के वीडीयो के कारण इसको लेकर गफलत बनी हुई है । इसका लाभ नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में लिया जा सकता है । इस बचत का लाभ लेने के लिए हमें अपने आयकर गणना पत्रक में सकल वेतन के साथ सरकार, नियोक्ता या कंपनी का अंशदान भी जोड़ना होगा उसके बाद इसे घटाना होगा ।
87A में ₹25 हजार की रिबेट यह रिबेट 7 लाख तक कि कर योग्य आय पर प्राप्त होगी इसके बाद यह रिबेट मार्जिनल रहेगी अर्थात 722700 तक कि कर योग्य तक बढ़ती रहेगी उसके बाद पूरा आयकर लगेगा ।
दोनों ही व्यवस्था में 4 % शिक्षा एवं स्वास्थ्य उपकर लगेगा ।
वेतन भोगी कभी भी नई से पुरानी और पुरानी दे नई प्रणाली में जा सकता है।
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